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पुरवा। लोन नदी से हो रहे प्रदूषित पानी की आपूर्ति से गांवों में बढ़ रही बीमारियों की खबर को संज्ञान में लेकर डीएम द्वारा गठित टीम ने रविवार को जांच की। सैंपल जांच के लिए भेज दिए। ग्रामीणों का स्वास्थ्य टीम ने परीक्षण किया। बच्चों के दांतों में पीलापन होने की पुष्टि हुई।
सदर, पुरवा और बीघापुर तहसील क्षेत्र के 25 से अधिक गांवों के पास से निकली लोन नदी का पानी पीने लायक नहीं बचा है। टेनरियों से छोड़े जाने वाले प्रदूषित पानी से लोन नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है। जिससे नदी के आसपास बसे गांवों का पानी खराब हो गया है। हैंडपंप गलने लगे हैं और ग्रामीणों के हाथ-पैर टेढ़े होते जा रहे हैं।
दांत पीले पड़ रहे हैं। ग्रामीणों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अमर उजाला ने 14 अगस्त को इस मामले पर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। डीएम अपूर्वा दुबे ने खबर को संज्ञान में लिया और जांच टीम गठित कर दी।
टीम में शामिल नोडल अधिकारी डॉ. गौरव यादव, सीएचसी से डॉ. विनीत प्रताप सिंह, शीनू शुक्ला, शिल्पी गौतम व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने अटवट, गढ़ाकोला, कटहर, सरसो, जाजनपुर, भाटमऊ, सलेथू, चमियानी, सिंहपुर, भूलेमऊ, हिम्मतखेड़ा, टिकरिया, गदोरवा, बरवट व तारागढ़ी गांवों में जाकर जांच की। इस दौरान ग्रामीणों के हाथ पैरों की जांच की। भूलेमऊ, सलेथू, गढ़ाकोला, जाजनपुर में बच्चों के परीक्षण में दांतों में पीलापन मिला। अधिकारियों ने गांव से पानी का सैंपल भरा। सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि पानी का सैंपल टीम जिला मुख्यालय ले गई है।
पुरवा। लोन नदी से हो रहे प्रदूषित पानी की आपूर्ति से गांवों में बढ़ रही बीमारियों की खबर को संज्ञान में लेकर डीएम द्वारा गठित टीम ने रविवार को जांच की। सैंपल जांच के लिए भेज दिए। ग्रामीणों का स्वास्थ्य टीम ने परीक्षण किया। बच्चों के दांतों में पीलापन होने की पुष्टि हुई।
सदर, पुरवा और बीघापुर तहसील क्षेत्र के 25 से अधिक गांवों के पास से निकली लोन नदी का पानी पीने लायक नहीं बचा है। टेनरियों से छोड़े जाने वाले प्रदूषित पानी से लोन नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है। जिससे नदी के आसपास बसे गांवों का पानी खराब हो गया है। हैंडपंप गलने लगे हैं और ग्रामीणों के हाथ-पैर टेढ़े होते जा रहे हैं।
दांत पीले पड़ रहे हैं। ग्रामीणों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अमर उजाला ने 14 अगस्त को इस मामले पर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। डीएम अपूर्वा दुबे ने खबर को संज्ञान में लिया और जांच टीम गठित कर दी।
टीम में शामिल नोडल अधिकारी डॉ. गौरव यादव, सीएचसी से डॉ. विनीत प्रताप सिंह, शीनू शुक्ला, शिल्पी गौतम व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने अटवट, गढ़ाकोला, कटहर, सरसो, जाजनपुर, भाटमऊ, सलेथू, चमियानी, सिंहपुर, भूलेमऊ, हिम्मतखेड़ा, टिकरिया, गदोरवा, बरवट व तारागढ़ी गांवों में जाकर जांच की। इस दौरान ग्रामीणों के हाथ पैरों की जांच की। भूलेमऊ, सलेथू, गढ़ाकोला, जाजनपुर में बच्चों के परीक्षण में दांतों में पीलापन मिला। अधिकारियों ने गांव से पानी का सैंपल भरा। सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि पानी का सैंपल टीम जिला मुख्यालय ले गई है।
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