रिटायर्ड एयरफोर्सकर्मी का हत्यारोपी 11 साल बाद गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ में नाम बदलकर रह रहा था इनामी

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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– फोटो : Social Media

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लखनऊ में गोमतीनगर में 2007 में रिटायर्ड एयरफोर्सकर्मी व प्रॉपर्टी डीलर लोकनाथ सिंह को अगवा कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजेश सिंह उर्फ रमेश आरोपी था। वह पिछले 11 साल से फरार चल रहा था। गोमतीनगर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे छत्तीसगढ़ के दुर्ग से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ हाईकोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी किया था। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। गिरफ्तारी के बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।

ब लोकनाथ के बेटे संतोष सिंह को 21 जनवरी 2007 को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। रकम जौनपुर में देने के लिए बुलाया गया, लेकिन लोकनाथ को नहीं छोड़ा। कुछ समय बाद दोबारा 25 लाख की फिरौती मांगी गई। संतोष ने गोमतीनगर कठौता झील के पास 25 लाख रुपये दिए थे। इस दौरान ही पुलिस ने फिरौती वसूलने वाले निसार अहमद को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता चला था। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिनमें राजेश सिंह उर्फ  रमेश सिंह भी शामिल था। वर्ष 2011 में कोर्ट ने उसे जमानत दी थी, जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था।

बेच दी संपत्ति, नाम बदलकर दुर्ग में रहने लगा
डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक राजेश को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद उसने वाराणसी से अपनी सारी संपत्ति बेच दी और रिश्तेदारों से भी संपर्क तोड़ दिया। इधर, लगातार कोर्ट में गैर हाजिर रहने के कारण हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ जमानती फिर गैर जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद उसकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई भी की गई थी। क्राइम ब्रांच व गोमतीनगर पुलिस ने राजेश के बारे में सुराग लगाना शुरू किया तो जानकारी मिली कि वह दुर्ग में रह रहा है। डीसीपी पूर्वी ने पुलिस टीम गठित की जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग (भिलाई) में दबिश देने गई। राजेश को रायपुर रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया।

आठ को हुई थी आजीवन कारावास की सजा
प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर दिनेश चंद्र मिश्रा व क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा के मुताबिक एडीजे-5 की कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा व 40-40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। यह सजा 2017 में सुनाई गई थी। सजा पाने वालों में जौनपुर के  जलालपुर का जंगी उर्फ जंग बहादुर यादव, रामसकल यादव, जौनपुर जाफराबाद का धुरंधर, सलीम उर्फ गुड्डू, गौराबादशाहपुर का मो. रईस, जौनपुर जंगीपुर का मोनू पांडेय, चंदौली के आलोक सिंह उर्फ विनित सिंह की पत्नी रीता पांडेय, प्रयागराज के हंडिया का विभूतिनारायण सिंह शामिल है। राजेश फरार चल रहा था। हत्याकांड में सजा सुनाए जाने के पांच साल बाद आरोपी राजेश को पुलिस गिरफ्तार कर सकी। राजेश के खिलाफ गोमतीनगर थाने में हत्या, हत्या के प्रयास व जालसाजी सहित कई धाराओं में पांच केस दर्ज हैं।

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लखनऊ में गोमतीनगर में 2007 में रिटायर्ड एयरफोर्सकर्मी व प्रॉपर्टी डीलर लोकनाथ सिंह को अगवा कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजेश सिंह उर्फ रमेश आरोपी था। वह पिछले 11 साल से फरार चल रहा था। गोमतीनगर पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे छत्तीसगढ़ के दुर्ग से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ हाईकोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी किया था। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। गिरफ्तारी के बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।


ब लोकनाथ के बेटे संतोष सिंह को 21 जनवरी 2007 को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। रकम जौनपुर में देने के लिए बुलाया गया, लेकिन लोकनाथ को नहीं छोड़ा। कुछ समय बाद दोबारा 25 लाख की फिरौती मांगी गई। संतोष ने गोमतीनगर कठौता झील के पास 25 लाख रुपये दिए थे। इस दौरान ही पुलिस ने फिरौती वसूलने वाले निसार अहमद को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। वारदात में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता चला था। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जिनमें राजेश सिंह उर्फ  रमेश सिंह भी शामिल था। वर्ष 2011 में कोर्ट ने उसे जमानत दी थी, जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था।


बेच दी संपत्ति, नाम बदलकर दुर्ग में रहने लगा

डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक राजेश को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद उसने वाराणसी से अपनी सारी संपत्ति बेच दी और रिश्तेदारों से भी संपर्क तोड़ दिया। इधर, लगातार कोर्ट में गैर हाजिर रहने के कारण हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ जमानती फिर गैर जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद उसकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई भी की गई थी। क्राइम ब्रांच व गोमतीनगर पुलिस ने राजेश के बारे में सुराग लगाना शुरू किया तो जानकारी मिली कि वह दुर्ग में रह रहा है। डीसीपी पूर्वी ने पुलिस टीम गठित की जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग (भिलाई) में दबिश देने गई। राजेश को रायपुर रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया।

आठ को हुई थी आजीवन कारावास की सजा

प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर दिनेश चंद्र मिश्रा व क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा के मुताबिक एडीजे-5 की कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा व 40-40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। यह सजा 2017 में सुनाई गई थी। सजा पाने वालों में जौनपुर के  जलालपुर का जंगी उर्फ जंग बहादुर यादव, रामसकल यादव, जौनपुर जाफराबाद का धुरंधर, सलीम उर्फ गुड्डू, गौराबादशाहपुर का मो. रईस, जौनपुर जंगीपुर का मोनू पांडेय, चंदौली के आलोक सिंह उर्फ विनित सिंह की पत्नी रीता पांडेय, प्रयागराज के हंडिया का विभूतिनारायण सिंह शामिल है। राजेश फरार चल रहा था। हत्याकांड में सजा सुनाए जाने के पांच साल बाद आरोपी राजेश को पुलिस गिरफ्तार कर सकी। राजेश के खिलाफ गोमतीनगर थाने में हत्या, हत्या के प्रयास व जालसाजी सहित कई धाराओं में पांच केस दर्ज हैं।



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