शीशे के टुकड़े से चिड़ियाघर के पटौदी (बब्बर शेर) का पैर घायल हो गया है। बाएं पैर में पीछे करीब दो इंच का घाव बन गया है। दो दिन पहले घाव लगा था, लेकिन मंगलवार को चलने में परेशानी हुई तो प्रबंधन को पता चला। फिलहाल उसका इलाज कर उसे बाड़े के अंदर रखा गया है। घाव भरने में लगभग एक महीने का समय लग जाएगा, ऐसे में अब एक महीने तक चिड़ियाघर में दर्शक पटौदी को नहीं देख सकेंगे।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में दो दिन पहले शीशे के टुकड़े से बब्बर शेर पटौदी घायल हो गया था। चूंकि, चोट ताजा होने की वजह से उसे चलने में तकलीफ नहीं हो रही थी। इसलिए प्रबंधन को भी पता नहीं चला। घाव सूखकर पकने के बाद उसकी चोट का पता चला।
दरअसल, मंगलवार सुबह जब पटौदी को प्रबंधन भोजन देने गया तो वह बाड़े के अंदर लंगड़ा कर चल रहा था। टीम ने जानकारी पशु चिकित्सालय में जाकर दी। डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने आकर देखा। भोजन देने के दौरान पता चला कि पीछे के पैर में खून लगा था। पटौदी को दवा देने के बाद उसका परीक्षण किया तो बाएं पैर में गहरा घाव था। जांचने पर पता लगा कि घाव लगभग दो इंच का था।
डॉक्टर योगेश ने बताया कि किसी दर्शक ने बाड़े के भीतर शीशे का टुकड़ा फेंक दिया होगा। क्योंकि पटौदी किसी ईंटे या पत्थर के टुकड़े से ऐसे घायल नहीं हो सकता। बाड़े का परीक्षण करवाया गया, लेकिन टुकड़ा नहीं मिला नहीं है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बाड़े के अंदर लोग शरारत में शीशा, प्लास्टिक बोतल, सिक्के, ईंट और पत्थर के टुकड़े न फेंकें, इससे वन्य जीव घायल हो सकते हैं। अब अगले एक महीने तक पटौदी बाड़े के बाहर नहीं सकेगा। उससे शारीरिक दुश्वारियां अलग से होंगी।
बताया कि सीसीटीवी फुटेज से दिखवाया जा रहा है कि बाड़े के भीतर आखिर किसने क्या फेंका, जिससे पटौदी घायल हुआ। जांच के बाद संबंधित पर वन्य जीव अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करवाई जाएगी।
प्रबंधन की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में चिड़ियाघर जब खुला था तो बाहर से अंदर प्लास्टिक और शीशे का बोतल, धारदार या नुकीला कोई औजार, पान मसाला लाने पर रोक लगी थी। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही अंदर कैंटीन खोल दी गई। इसे दर्शकों की सुविधा के लिए खोली गई थी, लेकिन इसका खामियाजा वन्य जीवों को उठाना पड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया की अंदर कैंटीन से ही शीशे की बोतल में पेय पदार्थ या कुछ शीशे का सामान किसी ग्राहक ने खरीदा होगा। खाली होने के बाद उसे बाड़े के भीतर फेंक दिया, जो अंदर गिरकर टूट गया। संभवत: इसी टुकड़े से पटौदी घायल हो गया होगा। हालांकि, अभी ये जांच का ही विषय है कि शीशे का टुकड़ा बाड़े के अंदर कैसे पहुंचा?
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शीशे के टुकड़े से चिड़ियाघर के पटौदी (बब्बर शेर) का पैर घायल हो गया है। बाएं पैर में पीछे करीब दो इंच का घाव बन गया है। दो दिन पहले घाव लगा था, लेकिन मंगलवार को चलने में परेशानी हुई तो प्रबंधन को पता चला। फिलहाल उसका इलाज कर उसे बाड़े के अंदर रखा गया है। घाव भरने में लगभग एक महीने का समय लग जाएगा, ऐसे में अब एक महीने तक चिड़ियाघर में दर्शक पटौदी को नहीं देख सकेंगे।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में दो दिन पहले शीशे के टुकड़े से बब्बर शेर पटौदी घायल हो गया था। चूंकि, चोट ताजा होने की वजह से उसे चलने में तकलीफ नहीं हो रही थी। इसलिए प्रबंधन को भी पता नहीं चला। घाव सूखकर पकने के बाद उसकी चोट का पता चला।
दरअसल, मंगलवार सुबह जब पटौदी को प्रबंधन भोजन देने गया तो वह बाड़े के अंदर लंगड़ा कर चल रहा था। टीम ने जानकारी पशु चिकित्सालय में जाकर दी। डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने आकर देखा। भोजन देने के दौरान पता चला कि पीछे के पैर में खून लगा था। पटौदी को दवा देने के बाद उसका परीक्षण किया तो बाएं पैर में गहरा घाव था। जांचने पर पता लगा कि घाव लगभग दो इंच का था।