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उन्नाव। शहरी क्षेत्र का अमानक विस्तार शहरवासियों के लिए ही मुसीबत बना है। सड़क, जल निकासी, सीवरेज, जलापूर्ति और विद्युतीकरण न होने से लोग परेशानी झेल रहे हैं। यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष ने अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए सख्त-निर्देश दिए हैं। लेआउट और भूमि उपयोग परिवर्तन कराए बिना हो रही प्लॉटिंग की जांच शुरू कराई है। छह लोगों को नोटिस दिया गया है।
शहर में यूएसडीए की स्थापना 1983 में हुई थी। इसके बाद भी शहर को व्यवस्थित ढंग से बसाने और सुनियोजित विकास का सपना साकार नहीं हो पाया। भू माफियाओं की मनमानी पर अंकुश के लिए यूएसडीए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया।
नगर पालिका के आंकड़ों के मुताबिक 38 साल में शहर में करीब 30 कालोनियां बनीं हैं। वहीं यूएसडीए में केवल एक कॉलोनी का लेआउट पास कराया गया और तीन आवेदन किए गए।
सूत्रों के अनुसार मामूली स्टांप ड्यूटी देकर कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद जमीन का कारोबार करने वाले लोग प्लॉटिंग को कॉलोनी का स्वरूप और सभी तरह की शहरी सुविधाओं के सपने दिखाकर बिक्री कर रहे हैं। साथ ही भूमि का उपयोग (कृषि उपयोग से आवासीय उपयोग) में परिवर्तन न कराने से लोगों को यूएसडीए और नगर पालिका की सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता।
यूएसडीए के उपाध्यक्ष दिव्यांशु पटेल ने बताया कि शहर का सुव्यवस्थित विकास और लोगों को शहरी सुविधाओं युक्त आवासी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही यूएसडीए की आय बढ़ाने का उद्देश्य है। प्रभारी सचिव को ऐसी प्लॉटिंग को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 21 सितंबर को मोहल्ला शेखपुर में अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया है। छह लोगों को नोटिस दी गई है। अगर वह निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं करते तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
ये है लेआउट
प्लॉटिंग करने वाले को एसडीए से प्लाटिंग का नक्शा पास कराना होता है। यूएसडीए ले आउट तभी पास करता है जब प्लॉटिंग क्षेत्र में मानक के अनुसार चौड़ी सड़कें, जल निकासी, जलापूर्ति और विद्युतीकरण सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। प्लांटिंग करने वाली सोसायटी या व्यक्ति को निर्धारित शुल्क भी जमा करना होता है। साथ ही भूमि की दर भी तय करनी होती है। सभी प्लॉट बिकने के बाद नगर पालिका को हस्तानांतरित किया जा सकता है।
उन्नाव। शहरी क्षेत्र का अमानक विस्तार शहरवासियों के लिए ही मुसीबत बना है। सड़क, जल निकासी, सीवरेज, जलापूर्ति और विद्युतीकरण न होने से लोग परेशानी झेल रहे हैं। यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष ने अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई के लिए सख्त-निर्देश दिए हैं। लेआउट और भूमि उपयोग परिवर्तन कराए बिना हो रही प्लॉटिंग की जांच शुरू कराई है। छह लोगों को नोटिस दिया गया है।
शहर में यूएसडीए की स्थापना 1983 में हुई थी। इसके बाद भी शहर को व्यवस्थित ढंग से बसाने और सुनियोजित विकास का सपना साकार नहीं हो पाया। भू माफियाओं की मनमानी पर अंकुश के लिए यूएसडीए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया।
नगर पालिका के आंकड़ों के मुताबिक 38 साल में शहर में करीब 30 कालोनियां बनीं हैं। वहीं यूएसडीए में केवल एक कॉलोनी का लेआउट पास कराया गया और तीन आवेदन किए गए।
सूत्रों के अनुसार मामूली स्टांप ड्यूटी देकर कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद जमीन का कारोबार करने वाले लोग प्लॉटिंग को कॉलोनी का स्वरूप और सभी तरह की शहरी सुविधाओं के सपने दिखाकर बिक्री कर रहे हैं। साथ ही भूमि का उपयोग (कृषि उपयोग से आवासीय उपयोग) में परिवर्तन न कराने से लोगों को यूएसडीए और नगर पालिका की सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता।
यूएसडीए के उपाध्यक्ष दिव्यांशु पटेल ने बताया कि शहर का सुव्यवस्थित विकास और लोगों को शहरी सुविधाओं युक्त आवासी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही यूएसडीए की आय बढ़ाने का उद्देश्य है। प्रभारी सचिव को ऐसी प्लॉटिंग को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 21 सितंबर को मोहल्ला शेखपुर में अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया है। छह लोगों को नोटिस दी गई है। अगर वह निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं करते तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
ये है लेआउट
प्लॉटिंग करने वाले को एसडीए से प्लाटिंग का नक्शा पास कराना होता है। यूएसडीए ले आउट तभी पास करता है जब प्लॉटिंग क्षेत्र में मानक के अनुसार चौड़ी सड़कें, जल निकासी, जलापूर्ति और विद्युतीकरण सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। प्लांटिंग करने वाली सोसायटी या व्यक्ति को निर्धारित शुल्क भी जमा करना होता है। साथ ही भूमि की दर भी तय करनी होती है। सभी प्लॉट बिकने के बाद नगर पालिका को हस्तानांतरित किया जा सकता है।
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