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उन्नाव। लखनऊ-कानपुर हाईवे पर सफर खतरों भरा है। 50 किमी सीमा में पुलिस ने 13 दुर्घटना बाहुल्य स्थान (ब्लैक स्पॉट) चिह्नित किए हैं। इसके बाद भी एनएचएआई उदासीन है। हाईवे पर 17 ऐसे स्थान हैं जहां लोगों ने डिवाइटर तोड़कर शार्टकट बना लिए हैं। ये शार्टकट मौत का सबब बन रहे हैं। इस साल 15 मई तक सड़क हादसों में 182 लोगों की मौत हुई है। इनमें 49 की जान हाईवे पर सफर करते समय गई है।
लखनऊ-कानपुर हाईवे का 50 किमी हिस्सा जिले की सीमा में आता है। पेट्रोल पंप, होटल, ढाबे वालों और आसपास के गांव वालों ने खतरे की अनदेखी कर जगह-जगह डिवाइडर तोड़कर शार्टकट बना लिए। इसके कारण बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस ने दुर्घटना बाहुल्य स्थानों का सर्वे किया तो 50 किमी के दायरे में 13 ब्लैक स्पॉट मिले। ये वह स्थान हैं, जहां पिछले तीन साल में सबसे अधिक हादसे हुए।
डीएम ने दिया है सुधार का अल्टीमेटम
सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम रवींद्र कुमार ने हाईवे पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर 15 दिन में सुधार का अल्टीमेटम दिया था लेकिन फिलहाल सुधार नहीं दिख रहाहै।
दावों में हुए ये काम
वर्ष 2020 में सांसद साक्षी महाराज की मांग पर एनएचएआई ने हादसों और जाम की समस्या हल करने के लिए मरम्मत कार्य के लिए 11.2 करोड़ रुपये जारी किए थे। इससे जाजमऊ गंगापुल से बनी स्थित सई नदी पुल तक के सभी अवैध कट बंद करने, 25 स्थानों पर बैरियर, गांवों के जाने वाले रास्तों व सर्विस रोड के पास स्पीड ब्रेकर, गदनखेड़ा चौराहा सहित 14 स्थानों पर हाईमास्ट लाइटें, मार्ग संकेतक लगाने थे। कॉरिडोर मैनेजर गुंजन कुमार का कहना है कि काम कराए गए हैं लेकिन हाईवे पर टूटफूट और मरम्मत चलती रहती है।
चिह्नित दुर्घटना बाहुल्य स्थान
सदर कोतवाली क्षेत्र में शेखपुर नरी, गदनखेड़ा चौराहा, हुसैन नगर चौराहा, दहीचौकी पुरवा मोड़। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र में त्रिभुवन खेड़ा, अजगैन में नवाबगंज, चमरौली, सोहरामऊ में कस्बा सोहरामऊ और भल्लाफार्म और अचलगंज में बदरका चौराहा, कनौडिया पेट्रोल पंप, बंथर और गहिरा मोड़।
एनएचएआई के पीडी एनएन गिरि ने बताया कि हाईवे पर अतिक्रमण हटवाया जा रहा है। अवैध पार्किंग के खिलाफ भी अभियान चल रहा है। दुर्घटना बाहुल्य वाले स्थानों पर मार्ग संकेतक, रोशनी, स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था की जाएगी। जहां भी डिवाइडर या ग्रिल टूटी हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी।
सड़क हादसों पर नजर
वर्ष हादसे मौत घायल
2020 634 475 424
2021 844 515 568
2022 326 182 231
नोेट- 2022 के आंकड़े 15 मई तक के हैं।
उन्नाव। लखनऊ-कानपुर हाईवे पर सफर खतरों भरा है। 50 किमी सीमा में पुलिस ने 13 दुर्घटना बाहुल्य स्थान (ब्लैक स्पॉट) चिह्नित किए हैं। इसके बाद भी एनएचएआई उदासीन है। हाईवे पर 17 ऐसे स्थान हैं जहां लोगों ने डिवाइटर तोड़कर शार्टकट बना लिए हैं। ये शार्टकट मौत का सबब बन रहे हैं। इस साल 15 मई तक सड़क हादसों में 182 लोगों की मौत हुई है। इनमें 49 की जान हाईवे पर सफर करते समय गई है।
लखनऊ-कानपुर हाईवे का 50 किमी हिस्सा जिले की सीमा में आता है। पेट्रोल पंप, होटल, ढाबे वालों और आसपास के गांव वालों ने खतरे की अनदेखी कर जगह-जगह डिवाइडर तोड़कर शार्टकट बना लिए। इसके कारण बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस ने दुर्घटना बाहुल्य स्थानों का सर्वे किया तो 50 किमी के दायरे में 13 ब्लैक स्पॉट मिले। ये वह स्थान हैं, जहां पिछले तीन साल में सबसे अधिक हादसे हुए।
डीएम ने दिया है सुधार का अल्टीमेटम
सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम रवींद्र कुमार ने हाईवे पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर 15 दिन में सुधार का अल्टीमेटम दिया था लेकिन फिलहाल सुधार नहीं दिख रहाहै।
दावों में हुए ये काम
वर्ष 2020 में सांसद साक्षी महाराज की मांग पर एनएचएआई ने हादसों और जाम की समस्या हल करने के लिए मरम्मत कार्य के लिए 11.2 करोड़ रुपये जारी किए थे। इससे जाजमऊ गंगापुल से बनी स्थित सई नदी पुल तक के सभी अवैध कट बंद करने, 25 स्थानों पर बैरियर, गांवों के जाने वाले रास्तों व सर्विस रोड के पास स्पीड ब्रेकर, गदनखेड़ा चौराहा सहित 14 स्थानों पर हाईमास्ट लाइटें, मार्ग संकेतक लगाने थे। कॉरिडोर मैनेजर गुंजन कुमार का कहना है कि काम कराए गए हैं लेकिन हाईवे पर टूटफूट और मरम्मत चलती रहती है।
चिह्नित दुर्घटना बाहुल्य स्थान
सदर कोतवाली क्षेत्र में शेखपुर नरी, गदनखेड़ा चौराहा, हुसैन नगर चौराहा, दहीचौकी पुरवा मोड़। गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र में त्रिभुवन खेड़ा, अजगैन में नवाबगंज, चमरौली, सोहरामऊ में कस्बा सोहरामऊ और भल्लाफार्म और अचलगंज में बदरका चौराहा, कनौडिया पेट्रोल पंप, बंथर और गहिरा मोड़।
एनएचएआई के पीडी एनएन गिरि ने बताया कि हाईवे पर अतिक्रमण हटवाया जा रहा है। अवैध पार्किंग के खिलाफ भी अभियान चल रहा है। दुर्घटना बाहुल्य वाले स्थानों पर मार्ग संकेतक, रोशनी, स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था की जाएगी। जहां भी डिवाइडर या ग्रिल टूटी हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी।
सड़क हादसों पर नजर
वर्ष हादसे मौत घायल
2020 634 475 424
2021 844 515 568
2022 326 182 231
नोेट- 2022 के आंकड़े 15 मई तक के हैं।
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