शंकराचार्य निश्चलानंद बोले :   मठ, मंदिर हो या फिर मदरसा, आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिए

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गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि मठ, मंदिर हो या फिर मदरसा, आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिए। हर ऐसे स्थान की जांच सरकार को करानी चाहिए जहां इस तरह की गतिविधियों की संभावना हो। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी ने यह बातें बुधवार को अपने नई झूंसी स्थित शिव गंगा आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहीं। 

प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से मदरसों का कराए जा रहे सर्वे के सवाल पर पुरी शंकराचार्य ने यह बातें कहीं। कहा कि मठ, मंदिर और मदरसा धार्मिक ज्ञान देने का स्थान है। यहां पर देश विरोधी गतिविधियां संचालित नहीं होना चाहिए। इन जगहों पर कहीं भी संदेहास्पद गतिविधि की आशंका पर जांच होनी चाहिए। काशी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को कोर्ट द्वारा सुनवाई योग्य माने जाने के सवाल पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि कोर्ट साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेती है।

साक्ष्य के आधार पर ही हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई योग्य मानी गई होगी। पुरी शंकराचार्य ने कहा कि दूसरे पक्ष के लिए ऊपरी अदालत के दरवाजे खुले हैं। उन्हें वहां पर अपनी याचिका दायर करनी चाहिए। हाल ही में दिवंगत हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के सवाल पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि स्वरुपानंद जी अपने जीवन में ज्यादातर वक्त तो मौन धारण में रहे।

ऐसे में उन्होंने अपना उत्तराधिकारी कब घोषित कर दिया। इस पर संशय है। मेेरी समझ में उन्होंने अपने जीवनकाल में किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था। सांई को मंदिर में स्थापित कर पूजा-अर्चना के सवाल पर उन्होंने कहा कि सांई को मंदिर में प्रवेश नहीं कराना चाहिए। कहा कि उनके भक्तों को अपने घर में स्थापित कर उनकी पूजा करना चाहिए। पुरी शंकराचार्य ने कहा कि राजनेताओं की दूरदर्शिता के कारण भारत खंडों में बंट रहा है।

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शंकराचार्य ने कहा कि विकास के नाम पर देश के महानगर विनाश के द्योतक साबित हो रहे हैं। कहा कि मनुष्य का जीवन इस वक्त भौतिकता के नाम पर इतना आश्रित हो गया है कि वह धर्म के मार्ग को भूल गया है। कहा कि जब तक शासन की व्यवस्था हमारी संस्कृति के अनुसार नहीं होगी। तब तक मनुष्य के ऊपर अर्थ और काम हावी रहेगा।

 

 

पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मंगलवार की रात गया से चलकर प्रयागराज पहुंचे थे। 16 सितंबर तक वह झूंसी के शिव गंगा आश्रम में प्रवास करेंगे। इस दौरान प्रतिदिन सुबह ग्यारह बजे से संगोष्ठी, दर्शन एवं दीक्षा का कार्यक्रम होगा। शाम को पांच बजे से धर्म सभा में पुरी शंकराचार्य भक्तों को दर्शन देंगे। 17 सितंबर को पुरी शंकराचार्य प्रयागराज से राजस्थान के लिए प्रस्थान करेंगे। इस मौके पर शंकराचार्य के सचिव निर्विकल्पानंद, हरिकेश, राजीव मिश्र राना, दिनेश पांडेय, नरेंद्रदेव तिवारी आदि मौजूद रहे।

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गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि मठ, मंदिर हो या फिर मदरसा, आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिए। हर ऐसे स्थान की जांच सरकार को करानी चाहिए जहां इस तरह की गतिविधियों की संभावना हो। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी ने यह बातें बुधवार को अपने नई झूंसी स्थित शिव गंगा आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहीं। 

प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से मदरसों का कराए जा रहे सर्वे के सवाल पर पुरी शंकराचार्य ने यह बातें कहीं। कहा कि मठ, मंदिर और मदरसा धार्मिक ज्ञान देने का स्थान है। यहां पर देश विरोधी गतिविधियां संचालित नहीं होना चाहिए। इन जगहों पर कहीं भी संदेहास्पद गतिविधि की आशंका पर जांच होनी चाहिए। काशी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को कोर्ट द्वारा सुनवाई योग्य माने जाने के सवाल पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि कोर्ट साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेती है।

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