[ad_1]
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 18 May 2022 07:33 PM IST
सार
डॉक्टरों का कहना है कि लगातार गर्मी बने रहने से वायरल और बैक्टीरियल दोनों संक्रमण बढ़ गए हैं। आंतों का संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जा रहा है। डायरिया होने से शरीर में पानी कम होते ही गुर्दे फे ल हो रहे हैं।
कानपुर में भीषण गर्मी की वजह से समर डायरिया समेत दूसरी बीमारियों ने हमला बोल दिया है। शरीर में पानी और नमक की कमी होने से डायरिया तो हो ही रहा है, लोगों के गुर्दे भी प्रभावित हो रहे हैं। रोगियों को एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) हो जा रही है। इसके साथ ही न्यूरो की दिक्कत पैदा हो रही है।
डायरिया और गुर्दे फेल होने से पांच रोगियों की मौत हो गई। लू लगने के रोगियों को भर्ती किया गया है। निजी अस्पतालों में भी रोगी भर्ती किए गए हैं। जिन रोगियों के पहले से गुर्दे खराब हैं, उन्हें डायलिसिस करानी पड़ रही। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार गर्मी बने रहने से वायरल और बैक्टीरियल दोनों संक्रमण बढ़ गए हैं। आंतों का संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जा रहा है। डायरिया होने से शरीर में पानी कम होते ही गुर्दे फे ल हो रहे हैं।
कल्याणपुर के रामप्रकाश (70) के गुर्दे डायरिया के बाद फेल हो गए। पेशाब रुकने की शिकायत पर परिजन हैलट ला रहे थे, रास्ते में हार्टअटैक से मौत हो गई। इसी तरह मंधना के संजीवन (65) की गुर्दे फेल होने से मौत हुई है। उन्हें दो दिन से दस्त आ रहे थे। वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि डायरिया से एक्यूट किडनी इंजरी (एकेई) हो रही है। इलाज से 90 फीसदी रोगी ठीक हो जाते हैं। जिनके गुर्दे में पहले से खराबी होती है, उन्हें दिक्कत होती है। चकेरी में रंजीत की दो साल की बच्ची राधिका और लालबंगला में विमलेश (7) की डायरिया से मौत हुई है।
उनका इलाज क्षेत्र के डॉक्टर के यहां चल रहा था जब हालत बिगड़ी तो परिजन कांशीराम अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन मौत हो गई। फजलगंज के रीतेश (5) की डायरिया से मौत हुई है। परिजनों ने बताया कि दो दिन पहले वे बाहर से लौटे हैं। बच्चे को पहले उल्टियां हुईं, फिर दस्त आने लगे। बालरोग अस्पताल की ओपीडी में डायरिया रोगियों की भरमार रही है। कुछ रोगियों को झटके आने लगे। उनका सीटी स्कैन कराया गया।
विस्तार
कानपुर में भीषण गर्मी की वजह से समर डायरिया समेत दूसरी बीमारियों ने हमला बोल दिया है। शरीर में पानी और नमक की कमी होने से डायरिया तो हो ही रहा है, लोगों के गुर्दे भी प्रभावित हो रहे हैं। रोगियों को एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) हो जा रही है। इसके साथ ही न्यूरो की दिक्कत पैदा हो रही है।
डायरिया और गुर्दे फेल होने से पांच रोगियों की मौत हो गई। लू लगने के रोगियों को भर्ती किया गया है। निजी अस्पतालों में भी रोगी भर्ती किए गए हैं। जिन रोगियों के पहले से गुर्दे खराब हैं, उन्हें डायलिसिस करानी पड़ रही। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार गर्मी बने रहने से वायरल और बैक्टीरियल दोनों संक्रमण बढ़ गए हैं। आंतों का संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जा रहा है। डायरिया होने से शरीर में पानी कम होते ही गुर्दे फे ल हो रहे हैं।
[ad_2]
Source link