स्वच्छता व सुविधा से रैंक बढ़ाने की तैयारी

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उन्नाव। उन्नाव जंक्शन को उत्तर रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन माना जाता है। यह स्टेशन लखनऊ और कानपुर सेंट्रल स्टेशन के बीच में पड़ता है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनें इसी जंक्शन से होकर गुजरती हैं। रेलवे स्टेशन में स्वच्छता के साथ सुविधाओं को लेकर काम हो रहा है। वहीं हर वर्ष स्वच्छता पखवारा के तहत मिलने वाली रैंकिंंग में अधिक अंक हासिल करने की कवायद चल रही है।
उन्नाव रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदल रही है। कुछ साल पहले तक यह जंक्शन स्टेशन गंदगी से भरा रहता था। स्टेशन परिसर, कर्मचारी कालोनी और सभी पांच प्लेटफार्म के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये महीने खर्च किए जाते थे। इसके बाद मंडल कार्यालय स्तर पर एक एजेंसी को सफाई का ठेका दिया गया। इस समय आरएन इंडस्ट्रीज के हाथ में सफाई व्यवस्था का जिम्मा है।
स्टेशन को कोरोना मुक्त बनाए रखने के लिए सफाई कर्मी सैनिटाइजेशन के साथ सफाई करते हैं। यह सारी व्यवस्था सितंबर से शुरू होने वाले स्वच्छता पखवारा के लिए की जाती है। इससे स्टेशन की जहां स्वच्छता रैंकिंग बढ़ सके और वहीं जंक्शन को अधिक सुविधा मिलें। पिछले वर्ष क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) सर्वे में उन्नाव रेलवे स्टेशन को 357 वां स्थान मिला था।
स्टेशन अधीक्षक एचएस मेंहदी ने कहा कि उन्नाव रेलवे स्टेशन साफ-सुधरा रहता है। दिन-रात इसकी सफाई के लिए सफाई कर्मी लगे हैं। आधुनिक मशीनों से स्टेशन को स्वच्छ बनाए रखा जाता है। कोशिश है कि और सुविधाओं से स्टेशन को बेहतर बनाया जाए।
आधुनिक मशीनों से रेलवे स्टेशन पर होती सफाई
रेलवे स्टेशन पर सफाई के लिए 50 सफाई कर्मी हैं तथा इनकी तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगती है। हर दो घंटे में सैनिटाइजर के साथ स्टीम क्लीनिंग की जाती है। सभी व्यवस्था इको फ्रेंडली तरीके से हो रही है। स्टेशन पर पेस्ट कंट्रोलर की भी मशीन हैं जिससे यात्रियों को चूहे, मच्छर और कीड़े मकौड़ों का सामना भी स्टेशन पर नहीं करना पड़ता है। डस्ट मशीन तथा फ्लोर क्लींजर मशीन भी है। जिससे परिसर को चमाचम बनाया जाता है।
40 सीसीटीवी से होती निगरानी
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा और परिसर में सुरक्षा की निगरानी को लेकर 40 सीसीटीवी लगाए गए हैं। इससे रेलवे स्टेशन में आने-जाने वाले हर शख्स की निगरानी की जाती है। वहीं पेयजल के लिए दो ओवरहेड टैंक लगे हैं तो 22 वाटर स्टैंड और 168 टोटियां हैं।
रेलवे स्टेशन पर बंद है वाटर एटीएम
यात्रियों की सुविधा के लिए वाटर एटीएम भी लगाया गया है पर पिछले दो साल से यह शोपीस बनी हुआ है। लखनऊ से कांट्रेक्ट न उठने से लोगों को स्टेशन पर ओवरहेड से आने वाले पानी की सहारा लेना पड़ता है।

रेलवे स्टेशन पर फ्लोर क्लीनिंग मशीन से परिसर की सफाई करते कर्मचारी। संवाद

रेलवे स्टेशन पर फ्लोर क्लीनिंग मशीन से परिसर की सफाई करते कर्मचारी। संवाद– फोटो : UNNAO

यह भी पढ़ें -  Unnao News: उन्नावः नौ और लोगों में डेंगू की पुष्टि

उन्नाव। उन्नाव जंक्शन को उत्तर रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन माना जाता है। यह स्टेशन लखनऊ और कानपुर सेंट्रल स्टेशन के बीच में पड़ता है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनें इसी जंक्शन से होकर गुजरती हैं। रेलवे स्टेशन में स्वच्छता के साथ सुविधाओं को लेकर काम हो रहा है। वहीं हर वर्ष स्वच्छता पखवारा के तहत मिलने वाली रैंकिंंग में अधिक अंक हासिल करने की कवायद चल रही है।

उन्नाव रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदल रही है। कुछ साल पहले तक यह जंक्शन स्टेशन गंदगी से भरा रहता था। स्टेशन परिसर, कर्मचारी कालोनी और सभी पांच प्लेटफार्म के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये महीने खर्च किए जाते थे। इसके बाद मंडल कार्यालय स्तर पर एक एजेंसी को सफाई का ठेका दिया गया। इस समय आरएन इंडस्ट्रीज के हाथ में सफाई व्यवस्था का जिम्मा है।

स्टेशन को कोरोना मुक्त बनाए रखने के लिए सफाई कर्मी सैनिटाइजेशन के साथ सफाई करते हैं। यह सारी व्यवस्था सितंबर से शुरू होने वाले स्वच्छता पखवारा के लिए की जाती है। इससे स्टेशन की जहां स्वच्छता रैंकिंग बढ़ सके और वहीं जंक्शन को अधिक सुविधा मिलें। पिछले वर्ष क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) सर्वे में उन्नाव रेलवे स्टेशन को 357 वां स्थान मिला था।

स्टेशन अधीक्षक एचएस मेंहदी ने कहा कि उन्नाव रेलवे स्टेशन साफ-सुधरा रहता है। दिन-रात इसकी सफाई के लिए सफाई कर्मी लगे हैं। आधुनिक मशीनों से स्टेशन को स्वच्छ बनाए रखा जाता है। कोशिश है कि और सुविधाओं से स्टेशन को बेहतर बनाया जाए।

आधुनिक मशीनों से रेलवे स्टेशन पर होती सफाई

रेलवे स्टेशन पर सफाई के लिए 50 सफाई कर्मी हैं तथा इनकी तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगती है। हर दो घंटे में सैनिटाइजर के साथ स्टीम क्लीनिंग की जाती है। सभी व्यवस्था इको फ्रेंडली तरीके से हो रही है। स्टेशन पर पेस्ट कंट्रोलर की भी मशीन हैं जिससे यात्रियों को चूहे, मच्छर और कीड़े मकौड़ों का सामना भी स्टेशन पर नहीं करना पड़ता है। डस्ट मशीन तथा फ्लोर क्लींजर मशीन भी है। जिससे परिसर को चमाचम बनाया जाता है।

40 सीसीटीवी से होती निगरानी

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा और परिसर में सुरक्षा की निगरानी को लेकर 40 सीसीटीवी लगाए गए हैं। इससे रेलवे स्टेशन में आने-जाने वाले हर शख्स की निगरानी की जाती है। वहीं पेयजल के लिए दो ओवरहेड टैंक लगे हैं तो 22 वाटर स्टैंड और 168 टोटियां हैं।

रेलवे स्टेशन पर बंद है वाटर एटीएम

यात्रियों की सुविधा के लिए वाटर एटीएम भी लगाया गया है पर पिछले दो साल से यह शोपीस बनी हुआ है। लखनऊ से कांट्रेक्ट न उठने से लोगों को स्टेशन पर ओवरहेड से आने वाले पानी की सहारा लेना पड़ता है।

रेलवे स्टेशन पर फ्लोर क्लीनिंग मशीन से परिसर की सफाई करते कर्मचारी। संवाद

रेलवे स्टेशन पर फ्लोर क्लीनिंग मशीन से परिसर की सफाई करते कर्मचारी। संवाद– फोटो : UNNAO

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