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उन्नाव। डिजिटल जमाने में साइबर ठगी करने वाले केवाईसी, इनाम या सस्ते सामान का लालच देकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ा सकते हैं। जिले में साइबर ठगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। इस साल आठ माह में 15 लोगों से 6,40,794 रुपये की ठगी हुई है। हालांकि सूचना मिलने पर सक्रिय हुई साइबर सेल ने 4,26,171 रुपये पीड़ितों को वापस दिला दिए।
साइबर ठग फोन करके इनाम का लालच देकर मैसेज भेजते हैं। बहाने से ओटीपी ले लेते हैं और लिंक भेजकर, क्यूआर कोड स्कैन कराकर ऑनलाइन ठगी करते हैं। वह इनामी लकी ड्रा में नंबर आने, लाखों का सामान हजारों में देने का झांसा, बैंक अधिकारी बताकर खाते व यूपीआई कोड की जानकारी लेकर जालसाजी कर रकम उड़ा रहे हैं।
साइबर सेल एक्सपर्ट कुमुदेश कुमार ने बताया कि लोग लालच या झांसे में न आएं और अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड व अन्य जानकारी अनजान को न दें तो वह साइबर ठगी से बच सकते हैं।
बरतें ये सावधानी
अनचाही मेल डिलीट कर दें। सोशल मीडिया का सावधानी से प्रयोग करें। फेसबुक पर किसी अनजान की फ्रैंड रिक्वेस्ट को अनदेखा करें। इंटरनेट पर निजी जानकारी साझा न करें। लॉटरी जीतने वाली कॉल, एसएमएस या ईमेल का जवाब न दें। अपने ओटीपी, यूपीआई पिन, क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें। एटीएम बूथ से रुपये निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरे व्यक्ति आपका कार्ड बदल न दे। कार्ड लगाने से पहले जांच लें कि मशीन में कैमरा तो नहीं लगा है।
ठगी होते ही ये करें
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। www.cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं। साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में प्रार्थनापत्र के साथ पासबुक की फोटोकॉपी दें। जिस एप के माध्यम से ठगी हुई है उसका स्क्रीन शॉट भेजें। संबंधित बैंक प्रबंधन को भी प्रार्थनापत्र दें।
सफीपुर के उलरापुर निवासी सतीश कुमार को 23 जून को फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि आपकी पत्नी को जननी सुरक्षा योजना के तहत 10 हजार रुपये जारी हुए हैं। झांसे में आकर अपना बैंक खाता नंबर व अन्य जानकारी साझा कर दीं। इसके बाद खाते से 85 हजार रुपये निकल गए।
मौरावां थानाक्षेत्र के हिलौली निवासी अजय कुमार के अनुसार 24 अप्रैल को सस्ते मेडिकल उपकरणों के व्यापार का झांसा देकर डिलीवरी के नाम पर 70 हजार रुपये ले लिए गए। माल न मिलने पर उसे ठगी की जानकारी हुई। साइबर सेल ने प्रयास कर 37,500 रुपये वापस कराए हैं।
फोटो-1 एएसपी शशि शेखर सिंह।
एएसपी शशि शेखर सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। लोगों को साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्रत्येक बुधवार को विभिन्न थानों, स्कूल-कालेजों व अन्य स्थानों पर जागरुकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्नाव। डिजिटल जमाने में साइबर ठगी करने वाले केवाईसी, इनाम या सस्ते सामान का लालच देकर आपकी मेहनत की कमाई उड़ा सकते हैं। जिले में साइबर ठगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। इस साल आठ माह में 15 लोगों से 6,40,794 रुपये की ठगी हुई है। हालांकि सूचना मिलने पर सक्रिय हुई साइबर सेल ने 4,26,171 रुपये पीड़ितों को वापस दिला दिए।
साइबर ठग फोन करके इनाम का लालच देकर मैसेज भेजते हैं। बहाने से ओटीपी ले लेते हैं और लिंक भेजकर, क्यूआर कोड स्कैन कराकर ऑनलाइन ठगी करते हैं। वह इनामी लकी ड्रा में नंबर आने, लाखों का सामान हजारों में देने का झांसा, बैंक अधिकारी बताकर खाते व यूपीआई कोड की जानकारी लेकर जालसाजी कर रकम उड़ा रहे हैं।
साइबर सेल एक्सपर्ट कुमुदेश कुमार ने बताया कि लोग लालच या झांसे में न आएं और अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड व अन्य जानकारी अनजान को न दें तो वह साइबर ठगी से बच सकते हैं।
बरतें ये सावधानी
अनचाही मेल डिलीट कर दें। सोशल मीडिया का सावधानी से प्रयोग करें। फेसबुक पर किसी अनजान की फ्रैंड रिक्वेस्ट को अनदेखा करें। इंटरनेट पर निजी जानकारी साझा न करें। लॉटरी जीतने वाली कॉल, एसएमएस या ईमेल का जवाब न दें। अपने ओटीपी, यूपीआई पिन, क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें। एटीएम बूथ से रुपये निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरे व्यक्ति आपका कार्ड बदल न दे। कार्ड लगाने से पहले जांच लें कि मशीन में कैमरा तो नहीं लगा है।
ठगी होते ही ये करें
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं। www.cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं। साइबर सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में प्रार्थनापत्र के साथ पासबुक की फोटोकॉपी दें। जिस एप के माध्यम से ठगी हुई है उसका स्क्रीन शॉट भेजें। संबंधित बैंक प्रबंधन को भी प्रार्थनापत्र दें।
सफीपुर के उलरापुर निवासी सतीश कुमार को 23 जून को फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि आपकी पत्नी को जननी सुरक्षा योजना के तहत 10 हजार रुपये जारी हुए हैं। झांसे में आकर अपना बैंक खाता नंबर व अन्य जानकारी साझा कर दीं। इसके बाद खाते से 85 हजार रुपये निकल गए।
मौरावां थानाक्षेत्र के हिलौली निवासी अजय कुमार के अनुसार 24 अप्रैल को सस्ते मेडिकल उपकरणों के व्यापार का झांसा देकर डिलीवरी के नाम पर 70 हजार रुपये ले लिए गए। माल न मिलने पर उसे ठगी की जानकारी हुई। साइबर सेल ने प्रयास कर 37,500 रुपये वापस कराए हैं।
फोटो-1 एएसपी शशि शेखर सिंह।
एएसपी शशि शेखर सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। लोगों को साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्रत्येक बुधवार को विभिन्न थानों, स्कूल-कालेजों व अन्य स्थानों पर जागरुकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
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