विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार: प्रो. विनय पाठक की संपत्ति की जांच शुरू, एसटीएफ ने कॉलेज संचालकों से की पूछताछ

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प्रो. विनय पाठक

प्रो. विनय पाठक
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे प्रोफेसर विनय पाठक की बैंक खातों के बाद संपत्तियों की भी जांच शुरू हो गई है। एसटीएफ को आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ में इनकी अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। इसकी जांच करने के लिए विश्वविद्यालय कर्मचारी और कॉलेज संचालकों से पूछताछ की है। 

एसटीएफ प्रोफेसर विनय पाठक और इनके परिजनों के बैंक खातों की जांच कर रही है। एसटीएफ को जानकारी मिली कि आगरा में कार्यकाल के दौरान इन्होंने आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ में संपत्तियां बनाई हैं। ये संपत्तियां परिजन और अपने रिश्तेदारों के नाम से भी खरीद हैं। एसटीएफ को इनके शाहगंज कोठी मीना बाजार रहने वाले रिश्तेदार की भी जानकारी मिली है। 

एकमुश्त में सोना भी खरीदा 

विश्वविद्यालय में नियुक्तियां और कई मनमाने कार्य इनके जरिये से भी हुए हैं। एसटीएफ को प्रो. पाठक के एकमुश्त में सोने की खरीद के बारे में भी पता चला है। एसटीएफ के मुताबिक प्रो. पाठक के जनवरी से सितंबर तक के कार्यकाल में हुए कार्यों की जांच की जा रही है। बैंक खाते और  संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। 

मेडिकल कॉलेज पर मेहरबानी की भी जांच

एमबीबीएस कापियां बदले जाने के मामले में भी एसटीएफ को अहम जानकारी मिली है। प्रो. पाठक ने अपने कार्यकाल में फिरोजाबाद के निजी मेडिकल कॉलेज पर भी मेहरबानी रखी। एमबीबीएस कापियां मूल्यांकन और बदलवाने में इस कॉलेज की भूमिका मिली है। इस मेडिकल कॉलेज की कापियां एसएन मेडिकल कॉलेज में जांचने आई थीं। एसएन कॉलेज प्रशासन ने कापियां बदलने जाने की कुलपति से की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की। 

यह भी पढ़ें -  हाईकोर्ट :  विशेष अपील और एसएलपी भी खारिज तब भी दाखिल कर दी नई याचिका

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रहे प्रोफेसर विनय पाठक की बैंक खातों के बाद संपत्तियों की भी जांच शुरू हो गई है। एसटीएफ को आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ में इनकी अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। इसकी जांच करने के लिए विश्वविद्यालय कर्मचारी और कॉलेज संचालकों से पूछताछ की है। 

एसटीएफ प्रोफेसर विनय पाठक और इनके परिजनों के बैंक खातों की जांच कर रही है। एसटीएफ को जानकारी मिली कि आगरा में कार्यकाल के दौरान इन्होंने आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ में संपत्तियां बनाई हैं। ये संपत्तियां परिजन और अपने रिश्तेदारों के नाम से भी खरीद हैं। एसटीएफ को इनके शाहगंज कोठी मीना बाजार रहने वाले रिश्तेदार की भी जानकारी मिली है। 

एकमुश्त में सोना भी खरीदा 

विश्वविद्यालय में नियुक्तियां और कई मनमाने कार्य इनके जरिये से भी हुए हैं। एसटीएफ को प्रो. पाठक के एकमुश्त में सोने की खरीद के बारे में भी पता चला है। एसटीएफ के मुताबिक प्रो. पाठक के जनवरी से सितंबर तक के कार्यकाल में हुए कार्यों की जांच की जा रही है। बैंक खाते और  संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। 

मेडिकल कॉलेज पर मेहरबानी की भी जांच

एमबीबीएस कापियां बदले जाने के मामले में भी एसटीएफ को अहम जानकारी मिली है। प्रो. पाठक ने अपने कार्यकाल में फिरोजाबाद के निजी मेडिकल कॉलेज पर भी मेहरबानी रखी। एमबीबीएस कापियां मूल्यांकन और बदलवाने में इस कॉलेज की भूमिका मिली है। इस मेडिकल कॉलेज की कापियां एसएन मेडिकल कॉलेज में जांचने आई थीं। एसएन कॉलेज प्रशासन ने कापियां बदलने जाने की कुलपति से की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की। 



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