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नयी दिल्ली:
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑक्सफैम इंडिया और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से भारत के विदेशी फंडिंग नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है और गैर-सरकारी संगठन के कार्यालयों की तलाशी ली है।
गृह मंत्रालय द्वारा एजेंसी में दायर की गई शिकायत के अनुसार, ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच नामित बैंक खाते के बजाय सीधे अपने विदेशी योगदान उपयोगिता खाते में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के नियमों का उल्लंघन किया।
सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर कार्रवाई की, जिसने पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया था।
सीबीडीटी द्वारा आईटी (आयकर) सर्वेक्षण के दौरान मिले ईमेल संचार से पता चलता है कि ऑक्सफैम इंडिया विदेशी सरकारों और विदेशी संस्थानों के माध्यम से एफसीआरए के नवीनीकरण के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने की योजना बना रहा है।
इसने आरोप लगाया, “ऑक्सफैम इंडिया के पास बहुपक्षीय विदेशी संगठनों से भारत सरकार के साथ अपनी ओर से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करने की पहुंच और प्रभाव है।”
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य संघों या लाभकारी सलाहकार फर्मों को धन हस्तांतरित करके एफसीआरए को बायपास करने की योजना बना रहा था। सीबीआई ने कहा कि उसने पिछले साल एक तलाशी अभियान के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल जब्त किए थे।
ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के वैश्विक परिसंघ का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है। गैर-सरकारी संगठन ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
“ऑक्सफैम इंडिया दिसंबर 2021 में अपने एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं होने के बाद से सभी सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। हमने अपने एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से हमारी याचिका का जवाब देने को कहा है।’
ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई का मामला ऐसे समय में सामने आया है जब कई नागरिक समाज संगठनों को उनके विदेशी फंडिंग और गतिविधियों को लेकर सरकार की जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। सरकार ने कहा है कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो विदेशी धन का दुरुपयोग करते हैं या कानून का उल्लंघन करते हैं, जबकि विपक्ष ने उत्पीड़न और असंतोष पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।
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