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नयी दिल्ली:
अधिकारियों ने कहा कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और एयरलाइन के पुराने कार्यालयों पर शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में छापा मारा।
सीबीआई ने केनरा बैंक की शिकायत के बाद श्री गोयल, उनकी पत्नी अनीता, पूर्व निदेशक गौरांग आनंद शेट्टी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। शिकायत में व्यक्तियों पर धन को डायवर्ट करने और बैंक को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
सूत्र बताते हैं कि सात स्थानों पर छापे जेट एयरवेज के नए मालिकों जालान कालरॉक कंसोर्टियम से जुड़े नहीं थे, जो गुड़गांव में एक कार्यालय बनाए रखता है और वित्तीय कठिनाइयों के कारण अप्रैल 2019 में बंद हुई एयरलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहा है।
जेट एयरवेज, जो कभी भारत की सबसे बड़ी निजी वाहक थी, ने अप्रैल 2019 में गंभीर नकदी संकट और बढ़ते कर्ज के कारण परिचालन निलंबित कर दिया था। लंबी दिवाला प्रक्रिया के बाद जून 2021 में यूएई-आधारित व्यवसायी मुरारी लाल जालान और लंदन स्थित कालरॉक कैपिटल के बीच एक साझेदारी द्वारा एयरलाइन का अधिग्रहण किया गया था।
सीबीआई ने जेट एयरवेज और उसके संस्थापकों पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया है। एजेंसी के अनुसार, 1 अप्रैल, 2011 से 30 जून, 2019 के बीच, एयरलाइन को पेशेवर और परामर्श व्यय पर 1,152.62 करोड़ रुपये खर्च करते पाया गया। जेट एयरवेज से जुड़ी संस्थाओं के बीच कुल 197.57 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन की पहचान की गई, जिसमें एयरलाइन के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी भी इन संस्थाओं से जुड़े थे।
जांच में पाया गया कि जेट एयरवेज ने कुल 1,152.62 करोड़ रुपये में से 420.43 करोड़ रुपये प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी खर्च के रूप में उन संस्थाओं को भुगतान किया, जिनकी व्यावसायिक प्रकृति उनके चालान पर सेवा विवरण से मेल नहीं खाती थी।
कथित तौर पर इन संस्थाओं का कारोबार जेट एयरवेज द्वारा पेशेवर और परामर्श खर्चों की आड़ में दर्ज की गई व्यय राशि के समान था।
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