ससुर के हत्यारे को आजीवन कारावास

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उन्नाव। पांच साल पहले रुपयों की मांग पूरी न होने पर ससुर की हत्या करके शव छिपाने के मामले में दोषी दामाद को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
माखी थाना क्षेत्र के गांव कोरारी कला निवासी अनिल द्विवेदी घर से बाइक से 21 सितंबर 2017 को पुत्री राखी की ससुराल सकहन राजपूतान कोतवाली सफीपुर गया था। वापस न आने पर पत्नी सविता ने 24 सितंबर 2017 को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि दामाद शिवम ने कुछ समय पहले उसकी बेटी राखी का जेवर गिरवी रख दिया था। खेत बेचकर छुड़ाया था। दामाद आए दिन रुपयों की मांग करता था। उसने रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस पर अनिल दामाद शिवम को समझाने गया था। बेटी राखी ने पति के फाजिलपुर मेले में चाट की दुकान लगाए होने की जानकारी दी तो वह मेला पहुंच गए। अनिल को दामाद शिवम के अलावा दुखहरन, विवेक और प्रमोद के साथ देखा गया था। इसके बाद अनिल का पता नहीं चला। मृतक की पत्नी सविता ने चारों के खिलाफ हत्या का शक जताकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज तृतीय की कोर्ट में चल रही थी। बुधवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने शिवम को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि सह आरोपी दुखहरन, विवेक और प्रमोद को हत्या की घटना में दोषी साबित न होने पर बरी कर दिया।

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उन्नाव। पांच साल पहले रुपयों की मांग पूरी न होने पर ससुर की हत्या करके शव छिपाने के मामले में दोषी दामाद को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

माखी थाना क्षेत्र के गांव कोरारी कला निवासी अनिल द्विवेदी घर से बाइक से 21 सितंबर 2017 को पुत्री राखी की ससुराल सकहन राजपूतान कोतवाली सफीपुर गया था। वापस न आने पर पत्नी सविता ने 24 सितंबर 2017 को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताया था कि दामाद शिवम ने कुछ समय पहले उसकी बेटी राखी का जेवर गिरवी रख दिया था। खेत बेचकर छुड़ाया था। दामाद आए दिन रुपयों की मांग करता था। उसने रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस पर अनिल दामाद शिवम को समझाने गया था। बेटी राखी ने पति के फाजिलपुर मेले में चाट की दुकान लगाए होने की जानकारी दी तो वह मेला पहुंच गए। अनिल को दामाद शिवम के अलावा दुखहरन, विवेक और प्रमोद के साथ देखा गया था। इसके बाद अनिल का पता नहीं चला। मृतक की पत्नी सविता ने चारों के खिलाफ हत्या का शक जताकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज तृतीय की कोर्ट में चल रही थी। बुधवार को मुकदमे की अंतिम सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित की दलीलों, गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश अल्पना सक्सेना ने शिवम को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि सह आरोपी दुखहरन, विवेक और प्रमोद को हत्या की घटना में दोषी साबित न होने पर बरी कर दिया।

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