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Sanjay Sherpuria
– फोटो : सोशल मीडिया
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महाठग संजय शेरपुरिया बड़ा खिलाड़ी है। करोड़ों की डील करता रहा और अब तक बेदाग रहा। इस बार उसने डील मजबूत की थी। रकम भी बड़ी थी, लेकिन वह एक गलती कर बैठा। छह करोड़ की रकम उसने अपने एनजीओ के खाते में ट्रांसफर करवा ली। इसके साक्ष्य मिलते ही केंद्रीय जांच एजेंसी और एसटीएफ सक्रिय हो गईं।
इसी आधार पर कार्रवाई की गई। इससे पुराने कारनामे भी उजागर होने लगे। एक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ने उसको सलाखों तक पहुंचा दिया। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, संजय लंबे समय से इसी तरह के खेल करता आया है। तमाम काम उसने करवाए भी और कुछ ऐसे मामले भी रहे जिसमें उसने रकम ले ली, लेकिन काम नहीं करवा सका।
इतने बड़े उद्योगपति भी उसके झांसे में आ गए। वह हर काम अपने एनजीओ की आड़ में करता रहा। इस बार भी उसने रकम एनजीओ के खाते में भी ट्रांसफर कराई। चूंकि केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर उसके व उसके एनजीओ के खातों पर थी, इसलिए संदिग्ध लेनदेन तुरंत पकड़ में आ गया। इसका वह हिसाब-किताब नहीं दे सका। पूछताछ में उसने पूरी बात एसटीएफ के सामने उगली। इसके अलावा खातों में कई सौ करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड भी मिले हैं।
यहां से भी मिली थी अहम जानकारी
नोएडा एसटीएफ ने छह दिन पहले कासिम नाम के शख्स को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह फोटो एडिट कर अपने साथ पीएम की फोटो लगाकर लोगों को झांसा देता था। उसने भी संजय की तरह ठगी का जाल फैला रखा था। तमाम लोगों से काम करवाने के नाम पर पैसा वसूलता था। सूत्रों के मुताबिक, कासिम ने संजय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। इसके बाद से एसटीएफ अधिक सक्रिय हो गई थी। ईडी पहले से इस पर काम कर रही थी। एसटीएफ अब कासिम से संजय का कनेक्शन और तह तक पता कर रही है। सूत्र ये भी दावा कर रहे हैं कि संजय राय से संबंधित जानकारी एक अन्य केंद्रीय एजेंसी की ओर से भी साझा की गई थी।
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