सेक्स रैकेट: कई राज्यों से बुलाई गई थीं लड़कियां, व्हाट्सएप पर होता था जिस्म का सौदा, चौंकाने वाले खुलासे से पुलिस भी हैरान

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार इलाके में पीकेजी मसाज पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट संचालित किया जा रहा था। इसकी शिकायत वहीं काम करने वाली एक युवती ने पुलिस कमिश्नर से की थी जिस पर क्राइम ब्रांच व एसीपी गोमतीनगर की टीम को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया गया। संयुक्त टीम ने गुरुवार को छापा मारकर पार्लर से छह युवकों को गिरफ्तार किया। वहीं आठ युवतियों को भी पकड़ा है। पुलिस ने पीड़ित युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। युवतियों से पूछताछ की जा रही है। एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक, बीबीडी थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती पीकेजी मसाज पार्लर में काम करती है। युवती ने शिकायत की थी कि छह महीने पहले पीकेजी मसाज पार्लर ने कॉल कर उसे जॉब का ऑफर दिया गया था। वह वहां जॉब की तलाश में गई तो वहां उसे बंधक बना लिया गया। इसके बाद गोमती नगर विरामखंड-2 स्थित एक मकान में बंधक रखा गया जहां पर सेक्स रैकेट संचालित किया जा रहा था।

वहां से किसी तरह युवती भाग निकली। इसके बाद पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के कार्यालय पहुंचकर शिकायत की जिस पर उन्होंने क्राइम ब्रांच व एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव को इस रैकेट के खुलासे के लिए लगाया। बृहस्पतिवार को दबिश दी गई। मौके से छह युवक दबोचे गए। 

 

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पकड़े गए युवकों में अनिल कुमार, उदय पटेल, पीके, छोटू, राजकुमार व ऋतिक शामिल है। वहीं पुलिस टीम ने पार्लर से आठ युवतियों को भी पकड़ा। सभी को गोमतीनगर थाने लाया गया जहां बीबीडी इलाके की रहने वाली युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं युवतियों से पूछताछ की जा रही है।

 

ऑनलाइन एप पर होती थी बुकिंग

पुलिस के मुताबिक, मसाज पार्लर के संचालक ने एक ऑनलाइन एप बना रखा था जिसके जरिए वह कस्टमर की बुकिंग करता था। इसी एप के जरिए युवतियों की फोटो भेजी जाती थी। वहीं दाम भी तय किए जाते थे। सब कुछ तय होने के बाद कस्टमर के बताए गए स्थान पर युवती भेजी जाती थी। जो युवती इसका विरोध करती थी, उसे धमकाया और पीटा जाता था।

इसके बाद युवतियों को नशे की गोलियां चाय या अन्य पेय पदार्थ में मिलाकर दी जाती थी। सेक्स रैकेट संचालक युवतियों को कस्टमर तक पहुंचाने के लिए लग्जरी गाड़ियों का प्रयोग करते थे। वहीं कस्टमर को हिदायत दी जाती थी कि वह युवतियों को अकेले वापस न भेजे। वापस भेजने के पहले रैकेट संचालक की गाड़ी लेने जाती थी ताकि कोई भाग न सके। अगर कोई युवती भागने का प्रयास करती थी तो उसे नशे का इंजेक्शन भी दिया जाता था।

 

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