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कासगंज के सोरोंजी में ऐसा पहली बार हुआ, जब लहरा गंगाघाट से मारहरा 32 किमी की दूरी तक 101 फीट लंबी कांवड़ यात्रा तिरंगा के साथ निकाली गई। सोमवार की सुबह करीब 10 बजे लहरा गंगाघाट से 70 कांवड़ियों के जत्थे के साथ यह कांवड़ पूजा-अर्चना के बाद उठाई गई। कांवड़ यात्रा के आगे भगवान भोलेनाथ की झांकियां थीं। उसके पीछे तिरंगा लेकर कांवड़िये चल रहे थे। स्वतंत्रता दिवस से पहले 101 फीट लंबी कांवड़ तिरंगा यात्रा का जगह-जगह लोगों ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।
सावन महीने में कांवड़ मेले की धूम है। कासगंज से लेकर तीर्थ नगरी सोरोंजी व लहरा गंगाघाट पर हर जगह कांवड़ियों की भक्ति और श्रद्धा का नजारा बना हुआ है। सोमवार को 70 कांवड़िये तिरंगा कांवड़ लेकर रवाना हुए। कांवड़ लहरा गंगाघाट से मारहरा तक आकर्षण का केंद्र बनी रही। पुलिस अधिकारी भी कांवड़ियों की टोली में शामिल होकर तिरंगा हाथ में लेकर आगे बढ़े और भोले की भक्ति में शामिल हुए।
101 फीट लंबी कांवड़ उठाए कांवड़िये भगवान भोलेनाथ की जय-जयकार करते आगे बढ़ रहे थे। झांकियों के साथ डीजे पर भगवान भोले की भक्ति के भजन बज रहे थे। तीर्थनगरी सोरोंजी में कांवड़ियों की टोली का स्वागत किया गया। इसके बाद रास्ते में कासगंज शहर से मारहरा तक कांवड़ियों का स्वागत हुआ। शाम के समय मारहरा पहुंचकर कांवड़ियों ने शिव चिंताहरण मंदिर में भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक किया।
कांवड़ियों की टोली में योगेश मधुवन, राहुल साहू, चित्रांश, राकेश कुमार सोनी, विपिन कुमार गुप्ता, स्नोद गुप्ता, सचिन सोनी, पर्व सोनी, चेतन गुप्ता, छोटे भगत, निखिल गुप्ता, टीटू गुप्ता, गिरिधर गोपाल गुप्ता,सक्षम सोनी, सोमेश गुप्ता, अर्पित, ज्ञानी, दलवीर, अंकुर गुप्ता सहित अन्य श्रद्धालु शामिल थे।
तीर्थनगरी में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सोनी ने कटरा बाजार चौराहे पर कांवड़ियों का स्वागत कर जलपान कराया। कासगंज में भाजपा के जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी ने पहुंचकर कांवड़ियों के जत्थे का स्वागत किया। इस दौरान सराफा एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने कांवड़ियों को फल और शीतल पेय वितरित किया।
लहरा गंगाघाट पर जब 101 फीट लंबी कांवड़ उठाई गई। इस दौरान सुरक्षा व मार्ग व्यवस्था का निरीक्षण करने सीओ दीप कुमार पंत पहुंचे। उन्होंने जत्थे के साथ तिरंगा हाथों में लिया। सोरोंजी कोतवाली निरीक्षक रमेश भारद्वाज भी हाथों में तिरंगा लेकर कुछ दूरी तक चले।
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