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उन्नाव। नेपाल से लापता कई युवतियों की तलाश में नेपाली एनजीओ के लोगों ने गुरुवार को शहर के आसपास तीन स्लाटर हाउस खंगाले। यहां 80 नेपाली महिलाएं काम करते मिलीं।
इनमें ऐसी कोई नहीं है जिसकी नेपाल में गुमशुदगी दर्ज हो। टीम ने सभी से उनके नाम-पता व अन्य प्रमाणपत्र मांगे हैं। टीम शुक्रवार को कुछ और फैक्टरियों में जांच करेगी।
नेपाल से लापता होने वाली युवती की तलाश स्थानीय स्तर पर एनजीओ की मदद के किया जाता है। ऐसी ही महिलाओं की तलाश में नेपाल के काठमांडू स्थित शांति पुनर्स्थापना गृह की निदेशक सुमन सापकोटा और उनकी टीम, उत्तराखंड के देहरादून में संचालित द हेल्पा क्रॉस ट्रस्ट के सचिव विशाल थापा के साथ गुरुवार को उन्नाव पहुंचीं। एसपी दिनेश त्रिपाठी से मुलाकात की।
उन्होंने एसपी को बताया कि नेपाल के जिला कैलाली से छह और बरदिया से पांच युवतियां पांच महीने से लापता हैं। जानकारी हुई है उन्हें स्लाटर हाउसों व अन्य कारखानों में रखकर काम कराया जा रहा है।
इसके बाद स्वॉट टीम प्रभारी प्रदीप कुमार के साथ नेपाल और उत्तराखंड के एनजीओ की आठ सदस्यीय संयुक्त ने रुस्तम फूड्स, मॉस एग्रो और एओवी स्लाटर हाउस में जांच की।
इस दौरान इन स्लाटर हाउसों में गुमशुदा के फोटो से चेहरे का मिलान किया। कई अपना नाम-पता व अन्य प्रमाणपत्र नहीं दे पाई हैं।
एनजीओ के सदस्यों ने बताया कि नेपाल से हर साल औसतन 1500 से 1800 युवतियां और महिलाएं लापता हो जाती हैं। उन्हें बंधक बनाकर अलग-अलग तरह के काम कराए जाते हैं।
एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि एनजीओ ने जो भी मदद मांगी उन्हें दी गई है और आगे भी दी जाएगी। बताया कि तीन स्लाटर हाउसों में हुई जांच में कोई भी नेपाल से गुमशुदा युवती नहीं मिली है।
उन्नाव। नेपाल से लापता कई युवतियों की तलाश में नेपाली एनजीओ के लोगों ने गुरुवार को शहर के आसपास तीन स्लाटर हाउस खंगाले। यहां 80 नेपाली महिलाएं काम करते मिलीं।
इनमें ऐसी कोई नहीं है जिसकी नेपाल में गुमशुदगी दर्ज हो। टीम ने सभी से उनके नाम-पता व अन्य प्रमाणपत्र मांगे हैं। टीम शुक्रवार को कुछ और फैक्टरियों में जांच करेगी।
नेपाल से लापता होने वाली युवती की तलाश स्थानीय स्तर पर एनजीओ की मदद के किया जाता है। ऐसी ही महिलाओं की तलाश में नेपाल के काठमांडू स्थित शांति पुनर्स्थापना गृह की निदेशक सुमन सापकोटा और उनकी टीम, उत्तराखंड के देहरादून में संचालित द हेल्पा क्रॉस ट्रस्ट के सचिव विशाल थापा के साथ गुरुवार को उन्नाव पहुंचीं। एसपी दिनेश त्रिपाठी से मुलाकात की।
उन्होंने एसपी को बताया कि नेपाल के जिला कैलाली से छह और बरदिया से पांच युवतियां पांच महीने से लापता हैं। जानकारी हुई है उन्हें स्लाटर हाउसों व अन्य कारखानों में रखकर काम कराया जा रहा है।
इसके बाद स्वॉट टीम प्रभारी प्रदीप कुमार के साथ नेपाल और उत्तराखंड के एनजीओ की आठ सदस्यीय संयुक्त ने रुस्तम फूड्स, मॉस एग्रो और एओवी स्लाटर हाउस में जांच की।
इस दौरान इन स्लाटर हाउसों में गुमशुदा के फोटो से चेहरे का मिलान किया। कई अपना नाम-पता व अन्य प्रमाणपत्र नहीं दे पाई हैं।
एनजीओ के सदस्यों ने बताया कि नेपाल से हर साल औसतन 1500 से 1800 युवतियां और महिलाएं लापता हो जाती हैं। उन्हें बंधक बनाकर अलग-अलग तरह के काम कराए जाते हैं।
एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि एनजीओ ने जो भी मदद मांगी उन्हें दी गई है और आगे भी दी जाएगी। बताया कि तीन स्लाटर हाउसों में हुई जांच में कोई भी नेपाल से गुमशुदा युवती नहीं मिली है।
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