शिक्षकों ने बदली स्कूलों की सूरत

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उन्नाव। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर आज शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। जीवन का स्तंभ कहे जाने वाले शिक्षक अमूल्य समय देकर आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। जिले के कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अतिरिक्त प्रयास कर विद्यालय और शिक्षण व्यवस्था में सुधार किया है। किसी ने नवाचार से स्कूल की सूरत बदली तो किसी ने खेलों और योगा के माध्यम से छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
निशा ने पढ़ाया सशक्तीकरण का पाठ, बदली दशा
सुमेरपुर ब्लॉक के नारायणपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका निशा तोमर ने स्कूल के लिए जी तोड़ मेहनत की। साल 2015 में वह विद्यालय में आईं। तब छात्र संख्या 54 थी। छह साल मेहनत की और इसे 123 तक पहुंचाया। बाल सभा व पढ़ाई के मूल्यांकन की व्यवस्था की। छात्राओं को ताइक्वांडो व कराटे का प्रशिक्षण दिलाया। शस्त्र से शास्त्र तक और रोटी से रोजगार तक के मिशन को ध्यान में रखकर ‘समर्थ नारी समर्थ भारत अभियान’ के तहत जिला क्रीड़ाध्यक्ष भी रहीं। निशा को नारी सशक्तीकरण, महिला शक्ति लाडली अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पुरस्कृत किया जा चुका है। वर्ष 2016 में उत्कृष्ट सक्सेस स्टोरी के लिए इटावा में राज्य स्तरीय, 2017 में अरविंदो सोसाइटी से इनोवेटिव पाठशाला एवं इनोवेटिव टीचर का अवार्ड, 2018 और 2019 में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान व मिशन शक्ति अवार्ड दिया गया था।
पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों से दी उड़ान
ब्लॉक सिकंदरपुर कर्ण के कटरी पीपरखेड़ा कंपोजिट स्कूल की सहायक शिक्षक व स्टेट रिसोर्स ग्रुप की सदस्य रचना सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे काम किए हैं। साल 2011 में उनका चयन इसी गांव के प्राथमिक स्कूल में प्रधान शिक्षक के पद पर हुआ। उन्होंने छात्रों को पढ़ाने के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए भी प्रेरित किया। नतीजा ये हुआ कि कक्षा आठ की छात्रा सानिया व मो. रोशन का चयन राज्य व मंडल स्तर पर हुई योगा चैंपियनशिप के लिए हुआ। मेरी उड़ान प्रतियोगिता में कक्षा छह की छात्रा मुस्कान ने सफलता हासिल की। समुदाय के सहयोग से विद्यालय में स्मार्ट टीवी, लैपटॉप की व्यवस्था कर फर्नीचर लगवाया। निपुण भारत अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की उन्होंने मुहिम चला रखी है। उन्हें 2018 में राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार और राज्य स्तरीय योगा पुरस्कार और मुख्यमंत्री की ओर से राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान दिया गया था। वर्ष 2019 में विधानसभा अध्यक्ष ने उत्कृष्ट शिक्षक से सम्मानित किया।
दो लाख खर्च कर लैब बनवाई, आगे बढ़ने की राह दिखाई
फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के काजीपुर कच्छ कंपोजिट स्कूल में प्रधान शिक्षक कुलदीप विमल ने छात्रों को पढ़ाई के साथ कंप्यूटर की शिक्षा से जोड़ा। साल 2020 में स्कूल गए, उस समय वहां 45 छात्र थे। दो साल मेहनत की और छात्र संख्या 188 पहुंचा दी। अपने पास से दो लाख रुपये खर्च कर स्कूल में कंप्यूटर के साथ विज्ञान लैब बनवाई। आठ लैपटॉप के साथ प्रोजेक्टर, प्रिंटर व इंवर्टर लगवाया है। कटरी क्षेत्र के विद्यालय को आदर्श बना दिया। छात्र टाई, बेल्ट, परिचय पत्र के साथ स्कूल आते हैं। पूरे साल अच्छी उपस्थित पर कक्षा तीन की छात्रा प्राची को अपने पास से साइकिल भेंट कर उत्साहवर्धन किया। इस कार्य के लिए बीईओ ने उन्हें पुरस्कृत किया। साथ ही सितंबर 2021 में डीएम व 15 नवंबर 2021 को बीएसए ने सम्मानित किया।
अंग्रेजी सिखाने के साथ विद्यालय परिवेश बनाया सुंदर
नवाबगंज ब्लॉक के सोहरामऊ स्थित अंग्रेजी माध्यम के मॉडल विद्यालय की प्रधान शिक्षिका स्नेहिल पांडेय व उनकी मां सुधा शुक्ला राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हैं। स्नेहिल ने विद्यालय में छात्रों को धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलना सिखाने के साथ स्कूल के भौतिक परिवेश को रंगीन, आकर्षक व सुंदर बनाया। अपने पास से हर साल छात्रा को साइकिल देती हैं। स्कूल में 300 पौधे लगाए हैं। सामुदायिक सहभागिता से फर्नीचर लगवाया। यू ट्यूब चैनल व अन्य ऑनलाइन व्यवस्था से कोरोना काल में छात्रों को पढ़ाया। वह स्वीप आइकॉन भी रह चुकी है। प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति योजना का भी वह चेहरा रहीं। वह मां को प्रेरणा मानती हैं।
कमजोर बच्चों के लिए चला रहीं मोहल्ला क्लास
शहर के मोहल्ला पीडी नगर निवासी रंजना हाकिम टोला प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षिका हैं। वह पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए अलग से कक्षा संचालित करती हैं। जो बच्चे स्कूल से अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, छुट्टी के बाद उनके घर जाकर मोहल्ले के अन्य बच्चों को बुलाकर एक साथ बैठाकर पढ़ातीं हैं। उन्होंने बताया कि समस्या तब होती है जब अभिभावक बच्चों को पढ़ाने और स्कूल भेजने के प्रति गंभीर नहीं होते। इसके लिए वह स्कूल के आसपास के तालिब सरांय, जेरघुस, किला, आदर्शनगर आदि जगहों पर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताती हैं। बताया कि कोविड काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाकर बच्चों को पढ़ाया।
कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बनाया मॉडल
सोहरामऊ स्थित राजकीय बालिका हाईस्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. मीनाक्षी गंगवार ने वर्ष 2016 में कार्यभार ग्रहण किया था, तब छात्र संख्या 25 थी। उन्होंने स्कूल में पुस्तकालय और नवाचार आधारित शिक्षा, समर कैंप, स्मार्ट कक्षा और प्रयोगशाला स्थापित कर इसे कान्वेंट स्कूलों के मुकाबले खड़ा कर दिया। ये स्कूल मॉडल बन गया है। मीनाक्षी गंगवार को राज्य स्तर पर कॉलेज ऑफ टीचर एजूकेशन की ओर से आयोजित जीवन कौशल कार्यशाला में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक सम्मान दिया गया। वर्ष 2020-21 में विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी में स्कूल जिला व मंडल स्तर पर प्रथम रहा था। इस समय यहां छात्र संख्या 110 है।

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उन्नाव। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर आज शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। जीवन का स्तंभ कहे जाने वाले शिक्षक अमूल्य समय देकर आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। जिले के कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अतिरिक्त प्रयास कर विद्यालय और शिक्षण व्यवस्था में सुधार किया है। किसी ने नवाचार से स्कूल की सूरत बदली तो किसी ने खेलों और योगा के माध्यम से छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

निशा ने पढ़ाया सशक्तीकरण का पाठ, बदली दशा

सुमेरपुर ब्लॉक के नारायणपुर प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका निशा तोमर ने स्कूल के लिए जी तोड़ मेहनत की। साल 2015 में वह विद्यालय में आईं। तब छात्र संख्या 54 थी। छह साल मेहनत की और इसे 123 तक पहुंचाया। बाल सभा व पढ़ाई के मूल्यांकन की व्यवस्था की। छात्राओं को ताइक्वांडो व कराटे का प्रशिक्षण दिलाया। शस्त्र से शास्त्र तक और रोटी से रोजगार तक के मिशन को ध्यान में रखकर ‘समर्थ नारी समर्थ भारत अभियान’ के तहत जिला क्रीड़ाध्यक्ष भी रहीं। निशा को नारी सशक्तीकरण, महिला शक्ति लाडली अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पुरस्कृत किया जा चुका है। वर्ष 2016 में उत्कृष्ट सक्सेस स्टोरी के लिए इटावा में राज्य स्तरीय, 2017 में अरविंदो सोसाइटी से इनोवेटिव पाठशाला एवं इनोवेटिव टीचर का अवार्ड, 2018 और 2019 में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान व मिशन शक्ति अवार्ड दिया गया था।

पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों से दी उड़ान

ब्लॉक सिकंदरपुर कर्ण के कटरी पीपरखेड़ा कंपोजिट स्कूल की सहायक शिक्षक व स्टेट रिसोर्स ग्रुप की सदस्य रचना सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे काम किए हैं। साल 2011 में उनका चयन इसी गांव के प्राथमिक स्कूल में प्रधान शिक्षक के पद पर हुआ। उन्होंने छात्रों को पढ़ाने के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए भी प्रेरित किया। नतीजा ये हुआ कि कक्षा आठ की छात्रा सानिया व मो. रोशन का चयन राज्य व मंडल स्तर पर हुई योगा चैंपियनशिप के लिए हुआ। मेरी उड़ान प्रतियोगिता में कक्षा छह की छात्रा मुस्कान ने सफलता हासिल की। समुदाय के सहयोग से विद्यालय में स्मार्ट टीवी, लैपटॉप की व्यवस्था कर फर्नीचर लगवाया। निपुण भारत अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की उन्होंने मुहिम चला रखी है। उन्हें 2018 में राज्य स्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार और राज्य स्तरीय योगा पुरस्कार और मुख्यमंत्री की ओर से राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान दिया गया था। वर्ष 2019 में विधानसभा अध्यक्ष ने उत्कृष्ट शिक्षक से सम्मानित किया।

दो लाख खर्च कर लैब बनवाई, आगे बढ़ने की राह दिखाई

फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के काजीपुर कच्छ कंपोजिट स्कूल में प्रधान शिक्षक कुलदीप विमल ने छात्रों को पढ़ाई के साथ कंप्यूटर की शिक्षा से जोड़ा। साल 2020 में स्कूल गए, उस समय वहां 45 छात्र थे। दो साल मेहनत की और छात्र संख्या 188 पहुंचा दी। अपने पास से दो लाख रुपये खर्च कर स्कूल में कंप्यूटर के साथ विज्ञान लैब बनवाई। आठ लैपटॉप के साथ प्रोजेक्टर, प्रिंटर व इंवर्टर लगवाया है। कटरी क्षेत्र के विद्यालय को आदर्श बना दिया। छात्र टाई, बेल्ट, परिचय पत्र के साथ स्कूल आते हैं। पूरे साल अच्छी उपस्थित पर कक्षा तीन की छात्रा प्राची को अपने पास से साइकिल भेंट कर उत्साहवर्धन किया। इस कार्य के लिए बीईओ ने उन्हें पुरस्कृत किया। साथ ही सितंबर 2021 में डीएम व 15 नवंबर 2021 को बीएसए ने सम्मानित किया।

अंग्रेजी सिखाने के साथ विद्यालय परिवेश बनाया सुंदर

नवाबगंज ब्लॉक के सोहरामऊ स्थित अंग्रेजी माध्यम के मॉडल विद्यालय की प्रधान शिक्षिका स्नेहिल पांडेय व उनकी मां सुधा शुक्ला राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हैं। स्नेहिल ने विद्यालय में छात्रों को धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलना सिखाने के साथ स्कूल के भौतिक परिवेश को रंगीन, आकर्षक व सुंदर बनाया। अपने पास से हर साल छात्रा को साइकिल देती हैं। स्कूल में 300 पौधे लगाए हैं। सामुदायिक सहभागिता से फर्नीचर लगवाया। यू ट्यूब चैनल व अन्य ऑनलाइन व्यवस्था से कोरोना काल में छात्रों को पढ़ाया। वह स्वीप आइकॉन भी रह चुकी है। प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति योजना का भी वह चेहरा रहीं। वह मां को प्रेरणा मानती हैं।

कमजोर बच्चों के लिए चला रहीं मोहल्ला क्लास

शहर के मोहल्ला पीडी नगर निवासी रंजना हाकिम टोला प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षिका हैं। वह पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए अलग से कक्षा संचालित करती हैं। जो बच्चे स्कूल से अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, छुट्टी के बाद उनके घर जाकर मोहल्ले के अन्य बच्चों को बुलाकर एक साथ बैठाकर पढ़ातीं हैं। उन्होंने बताया कि समस्या तब होती है जब अभिभावक बच्चों को पढ़ाने और स्कूल भेजने के प्रति गंभीर नहीं होते। इसके लिए वह स्कूल के आसपास के तालिब सरांय, जेरघुस, किला, आदर्शनगर आदि जगहों पर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताती हैं। बताया कि कोविड काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला क्लास लगाकर बच्चों को पढ़ाया।

कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बनाया मॉडल

सोहरामऊ स्थित राजकीय बालिका हाईस्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. मीनाक्षी गंगवार ने वर्ष 2016 में कार्यभार ग्रहण किया था, तब छात्र संख्या 25 थी। उन्होंने स्कूल में पुस्तकालय और नवाचार आधारित शिक्षा, समर कैंप, स्मार्ट कक्षा और प्रयोगशाला स्थापित कर इसे कान्वेंट स्कूलों के मुकाबले खड़ा कर दिया। ये स्कूल मॉडल बन गया है। मीनाक्षी गंगवार को राज्य स्तर पर कॉलेज ऑफ टीचर एजूकेशन की ओर से आयोजित जीवन कौशल कार्यशाला में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक सम्मान दिया गया। वर्ष 2020-21 में विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी में स्कूल जिला व मंडल स्तर पर प्रथम रहा था। इस समय यहां छात्र संख्या 110 है।

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