सात की मौत से छाया मातम

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सफीपुर (उन्नाव)। दिल्ली में गोकुलपुर गांव में झुग्गियों में आग लगने से उन्नाव के सात लोगों की मौत होने के बाद से दो परिवारों के अरमान राख हो गए। पति व बेटे को खो चुकी नीलम रविवार को ससुराल फाजिलपुर पहुंची तो कोहराम मच गया। वह पति व बेटे का शव तक नहीं देख पाई। उसने भयावह मंजर बताया तो ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गईं।
शुक्रवार देर रात दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में झोपड़ों में लगी आग में सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के फाजिलपुर गांव निवासी रज्जन के बेटे बबलू, रंजीत, बेटी रेशमा, पौत्र अमित उर्फ शहंशाह व छोटी बहू प्रियंका जिंदा जल गए थे। रविवार को मृतक बबलू की पत्नी नीलम मायके अचलगंज के कोरारी से ससुराल फाजिलपुर पहुंची। उसने बताया कि परिजनों को होली पर घर आना था। इससे पहले ही आग में उसकी खुशियां जलकर खाक हो गईं। वह पति बबलू व बेटे अमित के अलावा अन्य परिजनों के शव तक नहीं देख सकी।
अब छोटा बेटा अंकुश ही जीने का सहारा है। चाची श्याम दुलारी ने बताया कि शुक्रवार रात दो बजे रज्जन ने फोन पर आग लगने की जानकारी दी। फोन पर ही चीख पुकार की आवाजें सुनकर उसका कलेजा कांप गया था। रज्जन चीख-चीखकर कह रहा था कि चाची बच्चे-बहू सब आग में फंसे हैं। सभी जल रहे हैं। अभी भी वह चीखें उसके कान में गूंज रही हैं। बबलू की चचेरी बहन निशा व चाचा मलखे ने बताया कि अंतिम संस्कार दिल्ली में ही हो गया है। बबलू की पत्नी नीलम गांव में कुछ देर रुकने के बाद दिल्ली रवाना हो गई।
मासूम भाई-बहन पड़ोसी की झोपड़ी में घुसे, सदा के लिए सो गए
उन्नाव। दिल्ली में हुए अग्निकांड में सदर कोतवाली क्षेत्र के शेरअलीखेड़ा गांव निवासी पिंटू ने 12 वर्षीय बेटे रोशन व छह वर्षीय बेटी दीपिका को खो दिया। रविवार को उसके घर के बाहर गम का माहौल रहा। छप्परनुमा घर में सन्नाटा पसरा रहा। घर के बाहर बैठी परिवार की महिलाएं बच्चों को यादकर सिसकती रहीं। रोशन की बुआ पूनम ने बताया कि उसे पता चला है कि जिस समय आग लगी सभी झोपड़ाें से निकलकर भागे। अचानक जगा रोशन चीखपुकार सुन दहशत में छोटी बहन दीपिका को लेकर जान बचाने के लिए पड़ोस की झोपड़ी में घुस गया।
परिजन यहीं समझते रहे कि बच्चे बाहर की ओर भाग निकले। बाद में पड़ोस की झोपड़ी से दोनों के अधजले शव निकले तो पिता पिंटू व मां रूमा की रूह कांप गई।
हादसे में पिंटू, उसकी पत्नी रूमा व बेटी मुस्कान व रश्मि की जान बच गई। परिवार के ही दिनेश ने बताया कि इसी कार्तिक पूर्णिमा पर पिंटू पत्नी व बच्चों के साथ आया था। पांच दिन रुकने के बाद फिर से सभी के साथ दिल्ली चला गया था। उसका नाम आवास के लिए चयनित है। घटना के बाद शनिवार को पुलिस घर आई थी। लेखपाल गांव में ही घूमकर जानकारी जुटाकर लौट गए।

दिल्ली में हुए अग्निकांड के बाद फाजिलपुर में ग्रामीणों के सामने पति बबलू व बेटे अमित उर्फ शहंशाह

दिल्ली में हुए अग्निकांड के बाद फाजिलपुर में ग्रामीणों के सामने पति बबलू व बेटे अमित उर्फ शहंशाह – फोटो : UNNAO

उन्नाव में मृतक बबलू के घर में पसरा सन्नाटा। संवाद

उन्नाव में मृतक बबलू के घर में पसरा सन्नाटा। संवाद– फोटो : UNNAO

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सफीपुर (उन्नाव)। दिल्ली में गोकुलपुर गांव में झुग्गियों में आग लगने से उन्नाव के सात लोगों की मौत होने के बाद से दो परिवारों के अरमान राख हो गए। पति व बेटे को खो चुकी नीलम रविवार को ससुराल फाजिलपुर पहुंची तो कोहराम मच गया। वह पति व बेटे का शव तक नहीं देख पाई। उसने भयावह मंजर बताया तो ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गईं।

शुक्रवार देर रात दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में झोपड़ों में लगी आग में सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के फाजिलपुर गांव निवासी रज्जन के बेटे बबलू, रंजीत, बेटी रेशमा, पौत्र अमित उर्फ शहंशाह व छोटी बहू प्रियंका जिंदा जल गए थे। रविवार को मृतक बबलू की पत्नी नीलम मायके अचलगंज के कोरारी से ससुराल फाजिलपुर पहुंची। उसने बताया कि परिजनों को होली पर घर आना था। इससे पहले ही आग में उसकी खुशियां जलकर खाक हो गईं। वह पति बबलू व बेटे अमित के अलावा अन्य परिजनों के शव तक नहीं देख सकी।

अब छोटा बेटा अंकुश ही जीने का सहारा है। चाची श्याम दुलारी ने बताया कि शुक्रवार रात दो बजे रज्जन ने फोन पर आग लगने की जानकारी दी। फोन पर ही चीख पुकार की आवाजें सुनकर उसका कलेजा कांप गया था। रज्जन चीख-चीखकर कह रहा था कि चाची बच्चे-बहू सब आग में फंसे हैं। सभी जल रहे हैं। अभी भी वह चीखें उसके कान में गूंज रही हैं। बबलू की चचेरी बहन निशा व चाचा मलखे ने बताया कि अंतिम संस्कार दिल्ली में ही हो गया है। बबलू की पत्नी नीलम गांव में कुछ देर रुकने के बाद दिल्ली रवाना हो गई।

मासूम भाई-बहन पड़ोसी की झोपड़ी में घुसे, सदा के लिए सो गए

उन्नाव। दिल्ली में हुए अग्निकांड में सदर कोतवाली क्षेत्र के शेरअलीखेड़ा गांव निवासी पिंटू ने 12 वर्षीय बेटे रोशन व छह वर्षीय बेटी दीपिका को खो दिया। रविवार को उसके घर के बाहर गम का माहौल रहा। छप्परनुमा घर में सन्नाटा पसरा रहा। घर के बाहर बैठी परिवार की महिलाएं बच्चों को यादकर सिसकती रहीं। रोशन की बुआ पूनम ने बताया कि उसे पता चला है कि जिस समय आग लगी सभी झोपड़ाें से निकलकर भागे। अचानक जगा रोशन चीखपुकार सुन दहशत में छोटी बहन दीपिका को लेकर जान बचाने के लिए पड़ोस की झोपड़ी में घुस गया।

परिजन यहीं समझते रहे कि बच्चे बाहर की ओर भाग निकले। बाद में पड़ोस की झोपड़ी से दोनों के अधजले शव निकले तो पिता पिंटू व मां रूमा की रूह कांप गई।

हादसे में पिंटू, उसकी पत्नी रूमा व बेटी मुस्कान व रश्मि की जान बच गई। परिवार के ही दिनेश ने बताया कि इसी कार्तिक पूर्णिमा पर पिंटू पत्नी व बच्चों के साथ आया था। पांच दिन रुकने के बाद फिर से सभी के साथ दिल्ली चला गया था। उसका नाम आवास के लिए चयनित है। घटना के बाद शनिवार को पुलिस घर आई थी। लेखपाल गांव में ही घूमकर जानकारी जुटाकर लौट गए।

दिल्ली में हुए अग्निकांड के बाद फाजिलपुर में ग्रामीणों के सामने पति बबलू व बेटे अमित उर्फ शहंशाह

दिल्ली में हुए अग्निकांड के बाद फाजिलपुर में ग्रामीणों के सामने पति बबलू व बेटे अमित उर्फ शहंशाह – फोटो : UNNAO

उन्नाव में मृतक बबलू के घर में पसरा सन्नाटा। संवाद

उन्नाव में मृतक बबलू के घर में पसरा सन्नाटा। संवाद– फोटो : UNNAO

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