नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। विभिन्न जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। इसक साथ ही ड्रोन से निगरानी की जा रही है। प्रदेश के 20 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा फिर से बंद कर दी गई है। इनमें अधिकांश वे जिले शामिल हैं जहां पिछले सप्ताह हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
वहीं दोषियों पर कार्रवाई को लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में और हमने पूरी रणनीति के साथ पुलिस बलों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि किसी बेकसूर को नहीं पकड़ा जाएगा और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे उन्हें किसी हाल में बख्शेंगे नहीं।
डीजीपी ओमप्रकाश सिंह की ओर से सभी जिलों के अध्यक्षों को भेजे गए निर्देशों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए लागू की गई जोन और सेक्टर की व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा गया है। जिलों में मस्जिदों के इमामों से संपर्क कर उनसे नमाज के बाद शांति बनाए रखने की अपील करने का आग्रह किया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि फिलहाल सभी जगह स्थिथि ठीक है। पुलिस सभी जगह पर नजर बनाए हुए है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदेश में अलग अलग शहरों में जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए इस बार विशेष सतर्कता बरती गई है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह की ओर से शुक्रवार को होने वाली नमाज के लिए खास अलर्ट जारी किया गया है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील जिलों में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती गई है। पिछली बार की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए 120 कंपनी पीएसी और लगभग 35 कंपनी अर्ध सैनिक बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा भारी संख्या में सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, पुलिस उपाधीक्ष, अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों की तैनाती की गई है।
सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह उपलब्धता के आधार पर ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग करें। पुलिस कर्मियें को पैदल गश्त आम लोगों के साथ संवाद करने और वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रों को जोन और सेक्टर में बांटने की व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा गया है।
जांच के लिए हर जिले में एसआईटी बनेगी, बिना साक्ष्य के न हो गिरफ्तारी
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में बिना साक्ष्य के किसी की गिरफ्तारी न की जाए। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा है कि हिंसा के मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें। जिस जिले में अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम का पद नहीं है वहां किसी अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें।
सभी जिलों के अधिकारियों को भेजे निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में बिना साक्ष्य किसी की गिरफ्तारी न की जाए। जो भी एफआईआर दर्ज की गई हैं, उसमें पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि किसपर कितना अपराध बनता है, उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाए। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में मारपीट की घटना न होने पाए। डीजीपी ने अधिकारियों को आगाह किया है कि गुण-दोष के आधार पर ही विवेचना की जाए, किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की स्थिति न पैदा होने पाए।
कई जिलों में इंटरनेट सेवा रहेंगी प्रभावित
शुक्रवार की नमाज के बाद कोई अफवाह न फैले इसके लिए कई जिलों में अगले 24 घंटे के लिए जिलाधिकारियों द्वारा इंटरनेट सेवा आंशिक या पूरी तरह से प्रभावित रहेंगी। इन में प्रमुख रूप से कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर, संभल, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा शामिल हैं। इन लगभग सभी जिलों में सीएए के विरोध में हिंसा हुई थी।
शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस के साथ-साथ आरएएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और पीएसी के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं। शुक्रवार को संवेदनशील इलाकों की निगरानी ड्रोन से भी होगी। सेना भी सक्रिय है। .
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को दो-दो कंपनी आरएएफ व आईटीबीपी, चार कंपनी पीएसी और एक कंपनी एसएसबी तैनात रहेगी। दो हजार सिपाही, पांच सौ दरोगा व सौ इंस्पेक्टर भी तैनात रहेंगे। जालौन और उन्नाव से अतिरिक्त पुलिस बल मंगा लिया गया है। बृहस्पतिवार शाम से ही पुलिस बल ने अलग-अलग इलाकों में फ्लैग मार्च शुरू कर दिया।
बॉडी वार्न कैमरों का होगा इस्तेमाल
पुलिस अधिकारियों समेत करीब दो सौ पुलिसकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं। ड्यूटी के वक्त वह इन कैमरों से लैस रहेंगे। इस कैमरे में क्षेत्र की हर गतिविधि कैद होगी। अगर किसी ने कोई खुराफात करने की कोशिश की, तो उसकी हरकत कैमरे में कैद हो जाएगी, जिससे वह आसानी से पकड़ में आ जाएगा।
पिछले जुमे शहर में नमाज के बाद हुई हिंसा से सबक लेकर इस जुमे की नमाज पर प्रशासन और पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। जिले में 612 हॉट स्पॉट यानी सर्वाधिक संवेदनशील स्थान चिह्नित किए गए हैं। इन सभी जगहों पर फोर्स के साथ एक-एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इसी तरह हर थाने में चार-चार सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
पूरी व्यवस्था की निगरानी के लिए एडीएम रैंक के सुपर जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। एडीएम (सिटी) राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इसके अलावा कमिश्नर, एडीजी रेंज, डीएम, एसएसपी समेत सभी आला अफसर लगातार क्षेत्र का भ्रमण करते रहेंगे।
पुलिस के मुताबिक जिले को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है। पैरामिलिट्री, पीएसी के अलावा पुलिस बल की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरे उड़ाकर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेगी। शहर की सुरक्षा की कमान संभालने के लिए दो अतिरिक्त एसपी के अलावा बाहर से फोर्स भी बृहस्पतिवार को पहुंच गई।
घरों के बाहर से ईंटें हटवाईं गईं
एसएसपी डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने कोतवाली, राजघाट, तिवारीपुर समेत कई इलाकों में घरों के बाहर रखी गई ईंटों को हटवा दिया है। इसके साथ ही कुछ संवेदनशील घरों की छतों की भी पुलिस ने ड्रोन की मदद से जांच की है।
मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, शामली समेत समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट रहेगा। जुमे की नमाज को देखते हुए मेरठ शहर में 22 संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। वहीं, बृहस्पतिवार दोपहर डीएम के आदेश पर शुक्रवार और शनिवार को बारहवीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया।
वहीं बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, शामली में भी प्रशासन अलर्ट है। बृहस्पतिवार को जगह जगह पैदल मार्च किया गया। जोन और सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है। धारा 144 लागू है तथा इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। किसी भी तरह के प्रदर्शन, जुलूस और रैली पर पूरी तरह पाबंदी है।
बिजनौर में 10 कंपनी पीएसी व अर्द्धसैनिक बल को लगाया गया है। मुजफ्फरनगर शहर में एक सप्ताह पूर्व हुए उपद्रव वाले स्थानों में मदीना चौक, कच्ची सड़क, मीनाक्षी चौक, फक्करशाह चौक व अन्य स्थलों पर भी फोर्स तैनात कर दी गई है। इसी बीच बृहस्पतिवार को सरवट क्षेत्र में विवादित पोस्टर लगाकर कुछ लोगों ने शहर की फिजा बिगाड़ने की कोशिश की।
पुलिस ने तत्काल उक्त पोस्टर उतारकर कब्जे में ले लिए। उधर, बागपत को चार जोन और 16 सेक्टर में बांट दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। शामली जिले को चार सुपर जोन, नौ जोन और 58 सेक्टर में बांटकर सुुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
10 क्यूआरटी और एक कंपनी पीएसी को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया है। कैराना पर खास फोकस रहेगा। डीएम और एसपी ने शांति समितियों की बैठक कर शांति की अपील की। जिले में इंटरनेट सेवाओं को बृहस्पतिवार देर शाम से शुक्रवार शाम चार बजे तक बंद करने के निर्देश दिए हैं। ब्यूरो
झांसी में जुमे की नमाज को लेकर जिला प्रशासन फिर से सतर्क हो गया है। अधिकारियों के निर्देश पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है। बृहस्पतिवार को देर रात तक अधिकारी घूम-घूम कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे।
डीएम शिवसहाय अवस्थी व एसएसपी डॉ. ओपी सिंह शहर काजी, मौलानाओं व संभ्रात नागरिकों से संवाद स्थापित किया। देर रात शहरी इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया। मुस्लिम इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। ड्रोन से भी कई इलाकों में नजर रखी जाएगी। हर छोटी-बड़ी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी। क्षेत्र में मजिस्ट्रेटों की भी तैनाती की गई है।
मथुरा : ड्रोन से शहर की निगरानी
जुमे की नमाज से एक दिन पहले ही शहर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। आठ जोन और 34 सेक्टरों में शहर को बांटकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद नजर आए। ड्रोन से मिश्रित आबादी में पूरी निगरानी की गई। पैदल गश्त करके पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
मुरादाबाद जनपद को आठ जोन और 20 सेक्टर में बांटा गया है। सर्किल अफसर के साथ ही सेक्टर मजिस्ट्रेट लगातार भ्रमणशील रहेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर, पुलिस, आरएएफ, पीएसी, रिक्रूट दरोगा की शहर में चप्पे चप्पे पर तैनाती की गई है।
साइबर सेल और सर्विलांस की टीमें सोशल मीडिया पर निगरानी कर रही हैं। डेढ़ सौ लोगों को पुलिस ने पाबंद किया है। बृहस्पतिवार को जनपद में फ्लैग मार्च कर लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई। जोन के संभल में भी कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। ब्यूरो
रामपुर : 53 मजिस्ट्रेटों की तैनाती, प्रमुख मस्जिदों के पास तैनात रहेगी पुलिस
जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। इसके तहत 48 मजिस्ट्रेट और पांच जोनल मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। सभी प्रमुख मस्जिदों के पास सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात रहेगी। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर शहर में 16 मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। इसके अलावा रात के समय भी 16 मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर रहेंगे। इन मजिस्ट्रटों से समन्वय बनाए रखने के लिए पांच जोनल मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गई है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया गया है। विभिन्न जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है, ड्रोन से निगरानी की जा रही है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह की ओर से सभी जिलों के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भेजे गए हैं।
क्षेत्रों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए लागू की गई जोन और सेक्टर की व्यवस्था को जारी रखने के लिए भी कहा गया है। जिलों में मस्जिदों के इमामों से संपर्क कर उनसे नमाज के बाद शांति बनाए रखने की अपील करने का आग्रह किया गया है। उन जिलों में खास सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं, जहां पिछले सप्ताह हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। विभिन्न जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। इसक साथ ही ड्रोन से निगरानी की जा रही है। प्रदेश के 20 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा फिर से बंद कर दी गई है। इनमें अधिकांश वे जिले शामिल हैं जहां पिछले सप्ताह हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
वहीं दोषियों पर कार्रवाई को लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में और हमने पूरी रणनीति के साथ पुलिस बलों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि किसी बेकसूर को नहीं पकड़ा जाएगा और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे उन्हें किसी हाल में बख्शेंगे नहीं।
डीजीपी ओमप्रकाश सिंह की ओर से सभी जिलों के अध्यक्षों को भेजे गए निर्देशों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए लागू की गई जोन और सेक्टर की व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा गया है। जिलों में मस्जिदों के इमामों से संपर्क कर उनसे नमाज के बाद शांति बनाए रखने की अपील करने का आग्रह किया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि फिलहाल सभी जगह स्थिथि ठीक है। पुलिस सभी जगह पर नजर बनाए हुए है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदेश में अलग अलग शहरों में जुमे की नमाज के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए इस बार विशेष सतर्कता बरती गई है। डीजीपी ओम प्रकाश सिंह की ओर से शुक्रवार को होने वाली नमाज के लिए खास अलर्ट जारी किया गया है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील जिलों में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती गई है। पिछली बार की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए 120 कंपनी पीएसी और लगभग 35 कंपनी अर्ध सैनिक बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा भारी संख्या में सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, पुलिस उपाधीक्ष, अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों की तैनाती की गई है।
सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह उपलब्धता के आधार पर ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग करें। पुलिस कर्मियें को पैदल गश्त आम लोगों के साथ संवाद करने और वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रों को जोन और सेक्टर में बांटने की व्यवस्था को जारी रखने के लिए कहा गया है।
जांच के लिए हर जिले में एसआईटी बनेगी, बिना साक्ष्य के न हो गिरफ्तारी
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में बिना साक्ष्य के किसी की गिरफ्तारी न की जाए। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा है कि हिंसा के मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें। जिस जिले में अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम का पद नहीं है वहां किसी अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें।
सभी जिलों के अधिकारियों को भेजे निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में बिना साक्ष्य किसी की गिरफ्तारी न की जाए। जो भी एफआईआर दर्ज की गई हैं, उसमें पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि किसपर कितना अपराध बनता है, उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाए। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में मारपीट की घटना न होने पाए। डीजीपी ने अधिकारियों को आगाह किया है कि गुण-दोष के आधार पर ही विवेचना की जाए, किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की स्थिति न पैदा होने पाए।
कई जिलों में इंटरनेट सेवा रहेंगी प्रभावित
शुक्रवार की नमाज के बाद कोई अफवाह न फैले इसके लिए कई जिलों में अगले 24 घंटे के लिए जिलाधिकारियों द्वारा इंटरनेट सेवा आंशिक या पूरी तरह से प्रभावित रहेंगी। इन में प्रमुख रूप से कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर, संभल, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा शामिल हैं। इन लगभग सभी जिलों में सीएए के विरोध में हिंसा हुई थी।