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Shri Krishna Janambhoomi case
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद की जिन सीढ़ियों के नीचे ठाकुर केशवराय के श्रीविग्रह राम-राम और बैच्छोर को दबाने का दावा किया जा रहा है, उनमें से एक-दो सीढ़ियों पर विशेष आकृति बनी हुई है। पक्षकार श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने दावे में इसका जिक्र करते हुए बताया कि इन्हीं सीढ़ियों के नीचे श्रीविग्रहों के दबे होने की आशंका है। दावा है कि उन्होंने इन सीढ़ियों को बारीकी से अध्ययन किया है और वीडियो भी तैयार की है। इनकी खोदाई की जाएगी तो ठाकुर केशवराय के श्रीविग्रह अवश्य निकलेंगे।
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में चल रहे दावे के पक्षकार महेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक वर्ष 1670 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मौजूद राजा वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए मंदिर का विध्वंस किया था। इसमें मौजूद राम-राम और बैच्छोर के नाम से जाने जाने वाले मूल विग्रहों को आगरा ले गया और बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया। उनका दावा है कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है। बेगम साहिबा की मस्जिद पुरातात्विक विभाग के संरक्षण में है।
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एक दो सीढ़ियों पर बनी हैं पुष्प चक्र की आकृति
पक्षकार के मुताबिक हमारे द्वारा दावा किए जाने के बाद बेगम साहिबा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मस्जिद तक पहुंचने के लिए करीब दस सीढ़ियां हैं। इन सीढ़ियों में बीच की एक सीढ़ी पर चक्र पुष्प की आकृति बनी है। मस्जिद की सीढ़ियों में इस प्रकार की आकृति देखने को नहीं मिलती है। आशंका है कि यह आकृति विशेष चिह्नाकंन का संकेत है और इसके नीचे राम-राम और बैच्छोर के श्री विग्रह हो सकते हैं।
दो दिन में आ सकता है कोर्ट कमीशन का फैसला
राम-राम और बैच्छोर को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा दो दिन में फैसला सुनाया जा सकता है। अदालत में बहस पूरी हो गई है और आदेश को सुरक्षित कर लिया है।
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