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औरास (उन्नाव)। चालक को झपकी आने से स्लीपर बस लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की सेफ्टी रेलिंग तोड़कर खाईं में गिर गई। इस हादसे में बस चालक की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। घायलों को औरास सीएचसी से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। बस में 55 यात्री सवार थे। बस सवार बिहार से जयपुर जा रहे थे।
मध्यप्रदेश के सबलगढ़ मुरैना के सीतापुर बस्ती निवासी चालक करन कुशवाहा (31) बिहार से सोमवार की शाम स्लीपर बस में 55 यात्रियों को लेकर राजस्थान के जयपुर जा रहा था। मंगलवार सुबह छह बजे एक्सप्रेसवे पर औरास थाना क्षेत्र के मैनीभावा खेड़ा गांव के सामने करन को झपकी आ गई। इससे बस अनियंत्रित होकर सेफ्टी ग्रिल तोड़ते हुए एक्सप्रेसवे के नीचे खाई में गिर गई। हादसे के समय ज्यादातर यात्री नींद में थे।
तेज झटका लगने से यात्रियों में चीखपुकार मच गई। शोर सुनकर दौड़े ग्रामीणों ने पुलिस को घटना की जानकारी देकर बस में फंसे लोगों को निकलने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया।
चालक करन कुशवाहा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बिहार के जिला गोपालगंज के थाना शाबे के चनारे निवासी अभ्यास (30), जिला मधुबनी के थाना नखनौर के परमेसरा गांव निवासी निशा (12), जिला सुपौल के भिलाई गांव निवासी रतन कामद (42), मधेपुरा जिले के थाना श्रीनगर के हरदौल गांव निवासी शबाना (32), गाजियाबाद जिले के सी/359 नंदग्राम निवासी कशिश (30), संभल जिले के थाना गुन्नौर के अजीजपुर निवासी आरिफ (35) और मधुबनी जिले के थाना नखनौर के परमेसरा निवासी अशोक कुमार (40) समेत 12 घायल हो गए।
औरास एसओ संजीव कुमार शाक्य ने घायलों को औरास सीएचसी में भर्ती कराया। गंभीर रूप से घायल सात यात्रियों को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। चुटहिल अन्य यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य के लिए रवाना किया गया। क्षतिग्रस्त बस अटिया टोल प्लाजा पर खड़ी कराई गई है।
नियमों की अनदेखी कर लंबी दूरी पर चलने वाली बसें यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। सोमवार को औरास क्षेत्र में हुए हादसे में भी मानकों को दरकिनार कर 36 की जगह 55 सावारियों को बस में बैठाया गया था। एक सप्ताह पहले 17 मई को एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में चालक को झपकी लगने से स्लीपर बस पलटने से तीन की मौत की घटना में भी बस में 36 की जगह 80 सवारियां बैठाईं गई थी। हादसे में चार की मौत हो गई थी।
एआरटीओ प्रवर्तन अरविंद सिंह ने बताया कि हादसे की जानकारी पर वह मौके पर पहुंचे। बस में सवार 25 यात्री मौके पर मिले, जिन्हे रोडवेज से आगरा तक भिजवाया गया। बताया कि हाथरस जिला में रहने वाले बस के मालिक रिंकू से वार्ता की गई है। बस के कागजात पूर्ण मिले हैं। चालक को झपकी आने से हादसा होने की बात सामने आई है। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की चेकिंग के लिए संयुक्त रूप से कई जिलों की टीमें लगाई जाती है। पिछले सप्ताह अभियान चलाकर 75 से अधिक बसों का चालान करने के साथ ही नौ बसों को सीज किया गया था। दोबारा अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार से जयपुर जा रही स्लीपर बस में जिस समय हादसा हुआ, अक्सर यात्री गहरी नींद में थे। बस पलटते ही चीख पुकार मच गई। यात्री एक दूसरे के ऊपर गिर गए। लोहे के एंगल से टकराकर किसी का सिर तो किसी का पैर फट गया। चालक को पुलिस कर्मियों ने मृत हालत में ही बस से बाहर निकाला। बस में रखा सामान भी तितर बितर हो गया। स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस ने सामान की पहचान करा घायलों के सुपुर्द किया।
औरास (उन्नाव)। चालक को झपकी आने से स्लीपर बस लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की सेफ्टी रेलिंग तोड़कर खाईं में गिर गई। इस हादसे में बस चालक की मौत हो गई, जबकि 12 लोग घायल हो गए। घायलों को औरास सीएचसी से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। बस में 55 यात्री सवार थे। बस सवार बिहार से जयपुर जा रहे थे।
मध्यप्रदेश के सबलगढ़ मुरैना के सीतापुर बस्ती निवासी चालक करन कुशवाहा (31) बिहार से सोमवार की शाम स्लीपर बस में 55 यात्रियों को लेकर राजस्थान के जयपुर जा रहा था। मंगलवार सुबह छह बजे एक्सप्रेसवे पर औरास थाना क्षेत्र के मैनीभावा खेड़ा गांव के सामने करन को झपकी आ गई। इससे बस अनियंत्रित होकर सेफ्टी ग्रिल तोड़ते हुए एक्सप्रेसवे के नीचे खाई में गिर गई। हादसे के समय ज्यादातर यात्री नींद में थे।
तेज झटका लगने से यात्रियों में चीखपुकार मच गई। शोर सुनकर दौड़े ग्रामीणों ने पुलिस को घटना की जानकारी देकर बस में फंसे लोगों को निकलने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से सभी यात्रियों को बाहर निकाल लिया।
चालक करन कुशवाहा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बिहार के जिला गोपालगंज के थाना शाबे के चनारे निवासी अभ्यास (30), जिला मधुबनी के थाना नखनौर के परमेसरा गांव निवासी निशा (12), जिला सुपौल के भिलाई गांव निवासी रतन कामद (42), मधेपुरा जिले के थाना श्रीनगर के हरदौल गांव निवासी शबाना (32), गाजियाबाद जिले के सी/359 नंदग्राम निवासी कशिश (30), संभल जिले के थाना गुन्नौर के अजीजपुर निवासी आरिफ (35) और मधुबनी जिले के थाना नखनौर के परमेसरा निवासी अशोक कुमार (40) समेत 12 घायल हो गए।
औरास एसओ संजीव कुमार शाक्य ने घायलों को औरास सीएचसी में भर्ती कराया। गंभीर रूप से घायल सात यात्रियों को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। चुटहिल अन्य यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य के लिए रवाना किया गया। क्षतिग्रस्त बस अटिया टोल प्लाजा पर खड़ी कराई गई है।
नियमों की अनदेखी कर लंबी दूरी पर चलने वाली बसें यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। सोमवार को औरास क्षेत्र में हुए हादसे में भी मानकों को दरकिनार कर 36 की जगह 55 सावारियों को बस में बैठाया गया था। एक सप्ताह पहले 17 मई को एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में चालक को झपकी लगने से स्लीपर बस पलटने से तीन की मौत की घटना में भी बस में 36 की जगह 80 सवारियां बैठाईं गई थी। हादसे में चार की मौत हो गई थी।
एआरटीओ प्रवर्तन अरविंद सिंह ने बताया कि हादसे की जानकारी पर वह मौके पर पहुंचे। बस में सवार 25 यात्री मौके पर मिले, जिन्हे रोडवेज से आगरा तक भिजवाया गया। बताया कि हाथरस जिला में रहने वाले बस के मालिक रिंकू से वार्ता की गई है। बस के कागजात पूर्ण मिले हैं। चालक को झपकी आने से हादसा होने की बात सामने आई है। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की चेकिंग के लिए संयुक्त रूप से कई जिलों की टीमें लगाई जाती है। पिछले सप्ताह अभियान चलाकर 75 से अधिक बसों का चालान करने के साथ ही नौ बसों को सीज किया गया था। दोबारा अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार से जयपुर जा रही स्लीपर बस में जिस समय हादसा हुआ, अक्सर यात्री गहरी नींद में थे। बस पलटते ही चीख पुकार मच गई। यात्री एक दूसरे के ऊपर गिर गए। लोहे के एंगल से टकराकर किसी का सिर तो किसी का पैर फट गया। चालक को पुलिस कर्मियों ने मृत हालत में ही बस से बाहर निकाला। बस में रखा सामान भी तितर बितर हो गया। स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस ने सामान की पहचान करा घायलों के सुपुर्द किया।
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