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संवाद न्यूज एजेंसी, मैनपुरी
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 14 Mar 2022 05:28 PM IST
सार
अखिलेश यादव यदि करहल सीट छोड़ते हैं, तो यहां से सपा किसे चुनाव मैदान में उतारेगी, इस सवाल को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि माना ये जा रहा है कि सोबरन सिंह को यहां से दावेदारी करने का मौका मिल सकता है। सोबरन सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल सीट छोड़ सकते हैं। ऐसी चर्चाएं विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही शुरू हो गईं। ऐसे में अगर करहल सीट पर उपचुनाव होता है तो सपा किसे उम्मीदवार बनाएगी ? इसे लेकर भी कयासबाजी शुरू हो गई है। स्थानीय सपा नेताओं से लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
इस बार अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने रिकॉर्ड 67504 मतों से भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया। करहल सीट पर अब तक की यह सबसे बड़ी जीत है। हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम सपा के पक्ष में नहीं आए। भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार का गठन करने जा रही है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं। वहीं अब करहल से विधायक भी बन गए हैं। उनकी जीत के साथ ही करहल सीट पर उपचुनाव की अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। इससे स्पष्ट है कि वह करहल विधानसभा सीट छोड़ देंगे। अगर ऐसा हुआ तो करहल सीट पर उपचुनाव होगा।
अगर करहल सीट पर उपचुनाव होता है तो पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है। सोबरन सिंह करहल से लगातार तीन बार विधायक चुने गए हैं। 2017 के चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 40 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। इस चुनाव में उन्होंने ही अखिलेश यादव से पहले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी करहल सीट का चुनने का अनुरोध किया था। ऐसे में उनके नाम की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में स्वामी प्रसाद मौर्य की भी यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर चल रही है, लेकिन इसे लेकर कोई अहम तथ्य सामने नहीं आया है।
विस्तार
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल सीट छोड़ सकते हैं। ऐसी चर्चाएं विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही शुरू हो गईं। ऐसे में अगर करहल सीट पर उपचुनाव होता है तो सपा किसे उम्मीदवार बनाएगी ? इसे लेकर भी कयासबाजी शुरू हो गई है। स्थानीय सपा नेताओं से लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
इस बार अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने रिकॉर्ड 67504 मतों से भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया। करहल सीट पर अब तक की यह सबसे बड़ी जीत है। हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम सपा के पक्ष में नहीं आए। भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार का गठन करने जा रही है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं। वहीं अब करहल से विधायक भी बन गए हैं। उनकी जीत के साथ ही करहल सीट पर उपचुनाव की अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। इससे स्पष्ट है कि वह करहल विधानसभा सीट छोड़ देंगे। अगर ऐसा हुआ तो करहल सीट पर उपचुनाव होगा।
अगर करहल सीट पर उपचुनाव होता है तो पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है। सोबरन सिंह करहल से लगातार तीन बार विधायक चुने गए हैं। 2017 के चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 40 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। इस चुनाव में उन्होंने ही अखिलेश यादव से पहले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी करहल सीट का चुनने का अनुरोध किया था। ऐसे में उनके नाम की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में स्वामी प्रसाद मौर्य की भी यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर चल रही है, लेकिन इसे लेकर कोई अहम तथ्य सामने नहीं आया है।
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