स्मृति शेष: बनारस से था बप्पी लाहिरी का गहरा लगाव, बचपन में ही बंधवाया था गुदई महाराज से गंडा

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Thu, 17 Feb 2022 10:48 AM IST

सार

 फिल्मों को डिस्को म्यूजिक और झूमने वाले संगीत देने वाले बप्पी लाहिरी के निधन से उनके चाहने वाले गम में डूबे हुए हैं।  बप्पी लाहिरी कई बार बनारस आए थे। 2017 में आयोजित सुर गंगा कार्यक्रम में उन्होंने महफिल लूट ली थी। 

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गायक और संगीतकार बप्पी लाहिरी का बनारस के संगीत से गहरा लगाव था। बनारस घराने के गुरु शिष्य परंपरा से भी वह जुड़े हुए थे और पद्मभूषण पं. सामता प्रसाद मिश्र उर्फ गुदई महाराज के अनन्य शिष्य भी थे। पांच साल की अवस्था में ही बप्पी ने लता मंगेशकर के कहने पर गुदई महाराज से गंडा बंधन कराया था।

बुधवार को बप्पी लाहिरी के निधन की सूचना से काशी के संगीतकारों और संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। गुदई महाराज के पौत्र गौरव मिश्र ने बप्पी दा की यादों को साझा करते हुए कहा कि बप्पी लाहिड़ी ने बताया था कि जब वह पांच साल के था उन्होंने दादाजी से गंडा बंधन कराया था।

पं. गुदई महाराज जी झनक-झनक पायल बाजे के समय में कोलकाता आए थे। उस समय लता मंगेशकर ने गुरु जी से कहा कि इसका गंडा बंधन कराओ। बनारस घराना मेरा प्रिय घराना है। इसके बाद से ही उनका बनारस घराने से गुरु शिष्य का नाता जुड़ गया।

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वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ भट्टाचार्य ने बताया कि बप्पी लाहिरी व्यक्तिगत रूप से कई बार बनारस आए। सिटी महोत्सव में उन्होंने 2009 और सुर गंगा में 2017 में मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दी थीं।

विस्तार

गायक और संगीतकार बप्पी लाहिरी का बनारस के संगीत से गहरा लगाव था। बनारस घराने के गुरु शिष्य परंपरा से भी वह जुड़े हुए थे और पद्मभूषण पं. सामता प्रसाद मिश्र उर्फ गुदई महाराज के अनन्य शिष्य भी थे। पांच साल की अवस्था में ही बप्पी ने लता मंगेशकर के कहने पर गुदई महाराज से गंडा बंधन कराया था।

बुधवार को बप्पी लाहिरी के निधन की सूचना से काशी के संगीतकारों और संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। गुदई महाराज के पौत्र गौरव मिश्र ने बप्पी दा की यादों को साझा करते हुए कहा कि बप्पी लाहिड़ी ने बताया था कि जब वह पांच साल के था उन्होंने दादाजी से गंडा बंधन कराया था।

पं. गुदई महाराज जी झनक-झनक पायल बाजे के समय में कोलकाता आए थे। उस समय लता मंगेशकर ने गुरु जी से कहा कि इसका गंडा बंधन कराओ। बनारस घराना मेरा प्रिय घराना है। इसके बाद से ही उनका बनारस घराने से गुरु शिष्य का नाता जुड़ गया।

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