विश्व मलेरिया दिवस: साल दर साल मलेरिया के घट रहे मरीज, जानें लक्षण और किस तरह करना है बचाव 

0
47

[ad_1]

सार

विश्व मलेरिया दिवस 2022 आज 25 अप्रैल को मनाया जा रहा है। वैसे मच्छरों से होने वाली इस घातक रोग का असर साल दर साल कम होता जा रहा है। मलेरिया के मरीज घट रहे हैं। इस क्रम को आगे भी जारी रखने के लिए कुछ एहतियात बरतने की जरूरत है।

ख़बर सुनें

आगरा में  पांच साल पहले 1705 नमूनों की जांच में एक में मलेरिया मिलता था, अब 19666 लोगों की जांच में मलेरिया का एक मरीज मिला है। बीमारी देने वाली मादा एनाफिलीज का गणित समझ में आते ही जागरूकता बरती और मलेरिया के मामले भी घटने लगे। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 2018 में 1705 नमूनों की जांच करने पर एक में मलेरिया की पुष्टि हो रही थी। इसी साल संचारी रोग अभियान शुरू हुआ। इसका असर भी दिखा और 2019 में 2110 नमूनों की जांच में एक, 2020 में 2735 नमूनों की जांच में एक और 2021 में 3219 नमूनों की जांच में मलेरिया का एक मरीज मिला है। इस साल 19666 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से एक में मलेरिया की पुष्टि हुई है। इन पांच साल में मलेरिया से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। 

2030 तक मलेरिया का कर देंगे खात्मा

संचारी रोग अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश कुमार अग्निहोत्री ने बताया कि मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज के काटने से होता है। ये मच्छर साफ और ठहरे 20 मिलीलीटर में पनप जाता है। इसकी उम्र छह से आठ सप्ताह है। केंद्र सरकार ने 2030 तक मलेरिया के खात्मे का लक्ष्य रखा है, इसको पूरा करने का अभियान सफल साबित हो रहा है। 

ये बने कारगर उपाय

– संचारी रोग : 2018 में संचारी रोग अभियान शुरू हुआ। 30 दिन तक गांव-शहर में साफ-सफाई जलभराव न होने, स्कूलों में बच्चों को बीमारी की जानकारी देने के लिए अभियान में 12 विभाग शामिल होते हैं।
– फॉगिंग, एंटी लारवा छिड़काव : ठहरे हुए साफ पानी में एंटी लारवा छिड़काव किया जाना। जागरूक लोग ऐसे पानी में केरोसिन की बूंदें छिड़कना और पानी को ढककर रखने के प्रति जागरूकता।
– कारकों को खत्म करना : पानी की टंकी, बाथरूम में ड्रम को ढककर रखना। आसपास जलभराव न होने देना, इसकी सूचना संबंधित विभाग को देना। स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच करना। 

मलेरिया के लक्षण

– तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द होना
– सिर में दर्द होना, ठंड लगना
– शरीर में ऐंठन होना, पसीना आना
– उल्टी होना, पेट में दर्द होना

ये बरतें एहतियात

– रात को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर सोएं, मच्छरदानी लगाएं
– मच्छररोधी क्रीम लगाएं, सोने से घंटेभर पहले कॉइल जलाएं
– ठहरे हुए पानी और नाली में केरोसिन की बूंदें छिड़क दें
– खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं, जिससे मच्छर न आ पाए
– पानी को ढककर रखें, ड्रम-टंकी की सफाई करें
(जैसा कि जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया)

यह भी पढ़ें -  Board exam 2023: 'तनाव मुक्त परीक्षा' के लिए अपनाएं ये टिप्स, एक्सपर्ट्स से जानें, कैसे करें तैयारी ?

साल    मरीज    नमूने लिए             
2022    01    19666
2021    31    99790
2020    25    68376
2019    81    170910
2018    86    146630

विस्तार

आगरा में  पांच साल पहले 1705 नमूनों की जांच में एक में मलेरिया मिलता था, अब 19666 लोगों की जांच में मलेरिया का एक मरीज मिला है। बीमारी देने वाली मादा एनाफिलीज का गणित समझ में आते ही जागरूकता बरती और मलेरिया के मामले भी घटने लगे। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 2018 में 1705 नमूनों की जांच करने पर एक में मलेरिया की पुष्टि हो रही थी। इसी साल संचारी रोग अभियान शुरू हुआ। इसका असर भी दिखा और 2019 में 2110 नमूनों की जांच में एक, 2020 में 2735 नमूनों की जांच में एक और 2021 में 3219 नमूनों की जांच में मलेरिया का एक मरीज मिला है। इस साल 19666 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से एक में मलेरिया की पुष्टि हुई है। इन पांच साल में मलेरिया से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। 

2030 तक मलेरिया का कर देंगे खात्मा

संचारी रोग अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. राकेश कुमार अग्निहोत्री ने बताया कि मलेरिया संक्रमित मादा एनाफिलीज के काटने से होता है। ये मच्छर साफ और ठहरे 20 मिलीलीटर में पनप जाता है। इसकी उम्र छह से आठ सप्ताह है। केंद्र सरकार ने 2030 तक मलेरिया के खात्मे का लक्ष्य रखा है, इसको पूरा करने का अभियान सफल साबित हो रहा है। 

ये बने कारगर उपाय

– संचारी रोग : 2018 में संचारी रोग अभियान शुरू हुआ। 30 दिन तक गांव-शहर में साफ-सफाई जलभराव न होने, स्कूलों में बच्चों को बीमारी की जानकारी देने के लिए अभियान में 12 विभाग शामिल होते हैं।

– फॉगिंग, एंटी लारवा छिड़काव : ठहरे हुए साफ पानी में एंटी लारवा छिड़काव किया जाना। जागरूक लोग ऐसे पानी में केरोसिन की बूंदें छिड़कना और पानी को ढककर रखने के प्रति जागरूकता।

– कारकों को खत्म करना : पानी की टंकी, बाथरूम में ड्रम को ढककर रखना। आसपास जलभराव न होने देना, इसकी सूचना संबंधित विभाग को देना। स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच करना। 

मलेरिया के लक्षण

– तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द होना

– सिर में दर्द होना, ठंड लगना

– शरीर में ऐंठन होना, पसीना आना

– उल्टी होना, पेट में दर्द होना

ये बरतें एहतियात

– रात को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर सोएं, मच्छरदानी लगाएं

– मच्छररोधी क्रीम लगाएं, सोने से घंटेभर पहले कॉइल जलाएं

– ठहरे हुए पानी और नाली में केरोसिन की बूंदें छिड़क दें

– खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं, जिससे मच्छर न आ पाए

– पानी को ढककर रखें, ड्रम-टंकी की सफाई करें

(जैसा कि जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया)

साल    मरीज    नमूने लिए             

2022    01    19666

2021    31    99790

2020    25    68376

2019    81    170910

2018    86    146630

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here