समाधान दिवस में सुनवाई नहीं

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उन्नाव। दो माह बाद शुरू हुए संपूर्ण तहसील समाधान दिवस में शनिवार को फरियादी तो आए लेकिन राग वही रहा। फरियादियों को आश्वासन देकर लौटा दिया गया। कई फरियादियों ने बताया कि वह सालों से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला।
सदर तहसील में डीएम रवींद्र कुमार दोपहर 12 बजे के बाद पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह दोपहर तक छुट्टी पर पर थे। यहां कुल 46 शिकायतें आईं। इनमें पांच का डीएम ने मौके पर निस्तारण किया। अन्य शिकायतों का पांच दिन में निस्तारण के निर्देश दिए। एसपी दिनेश त्रिपाठी, एसडीएम सत्यप्रिय सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए यशवंत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हसनगंज में संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता एसडीएम रामदत्तराम व सीओ राजकुमार शुक्ल ने की। कुल 28 मामले आए। किसी का मौके पर निस्तारण नहीं हुआ। पुरवा में एसडीएम दयाशंकर पाठक व सीओ पंकज सिंह ने शिकायत सुनीं। कुल 19 मामले आए। किसी का निस्तारण नहीं हुआ। सफीपुर में एसडीएम रामसकल कुरील के पास पांच शिकायतें आईं। किसी का निस्तारण नहीं। यही हाल बीघापुर व बांगरमऊ तहसील का भी रहा।
केस-1
नहीं कर पा रहे बोवाई
सदर तहसील क्षेत्र में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे बस्तीखेड़ा गांव निवासी किसान परेशान नजर आए। सोनेलाल, हेमराज, हनुमान, चंद्रकली व प्रेमलता ने बताया कि भूमि में सात लोग हिस्सेदार हैं। लेकिन हम लोग खेत में बोवाई नहीं कर पाते। गांव का हरीपाल इसे अपनी भूमि बताकर कब्जा किए है। खेत से गैस की पाइपलाइन निकल रही है, जिसका पैसा वह हड़प करना चाहता है। खेत की नाप कराने के लिए पांच बार प्रार्थना त्र दिया। लेकिन कोई हल नहीं निकला। छठवीं बार डीएम को प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होंने नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी लेकिन लेखपाल को छोड़कर कोई भी जांच करने नहीं पहुंचा। पीड़ितों ने दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाया। डीएम के न मिलने पर निराश होकर लौटना पड़ा।
केस-2
जिससे जमीन खरीदी, उसने किया कब्जा
तहसील आईं कानपुर नगर के शिवकटरा निवासी ज्योति यादव ने बताया कि सदर तहसील के रजवाखेड़ा में उन्होंने साल 2014 में गांव के ही गोपाल से जमीन खरीदी थी। उसका दाखिल खारिज भी करा लिया। लेकिन अब जिससे जमीन खरीदी थी, उसने कब्जा कर लिया है। निर्माण भी नहीं कराने देता। कई बाहर संपूर्ण समाधान दिवस में आ चुकी हूं लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। हर बार जांच कराने का आश्वासन मिलता है।
केस-3
ढाई साल से लगा रहे चक्कर
संपूर्ण समाधान दिवस में आए पतारी गांव निवासी विजय कुमार ने बताया कि किसान सम्मान निधि के लिए पत्नी बबली ने चार अक्टूबर 2019 को ऑनलाइन आवेदन किया था। जांच कर पोर्टल से लखनऊ भी भेजा गया। सम्मान निधि न आने पर जांच की गई तो उसमें नाम नहीं आ रहा है। दो साल से कृषि विभाग में 20 से अधिक बार आवश्यक कागजों की फोटोकॉपी सत्यापित करा चुके हैं। लेकिन कुछ नहीं हुआ। संपूर्ण समाधान दिवस में भी कई पत्र दिए। हर बार जांच का आश्वासन मिलता है।

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उन्नाव। दो माह बाद शुरू हुए संपूर्ण तहसील समाधान दिवस में शनिवार को फरियादी तो आए लेकिन राग वही रहा। फरियादियों को आश्वासन देकर लौटा दिया गया। कई फरियादियों ने बताया कि वह सालों से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला।

सदर तहसील में डीएम रवींद्र कुमार दोपहर 12 बजे के बाद पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह दोपहर तक छुट्टी पर पर थे। यहां कुल 46 शिकायतें आईं। इनमें पांच का डीएम ने मौके पर निस्तारण किया। अन्य शिकायतों का पांच दिन में निस्तारण के निर्देश दिए। एसपी दिनेश त्रिपाठी, एसडीएम सत्यप्रिय सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए यशवंत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

हसनगंज में संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता एसडीएम रामदत्तराम व सीओ राजकुमार शुक्ल ने की। कुल 28 मामले आए। किसी का मौके पर निस्तारण नहीं हुआ। पुरवा में एसडीएम दयाशंकर पाठक व सीओ पंकज सिंह ने शिकायत सुनीं। कुल 19 मामले आए। किसी का निस्तारण नहीं हुआ। सफीपुर में एसडीएम रामसकल कुरील के पास पांच शिकायतें आईं। किसी का निस्तारण नहीं। यही हाल बीघापुर व बांगरमऊ तहसील का भी रहा।

केस-1

नहीं कर पा रहे बोवाई

सदर तहसील क्षेत्र में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे बस्तीखेड़ा गांव निवासी किसान परेशान नजर आए। सोनेलाल, हेमराज, हनुमान, चंद्रकली व प्रेमलता ने बताया कि भूमि में सात लोग हिस्सेदार हैं। लेकिन हम लोग खेत में बोवाई नहीं कर पाते। गांव का हरीपाल इसे अपनी भूमि बताकर कब्जा किए है। खेत से गैस की पाइपलाइन निकल रही है, जिसका पैसा वह हड़प करना चाहता है। खेत की नाप कराने के लिए पांच बार प्रार्थना त्र दिया। लेकिन कोई हल नहीं निकला। छठवीं बार डीएम को प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होंने नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी लेकिन लेखपाल को छोड़कर कोई भी जांच करने नहीं पहुंचा। पीड़ितों ने दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाया। डीएम के न मिलने पर निराश होकर लौटना पड़ा।

केस-2

जिससे जमीन खरीदी, उसने किया कब्जा

तहसील आईं कानपुर नगर के शिवकटरा निवासी ज्योति यादव ने बताया कि सदर तहसील के रजवाखेड़ा में उन्होंने साल 2014 में गांव के ही गोपाल से जमीन खरीदी थी। उसका दाखिल खारिज भी करा लिया। लेकिन अब जिससे जमीन खरीदी थी, उसने कब्जा कर लिया है। निर्माण भी नहीं कराने देता। कई बाहर संपूर्ण समाधान दिवस में आ चुकी हूं लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। हर बार जांच कराने का आश्वासन मिलता है।

केस-3

ढाई साल से लगा रहे चक्कर

संपूर्ण समाधान दिवस में आए पतारी गांव निवासी विजय कुमार ने बताया कि किसान सम्मान निधि के लिए पत्नी बबली ने चार अक्टूबर 2019 को ऑनलाइन आवेदन किया था। जांच कर पोर्टल से लखनऊ भी भेजा गया। सम्मान निधि न आने पर जांच की गई तो उसमें नाम नहीं आ रहा है। दो साल से कृषि विभाग में 20 से अधिक बार आवश्यक कागजों की फोटोकॉपी सत्यापित करा चुके हैं। लेकिन कुछ नहीं हुआ। संपूर्ण समाधान दिवस में भी कई पत्र दिए। हर बार जांच का आश्वासन मिलता है।

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