योगी सरकार ने नई तबादला नीति को दी मंजूरी : जिले में तीन और मंडल में सात साल पूरे कर चुके अफसर जाएंगे बाहर

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Yogi cabinet meeting today transfer policy may get approval

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक। (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala

विस्तार

कैबिनेट ने मंगलवार को स्थानांतरण नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी। इसमें समूह क और ख के उन अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाएंगे, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं। स्थानांतरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जाएगी। स्थानांतरण सत्र के बाद अब समूह क के साथ ही समूह ख के कार्मिकों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेकर ही हो सकेंगे। इस फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यह भी बताया कि स्थानांतरण सत्र में किसी भी तरह के तबादले विभागीय मंत्री की मंजूरी से ही होंगे।

समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक ही किए जा सकेंगे। समूह ग व घ के संवर्गवार 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे। इसके तहत सर्वाधिक समय से कार्यरत कार्मिकों के स्थानांतरण प्राथमिकता पर किए जाएंगे।

स्थानांतरण नीति में कहा गया है कि समूह ग के कार्मिकों के पटल या क्षेत्र परिवर्तन के लिए 13 मई 2022 को जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट आधारित ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किए जाने की व्यवस्था की गई है।

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दिव्यांग बच्चों के माता-पिता से लिए जाएंगे विकल्प

मंदित बच्चों और चलने-फिरने से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प लेकर ऐसे स्थान पर किए जाने की व्यवस्था की गई है, जहां उसकी उचित देखभाल और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।

विकास में पिछड़े 14 जिलों व 100 विकास खंडों को तैनाती में प्राथमिकता

भारत सरकार की ओर से घोषित आकांक्षी जिलों फतेहपुर, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, चंदौली व सोनभद्र, 34 जिलों के 100 विकास खंडों और बुंदेलखंड के सभी जिलों में तैनाती करके संतृप्तीकरण किए जाने की व्यवस्था की गई है। यानी, इन जिलों व विकास खंडों में कोई भी पद खाली नहीं रहेगा।

 

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