शासन सख्त : तेरहवीं के बाद डॉ. दीपेंद्र के तबादले समेत अन्य गड़बड़ियों की सरकार ने दिए जांच के आदेश

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तेरहवीं के बाद सर्जन डॉ. दीपेंद्र सिंह का मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में तबादला किए जाने समेत चिकित्सकों के स्थानांतरण में हुई गड़बड़ियों की सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की ओर से तबादलों में भारी गड़बड़ी की शिकायत के बाद सोमवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) से सूची तलब कर ली। एसीएस को लिखे पत्र में डिप्टी सीएम ने पूछा है कि जिन चिकित्सकों का तबादला किया गया है, क्या उनकी संबद्धता, तैनाती के बारे में सत्यापन कराया गया था। 

चिकित्सकों के तबादले मेें स्थानांतरण नीति का पालन न किए जाने से प्रयागराज समेत कई जिलों के अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो गई है। इसी तबादला सूची में चित्रकूट के संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात रहे डॉ. दीपेंद्र सिंह का नाम प्रथम क्रमांक पर अंकित था। जिसमें तेरहवीं के बाद उनकी प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल में सर्जन के पद पर तैनाती के आदेश दिए गए थे।

हालांकि अमर उजाला में इसका प्रमुखता से खुलासा होने के बाद शासन ने आनन-फानन में इस आदेश को निरस्त कर दिया। अब डॉ. दीपेंद्र समेत मनमाने तौर पर जारी की गई चिकित्सकों की तबादला सूची को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पीएमएस की ओर से चिकित्सकों के तबादले में स्थानांतरण नीति का पालन न किए जाने की भी शिकायत की गई है।

डिप्टी सीएम ने अपर मुख्य सचिव(चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गए हैं, उनमें स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया है। ऐसे में जिन-जिन चिकित्सकों का स्थानांतरण किया गया है, उनका कारण स्पष्ट करते हुए संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा डिप्टी सीएम ने इस तबादला सूची पर सवाल भी उठाए हैं। एसीएस से उन्होंने पूछा है कि जिन चिकित्सकों का तबादला किया गया है, क्या उनका सत्यापन कराया गया।

क्या यह पता किया गया कि स्थानांतरित चिकित्सकों की अवधि से अधिक समय से किसी जिले, मंडल या अस्पताल में कोई चिकित्सक तैनात तो नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की जिला इकाई ने तेरहवीं के बाद डॉ. दीपेंद्र के तबादले पर आपत्ति जताते हुए सरकार और शासन को पत्र लिखा था। लिवर संक्रमण से पीड़ित डॉ. दीपेंद्र पांच साल से तबादले की मांग कर रहे थे, लेकिन तेरहवीं के बाद उनका आदेश आया। 

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डिप्टी सीएम ने चिकित्सकों की संबद्धता पर भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा
डिप्टी सीएम ने चिकित्सकों के संबद्धीकरण के बारे में भी एसीएस को स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी पूछा है कि कितने चिकित्साधिकारी विभिन्न स्थानों से संबद्ध हैं। उनके संबद्धीकरण पर कब निर्णय लिया जाएगा। संबद्ध चिकित्साधिकारियों के विवरण सहित उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए।

विस्तार

तेरहवीं के बाद सर्जन डॉ. दीपेंद्र सिंह का मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में तबादला किए जाने समेत चिकित्सकों के स्थानांतरण में हुई गड़बड़ियों की सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की ओर से तबादलों में भारी गड़बड़ी की शिकायत के बाद सोमवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) से सूची तलब कर ली। एसीएस को लिखे पत्र में डिप्टी सीएम ने पूछा है कि जिन चिकित्सकों का तबादला किया गया है, क्या उनकी संबद्धता, तैनाती के बारे में सत्यापन कराया गया था। 

चिकित्सकों के तबादले मेें स्थानांतरण नीति का पालन न किए जाने से प्रयागराज समेत कई जिलों के अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो गई है। इसी तबादला सूची में चित्रकूट के संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात रहे डॉ. दीपेंद्र सिंह का नाम प्रथम क्रमांक पर अंकित था। जिसमें तेरहवीं के बाद उनकी प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल में सर्जन के पद पर तैनाती के आदेश दिए गए थे।

हालांकि अमर उजाला में इसका प्रमुखता से खुलासा होने के बाद शासन ने आनन-फानन में इस आदेश को निरस्त कर दिया। अब डॉ. दीपेंद्र समेत मनमाने तौर पर जारी की गई चिकित्सकों की तबादला सूची को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पीएमएस की ओर से चिकित्सकों के तबादले में स्थानांतरण नीति का पालन न किए जाने की भी शिकायत की गई है।

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