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उन्नाव। केंद्र सरकार की रीवैंप (रूरल इकोनामिक वैल्यू एडेड मॉनीटरिंग प्रोग्राम) योजना के तहत जिले को 2026 तक भरपूर बिजली मिलने की उम्मीद है। विद्युत विभाग ने जनप्रतिनिधियों, विभागीय जेई व एई की रिपोर्ट के आधार पर आपूर्ति सुधार के लिए 31 नए बिजलीघर और 497 किमी विद्युत लाइन, 50 ट्रांसफार्मर सहित अन्य संसाधनों के लिए प्रस्ताव भेजा है।
वर्तमान में शहरी क्षेत्र में 24 घंटे, कस्बों को 22 और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। ओवरलोडिंग, जर्जर लाइनों और ट्रांसफार्मरों के फुंकने से बिजली संकट बना रहता है। अब रीवैंप योजना से इसे दूर करने की तैयारी है। शासन के निर्देश पर बिजली विभाग ने 24 घंटे बिजली आपूर्ति में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
इसमें नई विद्युत लाइनें, ट्रांसफार्मर, नए फीडरों का निर्माण भी शामिल है। योजना के तहत लाइनलॉस को 15 प्रतिशत से कम किया जाएगा। दिसंबर 2023 तक हर कनेक्शन पर प्रीपेड मीटर लगाने, सिंचाई के लिए अलग फीडर, ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि और उपकेंद्रों में पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव है। अधिकारियों के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए बजट प्रस्तावित किया है। इससे जल्द ही धनराशि मिलेगी और योजना पर काम शुरू होगा। 2026 तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली देने की तैयारी है।
ये होंगे मुख्य काम
जिले में 31 नए बिजलीघरों का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम शहरी क्षेत्र में आठ, वितरण खंड द्वितीय शुक्लागंज में छह, खंड तृतीय पुरवा में आठ, खंड चतुर्थ बांगरमऊ में दो और पंचम हसनगंज में सात नए बिजलीघर लगाए जाएंगे। 33 केवी की 497 किमी लाइन बिछाई जाएगी। 11 केवी फीडरों की ओवरलोडिंग समाप्त करने के लिए 339 किमी लाइन डाली जाएगी। इसके अलावा ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर लो वोल्टेज व ओवरलोडिंग की समस्या दूर की जाएगी।
रीवैंप योजना के तहत नए कार्यों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। 2026 तक योजना को पूरा करने का लक्ष्य है। अभी प्रस्ताव पर बजट नहीं मिला है। जल्द ही धनराशि आवंटित होने की उम्मीद है। – एससी शर्मा, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम।
उन्नाव। केंद्र सरकार की रीवैंप (रूरल इकोनामिक वैल्यू एडेड मॉनीटरिंग प्रोग्राम) योजना के तहत जिले को 2026 तक भरपूर बिजली मिलने की उम्मीद है। विद्युत विभाग ने जनप्रतिनिधियों, विभागीय जेई व एई की रिपोर्ट के आधार पर आपूर्ति सुधार के लिए 31 नए बिजलीघर और 497 किमी विद्युत लाइन, 50 ट्रांसफार्मर सहित अन्य संसाधनों के लिए प्रस्ताव भेजा है।
वर्तमान में शहरी क्षेत्र में 24 घंटे, कस्बों को 22 और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे आपूर्ति का दावा किया जा रहा है। ओवरलोडिंग, जर्जर लाइनों और ट्रांसफार्मरों के फुंकने से बिजली संकट बना रहता है। अब रीवैंप योजना से इसे दूर करने की तैयारी है। शासन के निर्देश पर बिजली विभाग ने 24 घंटे बिजली आपूर्ति में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
इसमें नई विद्युत लाइनें, ट्रांसफार्मर, नए फीडरों का निर्माण भी शामिल है। योजना के तहत लाइनलॉस को 15 प्रतिशत से कम किया जाएगा। दिसंबर 2023 तक हर कनेक्शन पर प्रीपेड मीटर लगाने, सिंचाई के लिए अलग फीडर, ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि और उपकेंद्रों में पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव है। अधिकारियों के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए बजट प्रस्तावित किया है। इससे जल्द ही धनराशि मिलेगी और योजना पर काम शुरू होगा। 2026 तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली देने की तैयारी है।
ये होंगे मुख्य काम
जिले में 31 नए बिजलीघरों का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें विद्युत वितरण खंड प्रथम शहरी क्षेत्र में आठ, वितरण खंड द्वितीय शुक्लागंज में छह, खंड तृतीय पुरवा में आठ, खंड चतुर्थ बांगरमऊ में दो और पंचम हसनगंज में सात नए बिजलीघर लगाए जाएंगे। 33 केवी की 497 किमी लाइन बिछाई जाएगी। 11 केवी फीडरों की ओवरलोडिंग समाप्त करने के लिए 339 किमी लाइन डाली जाएगी। इसके अलावा ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर लो वोल्टेज व ओवरलोडिंग की समस्या दूर की जाएगी।
रीवैंप योजना के तहत नए कार्यों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। 2026 तक योजना को पूरा करने का लक्ष्य है। अभी प्रस्ताव पर बजट नहीं मिला है। जल्द ही धनराशि आवंटित होने की उम्मीद है। – एससी शर्मा, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम।
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