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सेल्फी पॉइंट बना IST
– फोटो : अमर उजाला
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भारत का मानक समय विंध्याचल से ही लिया जाता है। यह युवाओं के साथ ही इधर से गुजरने वाले दर्शनार्थियों को भी आकर्षित कर रहा है। यहां सेल्फी पॉइंट बनाने के बाद बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वर्ष 2007 में भूगोल वेदों के एक दल ने यहां पहुंचकर विंध्याचल के अमरावती चौराहे के पास स्थित स्थल को मानक समय चिन्हित किया था।
लंकाधिपति रावण भी अपनी ज्योतिष गणित की गणना के लिए विंध्याचल आता था। तब से लेकर अब तक विन्ध्य धरा का अमरावती चौराहे के पास का स्थल भारत का मानक समय रहा है। यह स्थान भारत की प्रधान मध्यान्ह रेखा 82.5 पूर्वी देशांतर पर स्थित है। जिला प्रशासन की ओर से इस स्थान को सुंदरीकरण करते हुए पर्यटन स्थल के रूप में सेल्फी प्वाइंट बना दिया गया है। बोर्ड पर सूर्य एवं पृथ्वी की दूरी तथा व्यास आदि सहित भारतीय आध्यात्मिक जगत में इस स्थान के महत्व को दर्शाया गया है।
विंध्याचल के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित एवं धर्म गुरु पंडित त्रियोगी नारायण मिश्र ने बताया कि कि विन्ध्य धरा को मां बिंदुवासिनी का दरबार भी कहते हैं। महारानी मां बिंदुवासिनी अपने संपूर्ण कलाओं के साथ यहां विद्यमान हैं। बिंदु के बिना एक छोटी रेखा भी नहीं खींची जा सकती और मां बिदुवासिनी की कृपा के बिना सृष्टि की रचना नहीं हो सकती थी। रावण भी अपनी ज्योतिष गणना के लिए समय यही से लिया करता था। यही नहीं रावण ने यहां मां के मंदिर के समीप शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसे बिंदेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। जो आध्यात्मिक जगत के मानक समय का सूचक भी है।
सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र
विंध्याचल के अमरावती चौराहा परिवर्तन नाम अटल बिहारी वाजपेई चौराहा के पास स्थित अस्थल को मानक समय के स्थल को चिन्हित किया गया था। भारत का मानक समय ( इंडियन स्टैंडर्ड्स टाइम्स ) विंध्याचल से लिया जाता है। सटीक भौगोलिक स्थिति के खोजकर्ता साइंज पाल्युराइजेशन एसोसिएशन आफ कम्यूनिकेटस एंड एजूकेशन द्वारा इस स्थान को जिला प्रशासन की ओर से चैत्र नवरात्र के दौरान सेल्फी प्वाइंट बना दिया गया। देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालु अपितु विदेशों से भी श्रद्धालु देवी धाम में दर्शन पूजन करने के पश्चात सेल्फी लेने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचे।
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