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अतीक अहमद। फाइल फोटो
– फोटो : सोशल मीडिया
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पुलिस कर्मी एहतेशाम माफिया अतीक की सुरक्षा के दौरान उसके रुतबे से काफी प्रभावित था। सांसद रहे अतीक की सुरक्षा के दौरान वह ऐशो आराम की जिंदगी जीने का आदी बन गया था। पगार तो वह पुलिस विभाग की लेता था लेकिन काम माफिया के इशारे पर करता था। राजू पाल हत्याकांड में अतीक के जेल जाने के बाद एहतेशाम ने पुलिस की नौकरी से तौबा कर ली और माफिया के शूटर अब्दुल कवि के गठजोड़ कर कौशाम्बी सहित कई जनपदों में खुद की बादशाहत कायम करने के लिए निकल पड़ा।
सरायअकिल कोतवाली के पुरखास गांव का एहतेशाम तीन भाई हैं। एक भाई मुंबई में रहकर नौकरी करता है जबकि एक फकीराबाद में चश्मे की दुकान का संचालन करता है। एहतेशाम पुलिस में सिपाही था। वर्ष 2004 में वह फूलपुर से सांसद चुने गए माफिया अतीक की सुरक्षा में लगाया गया। अतीक के साथ रहते हुए एहतेशाम को शान ओ शौकत से रहने की आदत पड़ गई। एहतेशाम की मुलाकात वहीं आईएस-227 के गैंग (इंटर स्टेट-227) के सदस्यों से हुई।
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