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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 13 Mar 2022 08:56 PM IST
सार
सोमवार से शुरू होने जा रहे साक्षात्कार के लिए पांच बोर्ड का गठन किया गया है। पहले कोडिंग व्यवस्था न होने के कारण यह आशंका बनी रहती थी कि इंटरव्यू बोर्ड में बैठे सदस्यों को अभ्यर्थियों के नाम की जानकारी मिल सकती है और इससे चुनिंदा अभ्यर्थियों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया जा सकता है।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया 14 मार्च से शुरू होने जा रही है। साक्षात्कार में पारदर्शिता एवं गोपनीयता के लिए पहली बार कोडिंग व्यवस्था लागू की गई है। अभ्यर्थी भी काफी समय से मांग कर रहे थे कि साक्षात्कार में कोडिंग की व्यवस्था लागू की जाए। यह भर्ती आठ साल से फंसी हुई है। इसका विज्ञापन वर्ष 2013 में जारी किया गया था।
सोमवार से शुरू होने जा रहे साक्षात्कार के लिए पांच बोर्ड का गठन किया गया है। पहले कोडिंग व्यवस्था न होने के कारण यह आशंका बनी रहती थी कि इंटरव्यू बोर्ड में बैठे सदस्यों को अभ्यर्थियों के नाम की जानकारी मिल सकती है और इससे चुनिंदा अभ्यर्थियों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया जा सकता है।
इसी तरह अभ्यर्थी भी आसानी से मालूम कर सकते थे कि उनका इंटरव्यू किस बोर्ड में पड़ा है। इसमें भी गड़बड़ी की आशंका बनी रहती थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, लेकिन कोडिंग की व्यवस्था लागू होने के बाद विवाद की स्थिति नहीं रहेगी।
632 पदों के लिए बुलाए गए 3824 अभ्यर्थी
कोडिंग व्यवस्था लागू होने के बाद अब न तो अभ्यर्थियों को पता चलेगा की उनका साक्षात्कार किस बोर्ड में पड़ा है और न इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों के समक्ष अभ्यर्थी की पहचान सार्वजनिक होगी। प्रधानाचार्य के 632 पदों पर भर्ती के लिए 3824 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है।
प्रत्येक स्कूल के लिए मेरिट क्रम में पांच आवेदकों और संबंधित स्कूल के दो शिक्षकों को शामिल होना है। ऐसे में कुल 4424 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए अर्ह हैं, लेकिन स्कूलों से 1264 वरिष्ठतम शिक्षकों की सूची नहीं मिल सकी है। चयन बोर्ड को जिलों से 664 वरिष्ठतम शिक्षकों की सूचना ही प्राप्त हुई है। ऐसे में अभ्यर्थियों की संख्या 600 कम हो गई है।
विस्तार
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया 14 मार्च से शुरू होने जा रही है। साक्षात्कार में पारदर्शिता एवं गोपनीयता के लिए पहली बार कोडिंग व्यवस्था लागू की गई है। अभ्यर्थी भी काफी समय से मांग कर रहे थे कि साक्षात्कार में कोडिंग की व्यवस्था लागू की जाए। यह भर्ती आठ साल से फंसी हुई है। इसका विज्ञापन वर्ष 2013 में जारी किया गया था।
सोमवार से शुरू होने जा रहे साक्षात्कार के लिए पांच बोर्ड का गठन किया गया है। पहले कोडिंग व्यवस्था न होने के कारण यह आशंका बनी रहती थी कि इंटरव्यू बोर्ड में बैठे सदस्यों को अभ्यर्थियों के नाम की जानकारी मिल सकती है और इससे चुनिंदा अभ्यर्थियों को अनावश्यक लाभ पहुंचाया जा सकता है।
इसी तरह अभ्यर्थी भी आसानी से मालूम कर सकते थे कि उनका इंटरव्यू किस बोर्ड में पड़ा है। इसमें भी गड़बड़ी की आशंका बनी रहती थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, लेकिन कोडिंग की व्यवस्था लागू होने के बाद विवाद की स्थिति नहीं रहेगी।
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