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सार
एसआईटी की टेंपर्ड सूची में शिक्षकों के लिए राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों को वेतन जारी करने का आदेश दिया है।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले एसआईटी की टेंपर्ड सूची में शामिल शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें वेतन देने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद मैनपुरी के बीएसए ने याचिका में शामिल 30 शिक्षकों का मार्च माह का वेतन देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
यह है मामला
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से शिक्षा सत्र 2004-05 में बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की जांच एसआईटी ने की थी। शिकायत थी कि डिग्री फर्जी हैं। जांच के बाद 30 नवंबर 2019 को एसआईटी सूची में शामिल 77 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था। इनमें एसआईटी ने 43 शिक्षकों के बीएड अंकपत्र और डिग्री फेक घोषित की थी जबकि 34 के अंकपत्र और डिग्री टेंपर्ड घोषित किए थे।
30 नवंबर 2019 को बर्खास्त शिक्षक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने इन्हें स्टे दे दिया, जिसके बाद विभाग ने इन्हें कार्यभार ग्रहण करा दिया था। हाईकोर्ट में 15 महीने की सुनवाई के बाद 26 फरवरी 2021 को सभी 77 शिक्षकों को फिर से बर्खास्त कर दिया। इस पर शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए, जहां से एक जुलाई 2021 को सभी को स्टे मिल गया। टेंपर्ड डिग्री धारकों को कोर्ट ने कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए, लेकिन अग्रिम आदेशों तक वेतन जारी न किए जाने की बात कही गई।
एक सप्ताह पहले जारी हुए आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह पहले मामले में सुनवाई करते हुए टेंपर्ड सूची में शामिल विद्यालय में कार्य कर रहे शिक्षकों को वेतन जारी करने के निर्देश दिए। बीएसए ने कोर्ट के निर्देश में टेंपर्ड सूची के याचिका में शामिल 30 शिक्षकों का वेतन देने का आदेश दिया है। टेंपर्ड सूची में शामिल शिक्षकों को जुलाई 2021 से वेतन नहीं मिल रहा था। अब उन्हें मार्च का वेतन मिल सकेगा।
फर्जी डिग्री वाले पहले से ही पा रहे हैं वेतन
एसआईटी सूची में शामिल फर्जी डिग्रीधारक शिक्षकों के मामले में पूर्व में ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ चुका है। इसके बाद तीन मार्च 2022 को फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों का बीएसए ने कार्यभार ग्रहण करा दिया है। उन्हें वेतन भी जारी किया जा रहा है।
बीएसए कमल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर टेंपर्ड सूची में शामिल 30 शिक्षकों का वेतन देने का कार्य किया जा रहा है। उन्हें मार्च का वेतन दिया जा रहा है। अवशेष वेतन के संबंध में विभाग से राय मांगी गई है।
विस्तार
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले एसआईटी की टेंपर्ड सूची में शामिल शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें वेतन देने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद मैनपुरी के बीएसए ने याचिका में शामिल 30 शिक्षकों का मार्च माह का वेतन देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
यह है मामला
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से शिक्षा सत्र 2004-05 में बीएड की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों की जांच एसआईटी ने की थी। शिकायत थी कि डिग्री फर्जी हैं। जांच के बाद 30 नवंबर 2019 को एसआईटी सूची में शामिल 77 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था। इनमें एसआईटी ने 43 शिक्षकों के बीएड अंकपत्र और डिग्री फेक घोषित की थी जबकि 34 के अंकपत्र और डिग्री टेंपर्ड घोषित किए थे।
30 नवंबर 2019 को बर्खास्त शिक्षक कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने इन्हें स्टे दे दिया, जिसके बाद विभाग ने इन्हें कार्यभार ग्रहण करा दिया था। हाईकोर्ट में 15 महीने की सुनवाई के बाद 26 फरवरी 2021 को सभी 77 शिक्षकों को फिर से बर्खास्त कर दिया। इस पर शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए, जहां से एक जुलाई 2021 को सभी को स्टे मिल गया। टेंपर्ड डिग्री धारकों को कोर्ट ने कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए, लेकिन अग्रिम आदेशों तक वेतन जारी न किए जाने की बात कही गई।
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