रामनवमी आज: इसी दिन जन्मे थे भगवान श्रीराम, विधि-विधान से करें पूजन, यह है शुभ मुहूर्त

0
23

[ad_1]

सार

इस बार रामनवमी पर रवि पुष्य योग व त्रिशक्ति योग बन रहे हैं। इसके कारण श्रीराम की पूजा समृद्धि और विजय प्राप्त कराने वाली होगी।

ख़बर सुनें

नवरात्र की नवमी तिथि पर रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। रविवार को पुष्य नक्षत्र, सुकर्म, सर्वार्थ सिद्धि योग, शश महापुरुष योग बन रहे हैं। रवि पुष्य योग व त्रिशक्ति योग होने के कारण श्रीराम की पूजा समृद्धि और विजय प्राप्त कराने वाली होगी। ‘श्री रामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारुणं…’ की आरती के साथ श्रद्धालु भगवान श्रीराम की पूजा करेंगे।

आगरा की ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि श्रीराम को भगवान विष्णु का सप्तम अवतार माना जाता है। त्रेता युग में जब धरती पर असुरों का उत्पात बढ़ गया। तब उनका विनाश करने के लिए भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर श्रीराम के स्वरूप में अवतार लिया। श्रीराम ने धर्म की स्थापना के लिए पूरे जीवन अपार कष्ट सहे और एक आदर्श राजा के रूप में स्वयं को स्थापित किया। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा गया। उन्होंने बताया कि पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 11:30 बजे से दोपहर 1:32 बजे तक है। 

रामनवमी की पूजा विधि

पंडित ज्ञानेश शास्त्री ने बताया कि श्रीराम की प्रतिमा चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें। केसर, चंदन, अक्षत से तिलक करें। सुंदर वस्त्र, आभूषण धारण कराएं। पुष्प माला पहनाएं। सुगंधित इत्र भी प्रदान करें। पीली बर्फी, लड्डू, फल, तुलसी के पत्ते अर्पित करें। घी का दीपक, धूपबत्ती जलाकर श्रीरामचरितमानस राम रक्षा स्रोत और सुंदरकांड का पाठ करें। आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। 

रामनवमी पर 10 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग 

रामनवमी पर इस वर्ष रवि पुष्य योग बन रहा है, जो पूरे 24 घंटे तक रहेगा। खरीदारी के लिए इसे अबूझ मुहूर्त भी माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य शिवशरण पारासर ने बताया कि इससे पहले ऐसा शुभ संयोग 1 अप्रैल 2012 को बना था और अब 6 अप्रैल 2025 को दोबारा बनेगा। उन्होने बताया कि शनिवार को देर रात 1.25 बजे से रविवार को देर रात 3.15 बजे तक रामनवमी रहेगी।

यह भी पढ़ें -  Aligarh Mahotsav: अलीगढ़ की नुमाइश में सुधीर नारायण-कमाल खान गजल नाइट, आज के ये हैं प्रोग्राम

विस्तार

नवरात्र की नवमी तिथि पर रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। रविवार को पुष्य नक्षत्र, सुकर्म, सर्वार्थ सिद्धि योग, शश महापुरुष योग बन रहे हैं। रवि पुष्य योग व त्रिशक्ति योग होने के कारण श्रीराम की पूजा समृद्धि और विजय प्राप्त कराने वाली होगी। ‘श्री रामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारुणं…’ की आरती के साथ श्रद्धालु भगवान श्रीराम की पूजा करेंगे।

आगरा की ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि श्रीराम को भगवान विष्णु का सप्तम अवतार माना जाता है। त्रेता युग में जब धरती पर असुरों का उत्पात बढ़ गया। तब उनका विनाश करने के लिए भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर श्रीराम के स्वरूप में अवतार लिया। श्रीराम ने धर्म की स्थापना के लिए पूरे जीवन अपार कष्ट सहे और एक आदर्श राजा के रूप में स्वयं को स्थापित किया। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहा गया। उन्होंने बताया कि पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 11:30 बजे से दोपहर 1:32 बजे तक है। 

रामनवमी की पूजा विधि

पंडित ज्ञानेश शास्त्री ने बताया कि श्रीराम की प्रतिमा चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें। केसर, चंदन, अक्षत से तिलक करें। सुंदर वस्त्र, आभूषण धारण कराएं। पुष्प माला पहनाएं। सुगंधित इत्र भी प्रदान करें। पीली बर्फी, लड्डू, फल, तुलसी के पत्ते अर्पित करें। घी का दीपक, धूपबत्ती जलाकर श्रीरामचरितमानस राम रक्षा स्रोत और सुंदरकांड का पाठ करें। आरती के बाद प्रसाद वितरण करें। 

रामनवमी पर 10 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग 

रामनवमी पर इस वर्ष रवि पुष्य योग बन रहा है, जो पूरे 24 घंटे तक रहेगा। खरीदारी के लिए इसे अबूझ मुहूर्त भी माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य शिवशरण पारासर ने बताया कि इससे पहले ऐसा शुभ संयोग 1 अप्रैल 2012 को बना था और अब 6 अप्रैल 2025 को दोबारा बनेगा। उन्होने बताया कि शनिवार को देर रात 1.25 बजे से रविवार को देर रात 3.15 बजे तक रामनवमी रहेगी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here