वकीलों ने किया प्रदर्शन

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सफीपुर। फौजदारी वादों की सुनवाई को लेकर चल रही वकीलों की हड़ताल और प्रदर्शन शुक्रवार को 12वें दिन भी जारी रहा। वकीलों ने रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचकर हंगामा कर काम बंद करा दिया। राष्ट्रपति को संबोधित तहसीलदार को सौंपा। वकील मुंसिफ कोर्ट में सभी मुकदमों की सुनवाई की मांग पर अड़े हैं।
सफीपुर तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कृष्णकांत कनौजिया के साथ वकीलों ने तहसील परिसर में जिला जज व और उन्नाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद सभी उपनिबंधक कार्यालय पहुंचे और रजिस्ट्री कार्य जारी देख हंगामा किया। अधिवक्ता संघ ने भवन में बैठक कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार जितेंद्र कुमार को दिया।
बताया कि जिला जज ने समस्त फौजदारी दस्तावेज सफीपुर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। 24 मार्च को जब निर्देश प्रभावी हुआ तो जिला बार एसोसिएशन ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर दबाव में ले लिया जिसके बाद जिला जज ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर 28 मार्च को फौजदारी के वादों की सुनवाई फिर से जिला सत्र न्यायालय में करने का फैसला ले लिया। अधिवक्ताओं ने पूर्व में लिए गए निर्णय पर अमल करने की मांग की है।
बस्ते हटाने की नोटिस पर वकीलों ने दायर की याचिका
उन्नाव। दीवानी न्यायालय परिसर में वकीलों के बस्तों को हटाने के लिए जिला सत्र न्यायालय के नजारत अधिकारी ने सोमवार को नोटिस दिया था। इसपर अधिवक्ता सिद्धांत अवस्थी, अजेंद्र अवस्थी, प्रदीप निगम, सुरेश तिवारी, विशाल तिवारी, मनोज सिंह और शिवप्रकाश ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। कहा है कि उन लोगों ने अतिक्रमण नहीं किया है। यहां 25 अधिवक्ताओं के चेंबर भी बने हैं। उन्हीं की तरह वह भी बस्ता रखे हैं। (संवाद)

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सफीपुर। फौजदारी वादों की सुनवाई को लेकर चल रही वकीलों की हड़ताल और प्रदर्शन शुक्रवार को 12वें दिन भी जारी रहा। वकीलों ने रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचकर हंगामा कर काम बंद करा दिया। राष्ट्रपति को संबोधित तहसीलदार को सौंपा। वकील मुंसिफ कोर्ट में सभी मुकदमों की सुनवाई की मांग पर अड़े हैं।

सफीपुर तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कृष्णकांत कनौजिया के साथ वकीलों ने तहसील परिसर में जिला जज व और उन्नाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद सभी उपनिबंधक कार्यालय पहुंचे और रजिस्ट्री कार्य जारी देख हंगामा किया। अधिवक्ता संघ ने भवन में बैठक कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार जितेंद्र कुमार को दिया।

बताया कि जिला जज ने समस्त फौजदारी दस्तावेज सफीपुर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। 24 मार्च को जब निर्देश प्रभावी हुआ तो जिला बार एसोसिएशन ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर दबाव में ले लिया जिसके बाद जिला जज ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर 28 मार्च को फौजदारी के वादों की सुनवाई फिर से जिला सत्र न्यायालय में करने का फैसला ले लिया। अधिवक्ताओं ने पूर्व में लिए गए निर्णय पर अमल करने की मांग की है।

बस्ते हटाने की नोटिस पर वकीलों ने दायर की याचिका

उन्नाव। दीवानी न्यायालय परिसर में वकीलों के बस्तों को हटाने के लिए जिला सत्र न्यायालय के नजारत अधिकारी ने सोमवार को नोटिस दिया था। इसपर अधिवक्ता सिद्धांत अवस्थी, अजेंद्र अवस्थी, प्रदीप निगम, सुरेश तिवारी, विशाल तिवारी, मनोज सिंह और शिवप्रकाश ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। कहा है कि उन लोगों ने अतिक्रमण नहीं किया है। यहां 25 अधिवक्ताओं के चेंबर भी बने हैं। उन्हीं की तरह वह भी बस्ता रखे हैं। (संवाद)

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