सड़क हादसे में सात लोगों की मौत: सात जन्मों का वादा, छह दिन ही रहे साथ, 30 अप्रैल को हुई थी राजेश की नंदनी से शादी

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छह दिन पहले ही सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा कर राजेश ने नंदनी के साथ नई जिंदगी की शुरुआत की थी। न जाने दंपती को किसकी नजर लगी और सातवें दिन ही उनका साथ छूट गया। मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर शनिवार सुबह करीब तीन बजे सुंदरपुर टिकरा निवासी लल्लू का परिवार सड़क हादसे का शिकार हो गया।

लल्लू करीब 10 वर्ष से पूरे परिवार के साथ दिल्ली में किराए के मकान में रहकर मजदूरी करते थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा छह बेटे व एक बेटी है। चार बेटे व बेटी की शादी हो चुकी थी। पांचवें नंबर के बेटे राजेश की शादी बीते दिनों तय हुई थी। इसी के चलते पूरा परिवार 20 अप्रैल को दिल्ली से सुंदरपुर टिकरा आया था। 30 अप्रैल को राजेश की शादी बाराबंकी के गांधीनगर निवासी नंदिनी के साथ हुई थी। इसके बाद दो मई को पूरा परिवार लल्लू के भतीजे रामकरन की बेटी मोनी की शादी में शामिल हुआ था।

शुक्रवार रात 11 बजे लल्लू अपनी वैगन आर कार से पत्नी, तीन बेटों, दो बहू और दो पौत्र के साथ दिल्ली के लिए निकला था। कार तीसरे नंबर का बेटा संजय चला रहा था। शनिवार सुबह करीब तीन बजे मथुरा जनपद के थाना नौहाझील में यमुना एक्सप्रेसवे पर आगे चल रहे अज्ञात वाहन में बेकाबू कार जा घुसी।

हादसे में लल्लू (55), उनकी पत्नी शकुंतला (50), संजय (28) उसकी पत्नी निशा (25), राजेश (20) और उसकी पत्नी नंदनी (19), पौत्र धीरज पुत्र संजय की मौत हो गई। छोटा बेटा श्रीगोपाल (17) और पौत्र कृष गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना पर गांव में मौजूद दोनों बेटे व ग्राम प्रधान मथुरा पहुंच गए।

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गांव में सिर्फ एक बीघा जमीन 

लल्लू के हिस्से में पैतृक संपत्ति के रूप में महज एक बीघा जमीन है, जबकि उसका परिवार काफी बड़ा है। ऐसे में गांव में परिवार का पेट पालने के लिए कोई और जरिया नहीं था। इसलिए लल्लू का पूरा परिवार गांव में बने घर में ताला लगाकर दिल्ली में ही रहकर मजदूरी करता था।

रोडवेज से निकले रामबाबू का बच गया परिवार

चौथे नंबर का बेटा रामबाबू भी अपने परिवार के साथ दिल्ली के लिए निकला था। कार में जगह नहीं होने के कारण वह रोडवेज बस से पत्नी, दो बेटी और एक बेटे के साथ दिल्ली के लिए निकला था। इसके चलते वह और उसका पूरा परिवार सुरक्षित रहा।

दोनों बड़े बेटे परिवार के साथ गांव में थे

लल्लू के बड़े बेटे रामकरन और दूसरे नंबर का बेटा राजू गांव में ही रुक गए थे। रामकरन के परिवार में पांच लड़कियां और दो लड़के हैं। वहीं राजू के परिवार में दो बेटे और तीन बेटियां हैं। यह लोग भी दो दिन बाद गांव से दिल्ली के लिए रवाना होने वाले थे। इससे पहले ही यह अनहोनी हो गई।

गांव में कोहराम, मुआवजे का आश्वासन

एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत से गांव में कोहराम मचा है। हादसे की सूचना पर एसडीएम डीपी सिंह और सीओ महावीर सिंह ने सुंदरपुर टिकरा पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। हादसे की सूचना होते ही सुबह से देर रात तक ग्रामीणों की भीड़ घर के बाहर लगी रही।

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