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गोकुल बाबा मंदिर में पूजन करते भक्त। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व पर पूरे शहर में हर हर बम बम गूंजता रहा। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। जय भोला भंडारी, तेरी महिमा न्यारी जैसे भजनों पर भक्त झूमते दिखे।
मंगलवार को मगरवारा स्थित गोकुलबाबा मंदिर, शहर के सिद्धनाथ, झारखंडेश्वर, झंडेश्वर, रामेश्वरम, अखिलेश्वर, पातालेश्वर आदि शिव मंदिरों के पट सुबह चार बजे ही खुल गए। देरशाम तक भारी संख्या में शिवभक्तों ने जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया। दही, शहद, अक्षत, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, बेल, बेर, गेहूं की बालियां व गन्ने आदि समर्पित कर शिवार्चन किया।
हजारीटोला के प्राचीन श्री सिद्धनाथ बाबा मंदिर में शाम को महाआरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। हसनगंज के सई नदी तट पर स्थित जलेश्वरनाथ मंदिर, नेवलगंज, नवई, झलोतर व बारा बुजुर्ग स्थित बालेश्वर मंदिर में मेले जैसा माहौल रहा। बिछिया के तारगांव स्थित तेजेश्वर मंदिर, ओरहर गांव के केदारेश्वर, मरोई में मरोईश्वर, तौरा गांव में लक्खेश्वर व पड़री कला में सगरेश्वर मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी रही। फतेहपुर चौरासी के आनंदेश्वर, गौरीशंकर, मंगलेश्वर, बलखंडेश्वर, नीलकंठेश्वर मंदिर में शाम तक भजन गूंजते रहे।
उन्नाव। महाशिवरात्रि पर्व पर पूरे शहर में हर हर बम बम गूंजता रहा। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। जय भोला भंडारी, तेरी महिमा न्यारी जैसे भजनों पर भक्त झूमते दिखे।
मंगलवार को मगरवारा स्थित गोकुलबाबा मंदिर, शहर के सिद्धनाथ, झारखंडेश्वर, झंडेश्वर, रामेश्वरम, अखिलेश्वर, पातालेश्वर आदि शिव मंदिरों के पट सुबह चार बजे ही खुल गए। देरशाम तक भारी संख्या में शिवभक्तों ने जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया। दही, शहद, अक्षत, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, बेल, बेर, गेहूं की बालियां व गन्ने आदि समर्पित कर शिवार्चन किया।
हजारीटोला के प्राचीन श्री सिद्धनाथ बाबा मंदिर में शाम को महाआरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। हसनगंज के सई नदी तट पर स्थित जलेश्वरनाथ मंदिर, नेवलगंज, नवई, झलोतर व बारा बुजुर्ग स्थित बालेश्वर मंदिर में मेले जैसा माहौल रहा। बिछिया के तारगांव स्थित तेजेश्वर मंदिर, ओरहर गांव के केदारेश्वर, मरोई में मरोईश्वर, तौरा गांव में लक्खेश्वर व पड़री कला में सगरेश्वर मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी रही। फतेहपुर चौरासी के आनंदेश्वर, गौरीशंकर, मंगलेश्वर, बलखंडेश्वर, नीलकंठेश्वर मंदिर में शाम तक भजन गूंजते रहे।
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