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पुरवा (उन्नाव)। कस्बे में पारिवारिक विवाद में संपत्ति हड़पने के लिए युवक ने फावड़े से वार कर चचेरे बाबा की गर्दन धड़ से अलग कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह भाग निकला। कोतवाली पुलिस ने घटना की जांच शुरू की है।
पुरवा कस्बा के मोहल्ला चंदीगढ़ी निवासी अनंतू यादव (70) अविवाहित था। वह पांच बीघा जमीन और पशु पालन कर जीवन यापन करता और दिवंगत चचेरे भतीजे शिव शिवप्रकाश के परिवार के साथ रहता था। परिवार के रिश्ते में सबसे बड़े चचेरे पौत्र उमेश यादव से जमीन और रुपयों को लेकर अक्सर विवाद होता था। बुधवार देर शाम अनंतू खाना खाने के बाद घर के बाहर चारपाई पर लेट गया। रात करीब नौ बजे चचेरा पौत्र उमेश साइकिल से घर पहुंचा और बाबा अनंतू पर फावड़े से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। अनंतू की गर्दन धड़ से अलग कर दी। घटना के वक्त हत्यारोपी उमेश की मां सूरजरानी भी वहीं मौजूद थीं।
उन्होंने शोर मचाते हुए रोकने का प्रयास किया। दो मिनट में ही वारदात को अंजाम देने के बाद उमेश वहां से भाग गया। परिजनों की सूचना पर पुरवा कोतवाली प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तफ्तीश शुरू की है। हत्यारोपी की मां सूरजरानी ने बताया कि अनंतू उनके ससुर के चचेरे भाई थे। अविवाहित होने और कोई संतान न होने के कारण वह उसके परिवार को ही अपना मानते थे और साथ रहते थे। अनंतू पांच बीघा जमीन और पशु पालन कर गुजारा चलाते थे। बताया कि उमेश की तीन साल पहले शादी हुई थी। लेकिन नशे का लती होने से पत्नी ज्ञानवती भी एक साल से मायके में है। अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि वह भी घटनास्थल पहुंच रहे हैं। घटना के पीछे जमीन और पारिवारिक विवाद की बात सामने आई है।
शराब पीकर पहुंचा और फावड़े में लगाई धार
उमेश ने अपने बाबा की हत्या की योजना पहले ही बना ली थी। वह शाम करीब सात बजे शराब पीकर घर पहुंचा था और फावड़े में धार लगाकर घर के बाहर चबूतरे पर ही रख दिया था। इसके बाद साइकिल से कहीं चला गया और रात नौ बजे पहुंचकर उसी फावड़े से बाबा की हत्या कर दी।
ग्रामीणों के अनुसार उमेश अक्सर बाबा अनंतू से रुपयों की मांग करता था।
वह जमीन भी अपने नाम कराना चाहता था लेकिन अनंतू इसके लिए तैयार नहीं था। उसका कहना था कि उसका जो भी है, सभी पौत्रों का है। बुधवार को अनंतू मवेशी चराने गया था। उमेश ने खेत पहुंचकर बाबा से कुछ रुपयों की मांग की थी। लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया था। इस पर उसने मार डालने की बात भी कही थी। वह अक्सर विवाद होने पर मार डालने की बात कहता रहता था, इसलिए किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
पुलिस से बोली मां, बेटे को फांसी की सजा देना
हत्यारोपी उमेश की मां सूरजरानी बेटे की करतूत से आहत है। वह पुलिस से उसे फांसी देने की मांग की। सूरजरानी ने बताया कि उमेश उसके सामने ही फावड़े में धार लगा रहा था। क्या पता था कि बुजुर्ग चचिया ससुर की हत्या करने के लिए उसकी धार तेज कर रहा है। बिलखते हुए उसने पुलिस से कहा कि उसके लिए बड़ा बेटा अभी से मर गया। जो किया है उसके लिए तो फांसी की सजा भी कम है।
चार भाइयों में बड़ा है हत्यारोपी
मां सूरजरानी ने बताया कि उसके चार बेटे हैं। जिनमें हत्यारोपी उमेश सबसे बड़ा है। दूसरे नंबर का बेटा रमेश लुधियाना में रहकर मजदूरी करता है। जबकि तीसरे नंबर का बेटा महेश गांव में रहता है। लेकिन घटना के वक्त वह घर पर नहीं था। वह एक रिश्तेदार के यहां शादी के निमंत्रण में गया था। सबसे छोटा बेटा दिनेश दिल्ली में मजदूरी करता है।
पुरवा (उन्नाव)। कस्बे में पारिवारिक विवाद में संपत्ति हड़पने के लिए युवक ने फावड़े से वार कर चचेरे बाबा की गर्दन धड़ से अलग कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह भाग निकला। कोतवाली पुलिस ने घटना की जांच शुरू की है।
पुरवा कस्बा के मोहल्ला चंदीगढ़ी निवासी अनंतू यादव (70) अविवाहित था। वह पांच बीघा जमीन और पशु पालन कर जीवन यापन करता और दिवंगत चचेरे भतीजे शिव शिवप्रकाश के परिवार के साथ रहता था। परिवार के रिश्ते में सबसे बड़े चचेरे पौत्र उमेश यादव से जमीन और रुपयों को लेकर अक्सर विवाद होता था। बुधवार देर शाम अनंतू खाना खाने के बाद घर के बाहर चारपाई पर लेट गया। रात करीब नौ बजे चचेरा पौत्र उमेश साइकिल से घर पहुंचा और बाबा अनंतू पर फावड़े से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। अनंतू की गर्दन धड़ से अलग कर दी। घटना के वक्त हत्यारोपी उमेश की मां सूरजरानी भी वहीं मौजूद थीं।
उन्होंने शोर मचाते हुए रोकने का प्रयास किया। दो मिनट में ही वारदात को अंजाम देने के बाद उमेश वहां से भाग गया। परिजनों की सूचना पर पुरवा कोतवाली प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तफ्तीश शुरू की है। हत्यारोपी की मां सूरजरानी ने बताया कि अनंतू उनके ससुर के चचेरे भाई थे। अविवाहित होने और कोई संतान न होने के कारण वह उसके परिवार को ही अपना मानते थे और साथ रहते थे। अनंतू पांच बीघा जमीन और पशु पालन कर गुजारा चलाते थे। बताया कि उमेश की तीन साल पहले शादी हुई थी। लेकिन नशे का लती होने से पत्नी ज्ञानवती भी एक साल से मायके में है। अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि वह भी घटनास्थल पहुंच रहे हैं। घटना के पीछे जमीन और पारिवारिक विवाद की बात सामने आई है।
शराब पीकर पहुंचा और फावड़े में लगाई धार
उमेश ने अपने बाबा की हत्या की योजना पहले ही बना ली थी। वह शाम करीब सात बजे शराब पीकर घर पहुंचा था और फावड़े में धार लगाकर घर के बाहर चबूतरे पर ही रख दिया था। इसके बाद साइकिल से कहीं चला गया और रात नौ बजे पहुंचकर उसी फावड़े से बाबा की हत्या कर दी।
ग्रामीणों के अनुसार उमेश अक्सर बाबा अनंतू से रुपयों की मांग करता था।
वह जमीन भी अपने नाम कराना चाहता था लेकिन अनंतू इसके लिए तैयार नहीं था। उसका कहना था कि उसका जो भी है, सभी पौत्रों का है। बुधवार को अनंतू मवेशी चराने गया था। उमेश ने खेत पहुंचकर बाबा से कुछ रुपयों की मांग की थी। लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया था। इस पर उसने मार डालने की बात भी कही थी। वह अक्सर विवाद होने पर मार डालने की बात कहता रहता था, इसलिए किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
पुलिस से बोली मां, बेटे को फांसी की सजा देना
हत्यारोपी उमेश की मां सूरजरानी बेटे की करतूत से आहत है। वह पुलिस से उसे फांसी देने की मांग की। सूरजरानी ने बताया कि उमेश उसके सामने ही फावड़े में धार लगा रहा था। क्या पता था कि बुजुर्ग चचिया ससुर की हत्या करने के लिए उसकी धार तेज कर रहा है। बिलखते हुए उसने पुलिस से कहा कि उसके लिए बड़ा बेटा अभी से मर गया। जो किया है उसके लिए तो फांसी की सजा भी कम है।
चार भाइयों में बड़ा है हत्यारोपी
मां सूरजरानी ने बताया कि उसके चार बेटे हैं। जिनमें हत्यारोपी उमेश सबसे बड़ा है। दूसरे नंबर का बेटा रमेश लुधियाना में रहकर मजदूरी करता है। जबकि तीसरे नंबर का बेटा महेश गांव में रहता है। लेकिन घटना के वक्त वह घर पर नहीं था। वह एक रिश्तेदार के यहां शादी के निमंत्रण में गया था। सबसे छोटा बेटा दिनेश दिल्ली में मजदूरी करता है।
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