[ad_1]
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 11 May 2022 10:23 PM IST
सार
र्ट ने पुलिस कमिश्नर द्वारा हलफनामा दाखिल कर देने से हाजिर होने की जरूरत नहीं बताई है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने वरूण कुमार जायसवाल की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
जमानत अर्जी पर पुलिस द्वारा समय से जानकारी न देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को आदेश का पालन न करने के स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर द्वारा हलफनामा दाखिल कर देने से हाजिर होने की जरूरत नहीं बताई है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने वरूण कुमार जायसवाल की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने पुलिस से जानकारी मांगी थी। किंतु कोई जानकारी नहीं दी गई तो पुलिस कमिश्नर को लापरवाह पुलिस के खिलाफ ऐक्शन लेकर रिपोर्ट देने तथा जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। पालन नहीं किया गया तो एस एस पी वाराणसी को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने का आदेश देते हुए आदेश पालन का निर्देश दिया था। इस पर भी न जवाब दाखिल हुआ न हाजिर हुए। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमानत अर्जी पर समय से जानकारी शासकीय अधिवक्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
किसी को अनावश्यक रूप से जेल में बंद नहीं रखा जा सकता
कोर्ट ने डीजीपी को उचित पारदर्शी व्यवस्था अपनाने के लिए सर्कुलर जारी करने का भी आदेश दिया था। सर्कुलर जारी भी किया गया है किन्तु पुलिस केस की पहले से नोटिस मिलने के बावजूद जानकारी उपलब्ध नहीं करा रही है। जिससे जमानत अर्जी सुनवाई में देरी होती है। कोर्ट ने कहा जमानत अर्जी समय से सुनी जाय, यह अभियुक्त का अधिकार है। अनुच्छेद 21के तहत जीवन स्वतंत्रता का मूल अधिकार है। किसी को भी अनावश्यक रूप से जेल में बंद नहीं रखा जा सकता।
शुरू में ही कोर्ट ने याची से आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी थी और पुलिस से भी जानकारी लेने का समय दिया था। किंतु पुलिस ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। अपर महाधिवक्ता ने कहा सरकार कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध है।वह कोर्ट के आदेश का अक्षरश पालन करेगी।
विस्तार
जमानत अर्जी पर पुलिस द्वारा समय से जानकारी न देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को आदेश का पालन न करने के स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर द्वारा हलफनामा दाखिल कर देने से हाजिर होने की जरूरत नहीं बताई है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने वरूण कुमार जायसवाल की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
इससे पहले कोर्ट ने पुलिस से जानकारी मांगी थी। किंतु कोई जानकारी नहीं दी गई तो पुलिस कमिश्नर को लापरवाह पुलिस के खिलाफ ऐक्शन लेकर रिपोर्ट देने तथा जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। पालन नहीं किया गया तो एस एस पी वाराणसी को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने का आदेश देते हुए आदेश पालन का निर्देश दिया था। इस पर भी न जवाब दाखिल हुआ न हाजिर हुए। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमानत अर्जी पर समय से जानकारी शासकीय अधिवक्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
[ad_2]
Source link