योगी की नई टीम : अगर योगी ने अपनाया मोदी मॉडल तो इनका मंत्री बनना पक्का, मंत्रालय के बंटवारे में भी दिखेगी ताकत

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सार

गुरुवार को विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लग चुका है। अब कोई संदेह नहीं है कि उत्तर प्रदेश की कमान फिर से योगी आदित्यनाथ ही संभालने जा रहे हैं। 

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योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। आज वह लखनऊ में शपथ ग्रहण करेंगे। गुरुवार को विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित किया।

35 मिनट के अपने भाषण में योगी ने 17 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी कैबिनेट में भी पीएम मोदी की छाप दिख सकती है। मोदी सरकार की तरह योगी सरकार में भी कई नौकरशाह शामिल किए जा सकते हैं। चुनाव में भी भाजपा ने पूर्व नौकरशाहों को टिकट दिया और अब वो जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए हैं।  

 मोदी सरकार में कई पूर्व नौकरशाह हैं मंत्री
 प्रधानमंत्री की कैबिनेट में कई पूर्व अफसरों शामिल हैं। इसमें पूर्व आईएएस अश्विनी वैष्णव जो अब केंद्रीय रेल मंत्री हैं। कई देशों में भारतीय राजदूत के तौर पर काम कर चुके हरदीप सिंह पुरी इस वक्त केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हैं। डॉ. एस जयशंकर इस वक्त विदेश मंत्री हैं। राजनीति में आने से पहले वह कई देशों के राजदूत रहे। इसी तरह सेना से रिटायर्ड मेजर जनरल वीके सिंह भी मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। अगर योगी आदित्यनाथ भी इस मॉडल को अपनाते हैं हो उनकी कैबिनेट में पूर्व नौकरशाह होंगे। 
1. राजेश्वर सिंह :  लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा के विधायक राजेश्वर सिंह का नाम मंत्रियों के संभावित लिस्ट में आगे चल रहा है। राजेश्वर ने चुनाव लड़ने से कुछ दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी से वीआरएस लिया था। वह ईडी के जॉइंट डायरेक्टर थे। वीआरएस मिलते ही भाजपा जॉइन कर ली। चुनाव में टिकट मिला और जीत भी गए। 
राजेश्वर के भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। एक बहन मीनाक्षी आईआरएस अफसर हैं, जबकि बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस में थीं। पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ रेंज की आईजी हैं। बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं। एक और बहनोई वाईपी सिंह आईपीएस रहे, उन्होंने भी वीआरएस लिया था।

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2.असीम अरुण : सीनियर आईपीएस रहे असीम अरुण इस बार कन्नौज से विधायक चुने गए हैं। असीम ने चुनाव से ठीक पहले वीआरएस लेकर भाजपा जॉइन की थी। इसके पहले वह कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे। भाजपा ने उन्हें कन्नौज से टिकट दिया था और वह जीत भी गए। असीम दलित वर्ग से आते हैं। 

3. एके शर्मा : रिटायर्ड आईएएस एके शर्मा भी मंत्री पद की दौड़ में काफी आगे हैं। अफसर रहते हुए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीब रहे। पहले गुजरात और फिर केंद्र में भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम कर चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। फिलहाल शर्मा एमएलसी हैं।

विस्तार

योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। आज वह लखनऊ में शपथ ग्रहण करेंगे। गुरुवार को विधायक दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित किया।

35 मिनट के अपने भाषण में योगी ने 17 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी कैबिनेट में भी पीएम मोदी की छाप दिख सकती है। मोदी सरकार की तरह योगी सरकार में भी कई नौकरशाह शामिल किए जा सकते हैं। चुनाव में भी भाजपा ने पूर्व नौकरशाहों को टिकट दिया और अब वो जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए हैं।  

 मोदी सरकार में कई पूर्व नौकरशाह हैं मंत्री

 प्रधानमंत्री की कैबिनेट में कई पूर्व अफसरों शामिल हैं। इसमें पूर्व आईएएस अश्विनी वैष्णव जो अब केंद्रीय रेल मंत्री हैं। कई देशों में भारतीय राजदूत के तौर पर काम कर चुके हरदीप सिंह पुरी इस वक्त केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हैं। डॉ. एस जयशंकर इस वक्त विदेश मंत्री हैं। राजनीति में आने से पहले वह कई देशों के राजदूत रहे। इसी तरह सेना से रिटायर्ड मेजर जनरल वीके सिंह भी मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। अगर योगी आदित्यनाथ भी इस मॉडल को अपनाते हैं हो उनकी कैबिनेट में पूर्व नौकरशाह होंगे। 

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