हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बॉइलाज में संशोधन पर कई अधिवक्ताओं के विरोध और हंगामे की वजह से मतदान नहीं हो सका। हालांकि, मतदान प्रक्रिया के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ कैमरों की निगरानी की व्यवस्था की गई थी। कई पदाधिकारियों सहित अधिवक्ताओं का एक धड़ा बाईलाज में संशोधन का विरोध कर रहा है। उनका आरोप है कि आम सभा नहीं बुलाई गई, जो विधिक प्रक्रिया की अवहेलना है।
विरोध व हंगामे को देखते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने एक बजे इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज मिश्र को संबोधित करते हुए दिया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने 21 अक्तूबर को 3.30 बजे आपात बैठक बुलाने का आदेश जारी कर दिया। किंतु महासचिव एसडी सिंह जादौन ने देर शाम गवर्निंग काउंसिल की आपात बैठक बुलाई। इसमे अध्यक्ष के इस्तीफे को सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया। साथ ही ओझा को मनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। कार्यकारिणी उनके आवास पर मनाने गई है। उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई गवर्निंग काउंसिल की बैठक का संचालन महासचिव एसडी सिंह जादौन ने किया।
काउंसिल के समक्ष तीन प्रस्ताव रखे गए, जिनपर चर्चा के बाद अध्यक्ष के त्यागपत्र को अस्वीकार कर दिया गया। मतदान प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई। साथ ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष की ओर से 21 अक्तूबर को बैठक बुलाने का आदेश भी रद्द कर दिया गया। बैठक में उपाध्यक्ष सत्यम पांडेय, श्यामाचरण त्रिपाठी, संजय सिंह सोमवंशी संयुक्त सचिव प्रशासन, यादवेश यादव संयुक्त सचिव पुस्तकालय, आशुतोष त्रिपाठी संयुक्त सचिव प्रेस, ऊष्मा मिश्रा संयुक्त सचिव महिला, अरुण कुमार सिंह कोषाध्यक्ष, प्रियंका शर्मा, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जितेंद्र सिंह, दिलीप कुमार यादव, अनुराग शुक्ल, हरिमोहन केसरवानी, दीपांकर द्विवेदी, मानव चौरसिया एवं विकास नीरज गवर्निंग काउंसिल सदस्य मौजूद थे। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।
मुख्य न्यायमूर्ति को घटनाक्रम के बारे में कराया अवगत
मतदान कमेटी के सदस्य महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि घटनाक्रम से मुख्य न्यायाधीश को अवगत कराया गया है। स्थिति सामान्य होते ही मतदान प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। मतदान19 से 21 अक्तूबर तक सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक होना था, जिसे अगले निर्णय तक स्थगित कर दिया गया है। बार के दो पूर्व अध्यक्षों ने अपनाई गई प्रक्रिया को गलत बताया। उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह यादव ने 600 सदस्यों के हस्ताक्षर से मतदान के बहिष्कार का आह्वान किया था।
पूर्व महासचिव प्रभाशंकर मिश्र,अधिवक्ता ऋतेश श्रीवास्तव, पूर्व संयुक्त सचिव संतोष कुमार मिश्र की आपत्ति है कि बाईलाज में संशोधन आम सभा में चर्चा के बाद सीक्रेट बैलेट से, दो तिहाई बहुमत पर ही किया जा सकता है। आमसभा न बुलाना प्रक्रिया की अवज्ञा है। साथ ही गवर्निंग काउंसिल या सभा प्रतिनिधियों को कदाचार की शिकायत सही पाए जाने पर सदस्यता समाप्त करने का अधिकार देने का विरोध हो रहा है। अब तक यह अधिकार आम सभा को दिया गया है।
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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के बॉइलाज में संशोधन पर कई अधिवक्ताओं के विरोध और हंगामे की वजह से मतदान नहीं हो सका। हालांकि, मतदान प्रक्रिया के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती के साथ कैमरों की निगरानी की व्यवस्था की गई थी। कई पदाधिकारियों सहित अधिवक्ताओं का एक धड़ा बाईलाज में संशोधन का विरोध कर रहा है। उनका आरोप है कि आम सभा नहीं बुलाई गई, जो विधिक प्रक्रिया की अवहेलना है।
विरोध व हंगामे को देखते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने एक बजे इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज मिश्र को संबोधित करते हुए दिया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने 21 अक्तूबर को 3.30 बजे आपात बैठक बुलाने का आदेश जारी कर दिया। किंतु महासचिव एसडी सिंह जादौन ने देर शाम गवर्निंग काउंसिल की आपात बैठक बुलाई। इसमे अध्यक्ष के इस्तीफे को सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया। साथ ही ओझा को मनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। कार्यकारिणी उनके आवास पर मनाने गई है। उपाध्यक्ष नीरज कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई गवर्निंग काउंसिल की बैठक का संचालन महासचिव एसडी सिंह जादौन ने किया।