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– फोटो : सोशल मीडिया
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गौतमपल्ली इलाके में एक छोटी सी लापरवाही ने हंसते-खेलते परिवार की खुशियों का गला घोंट दिया। एमबीए की छात्रा श्रेया यादव (24) ने सोने से पहले अंगीठी जलाई थी। शनिवार रात में जब उसके माता-पिता रायबरेली से पढ़ाकर लौटे तो दमघोंटू धुएं में उसकी सांसें थम चुकी थीं। पिता ने बताया कि श्रेया उनकी इकलौती संतान थी और अवसाद में रहने के चलते गुमसुम रहती थी।
प्रभारी निरीक्षक गौतमपल्ली सुधीर अवस्थी के मुताबिक, जियामऊ निवासी रामरस यादव व उनकी पत्नी अध्यापक हैं और रायबरेली के बछरावां में पढ़ाते हैं। शनिवार सुबह दंपती बछरावां पढ़ाने चले गए थे। उनकी बेटी श्रेया घर पर अकेली थी। इस दौरान किसी समय उसने अंगीठी में कोयला डालकर आग लगाई और सोने चली गई।
दंपती बताते हैं कि शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे जब घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खुला। इस पर बेटी को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अनहोनी की आशंका से घबराए दंपती ने पुलिस को सूचना दी।
प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए तो कमरे में दमघोंटू धुआं भरा हुआ था और छात्रा बेसुध पड़ी थी। आननफानन उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
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