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अचलगंज। रबी फसलों की बुआई की तैयारी कर रहे किसानों को इस बार निजी संसाधन से पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी। गदनखेड़ा के पास शारदा नहर पर पुल निर्माण के लिए पानी रोक दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्नाव-लालगंज हाइवे निर्माण के दौरान गदनखेड़ा के पास शारदा नहर पर पुल का निर्माण शुरू कराया गया है। इसी कारण सिंचाई विभाग ने नहर में पानी रोक दिया है। रबी सीजन के व्यस्ततम समय में पानी रोकने से किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी। नहर की इस शाखा से जनपद के बिछिया, सिकंदरपुर सरोसी, सिकंदरपुर कर्ण, बीघापुर व सुमेरपुर आदि विकास खंडों के 105 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए मुश्किलें आएंगी।
रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं है। फसल बुआई से पहले किसानों को खेतों की पलेवा करनी होती है। इसके लिए पानी की जरूरत होती है। सरसों व आलू आदि फसल को बुआई के बाद सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस बार जनवरी तक नहर से पानी नहीं मिल पाएगा। किसानों को निजी पंपसेट से महंगा डीजल खर्च कर सिंचाई करानी पड़ेगी।
मालूम हो कि दो वर्ष पूर्व भी इसी माह में कोरारी के पास नहर पर पुल बनाने के लिए तीन महीने पानी रोका गया था। तब भी किसानों को
काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पुल का निर्माण करा रही फर्म पीएनसी के मैनेजर अशोक तिवारी ने बताया कि सिंचाई विभाग ने पानी रोक दिया है। पुल निर्माण के लिए दो महीने का समय दिया है। इस समयावधि में निर्माण पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
अचलगंज। रबी फसलों की बुआई की तैयारी कर रहे किसानों को इस बार निजी संसाधन से पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी। गदनखेड़ा के पास शारदा नहर पर पुल निर्माण के लिए पानी रोक दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी तक नहर में पानी नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्नाव-लालगंज हाइवे निर्माण के दौरान गदनखेड़ा के पास शारदा नहर पर पुल का निर्माण शुरू कराया गया है। इसी कारण सिंचाई विभाग ने नहर में पानी रोक दिया है। रबी सीजन के व्यस्ततम समय में पानी रोकने से किसानों की मुश्किलें बढ़ेंगी। नहर की इस शाखा से जनपद के बिछिया, सिकंदरपुर सरोसी, सिकंदरपुर कर्ण, बीघापुर व सुमेरपुर आदि विकास खंडों के 105 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। ऐसे में किसानों को सिंचाई के लिए मुश्किलें आएंगी।
रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं है। फसल बुआई से पहले किसानों को खेतों की पलेवा करनी होती है। इसके लिए पानी की जरूरत होती है। सरसों व आलू आदि फसल को बुआई के बाद सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस बार जनवरी तक नहर से पानी नहीं मिल पाएगा। किसानों को निजी पंपसेट से महंगा डीजल खर्च कर सिंचाई करानी पड़ेगी।
मालूम हो कि दो वर्ष पूर्व भी इसी माह में कोरारी के पास नहर पर पुल बनाने के लिए तीन महीने पानी रोका गया था। तब भी किसानों को
काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पुल का निर्माण करा रही फर्म पीएनसी के मैनेजर अशोक तिवारी ने बताया कि सिंचाई विभाग ने पानी रोक दिया है। पुल निर्माण के लिए दो महीने का समय दिया है। इस समयावधि में निर्माण पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
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