विस्तार और प्रभाव के अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नारी शक्ति को शस्त्र और शास्त्र से भी जोड़ेगा। संघ के संस्कार से लेकर समरसता तक के अभियान प्रत्येक परिवार तक पहुंचें, इसकी जिम्मेदारी वह अपने महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति और भारतीय स्त्री शक्ति को देने जा रहा है।
विजयदशमी पर नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में महिला सहभागिता पर बल दिया था। उसी के परिप्रेक्ष्य में सोमवार को प्रयागराज के गौहनिया स्थित चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ पदाधिकारियों ने नारी शक्ति में अपनी पैठ मजबूत करने का कार्यक्रम बनाने की तैयारी की है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्र सेविका समिति और भारतीय स्त्री शक्ति को सौंपी गई है।
कार्यकारी मंडल की बैठक में सेविका समिति और भारतीय स्त्री शक्ति के अभ्यास वर्ग बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके तहत महिलाओं को शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करवाने पर मंथन हुआ। संघ इस पहल को संस्कृति और संस्कार से जोड़ने का प्रयास मानता है।
चूंकि राष्ट्र सेविका समिति का उत्तर भारत एवं भारतीय स्त्री शक्ति का दक्षिण भारत में खासा प्रभाव है। तय किया गया कि दोनों ही संगठनों के माध्यम से सेवा बस्ती में किए जाने वाले कार्यों का दायरा बढ़ाया जाए। इसके तहत महिलाओं के बीच संगोष्ठी, चर्चा, परिसंवाद एवं प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।
उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेवा बस्तियों में प्रशिक्षण वर्ग के आयोजन और बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। परिवार परामर्श केंद्र, स्वयं सहायता गुट, वाचक मंच, महिला सुरक्षा पर कार्यक्रम, विवाहपूर्व मार्गदर्शन, डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण आदि के आयोजन भी दोनों संगठन द्वारा बढ़ाए जाएंगे।
विस्तार
विस्तार और प्रभाव के अपने स्वर्णिम दौर से गुजर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नारी शक्ति को शस्त्र और शास्त्र से भी जोड़ेगा। संघ के संस्कार से लेकर समरसता तक के अभियान प्रत्येक परिवार तक पहुंचें, इसकी जिम्मेदारी वह अपने महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति और भारतीय स्त्री शक्ति को देने जा रहा है।
विजयदशमी पर नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में महिला सहभागिता पर बल दिया था। उसी के परिप्रेक्ष्य में सोमवार को प्रयागराज के गौहनिया स्थित चार दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ पदाधिकारियों ने नारी शक्ति में अपनी पैठ मजबूत करने का कार्यक्रम बनाने की तैयारी की है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्र सेविका समिति और भारतीय स्त्री शक्ति को सौंपी गई है।