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असोहा/हसनगंज (उन्नाव)। असोहा थाना क्षेत्र में बारिश में कच्चे घर में रह रही मां बच्चों के लिए सुरक्षित ठिकाना तलाशने गई, इतने में कोठरी ढह गई। हादसे में मलबे में दबकर दो भाइयों व बहन की मौत हो गई। उधर हसनगंज क्षेत्र में दीवार और छप्पर गिरने से दो किसानों की जान चली गई।
लखनऊ के हरौनी गांव निवासी ज्ञान प्रकाश रैदास परिवार के साथ पुरवा तहसील के कांथा गांव स्थित ससुराल में रहते थे। गुरुवार को गांव में एक रिश्तेदार की मौत की सूचना पर गए थे।
घर में पत्नी कांति, बेटा अंकित (20), अंकुश (4) और बेटी उन्नति (6) थे। गुरुवार रात दस बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जर्जर कच्ची कोठरी में पानी रिसने लगा। ऐेसे में शुक्रवार तड़के साढ़े तीन बजे कांती गांव में सुरक्षित खाली बरामदा तलाशने चली गई। इसी दौरान कोठरी ढह गई और उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए।
ग्रामीणों ने जब तक मलबा हटाया, अंकित, अंकुश और उन्नति की सांसें थम चुकी थीं। प्रधान सुनील लोधी की सूचना पर एसडीएम अजीत जायसवाल और सीओ विक्रमाजीत सिंह राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। डीएम अपूर्वा दुबे, एसपी दिनेश त्रिपाठी ने कांति को ढांढस बंधाया। डीएम ने मुख्यमंत्री आवास और दैवी आपदा के तहत मदद का आश्वासन दिया है।
उधर हसनगंज तहसील के गांव चांदपुर झलिहई निवासी किसान बालगोविंद शर्मा (58) कच्ची कोठरी में सो रहे थे। शुक्रवार सुबह करीब चार बजे कोठरी की दीवार गिर गई। मलबे में दबकर बालगोविंद की मौत हो गई। मृतक की पत्नी आशा बेहाल है। तहसीलदार जितेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक आश्रित को दैवी आपदा के तहत चार लाख रुपये और किसान दुर्घटना बीमा का लाभ दिलाया जाएगा। वहीं कासंडा निवासी किसान सोहनलाल (70) ट्यूबवेल की रखवाली कर रहा था। रात करीब दो बजे तेज बारिश के दौरान छप्पर गिरने से उसकी मौत हो गई।
असोहा/हसनगंज (उन्नाव)। असोहा थाना क्षेत्र में बारिश में कच्चे घर में रह रही मां बच्चों के लिए सुरक्षित ठिकाना तलाशने गई, इतने में कोठरी ढह गई। हादसे में मलबे में दबकर दो भाइयों व बहन की मौत हो गई। उधर हसनगंज क्षेत्र में दीवार और छप्पर गिरने से दो किसानों की जान चली गई।
लखनऊ के हरौनी गांव निवासी ज्ञान प्रकाश रैदास परिवार के साथ पुरवा तहसील के कांथा गांव स्थित ससुराल में रहते थे। गुरुवार को गांव में एक रिश्तेदार की मौत की सूचना पर गए थे।
घर में पत्नी कांति, बेटा अंकित (20), अंकुश (4) और बेटी उन्नति (6) थे। गुरुवार रात दस बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जर्जर कच्ची कोठरी में पानी रिसने लगा। ऐेसे में शुक्रवार तड़के साढ़े तीन बजे कांती गांव में सुरक्षित खाली बरामदा तलाशने चली गई। इसी दौरान कोठरी ढह गई और उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए।
ग्रामीणों ने जब तक मलबा हटाया, अंकित, अंकुश और उन्नति की सांसें थम चुकी थीं। प्रधान सुनील लोधी की सूचना पर एसडीएम अजीत जायसवाल और सीओ विक्रमाजीत सिंह राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। डीएम अपूर्वा दुबे, एसपी दिनेश त्रिपाठी ने कांति को ढांढस बंधाया। डीएम ने मुख्यमंत्री आवास और दैवी आपदा के तहत मदद का आश्वासन दिया है।
उधर हसनगंज तहसील के गांव चांदपुर झलिहई निवासी किसान बालगोविंद शर्मा (58) कच्ची कोठरी में सो रहे थे। शुक्रवार सुबह करीब चार बजे कोठरी की दीवार गिर गई। मलबे में दबकर बालगोविंद की मौत हो गई। मृतक की पत्नी आशा बेहाल है। तहसीलदार जितेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक आश्रित को दैवी आपदा के तहत चार लाख रुपये और किसान दुर्घटना बीमा का लाभ दिलाया जाएगा। वहीं कासंडा निवासी किसान सोहनलाल (70) ट्यूबवेल की रखवाली कर रहा था। रात करीब दो बजे तेज बारिश के दौरान छप्पर गिरने से उसकी मौत हो गई।
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