गाजियाबाद में दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के पिता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि हैवानों ने हमारी फूल-सी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी, उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए, तभी इंसाफ होगा… यह कहते-कहते बच्ची के पिता का गला रुंध गया। उन्होंने कोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म के घटनाक्रम के बारे में बताया है। साथ ही मांग की है कि इंसाफ में देरी नहीं होनी चाहिए। पॉक्सो कोर्ट से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बनी उनकी 12 साल की बेटी हंसना-बोलना, खेलना-कूदना सब भूल गई है। वह हर वक्त गुमसुम रहती है, उसकी आवाज सुनने को भी कान तरस जाते हैं।
पिता ने कहा कि हमारी बेटी ऐसी नहीं थी, उसे टीवी पर कार्टून देखना पसंद था, अब टीवी ही नहीं देखती। पिता ने बताया, वह जब घर आते थे तो बिटिया चॉकलेट मांगती थी, अब हालत यह है कि उसे भूख भी लगती है तो कुछ खाती नहीं है। उसकी मां कई बार पूछती है, तब रोटी के दो टुकड़े खा लेती है।
बच्ची की मां भी कोर्ट में मौजूद रही। उनका बयान 17 अक्तूबर को दर्ज होगा। कोर्ट से बाहर आने पर उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा कि बेटी की हालत देखी नहीं जा रही। इस सदमे से उबरने में उसे लंबा वक्त लगेगा।
मकान की बनावट के बारे में पूछा
बचाव पक्ष के अधिवक्ता पूर्व सचिव मनमोहन शर्मा ने पीड़िता के पिता से जिरह करते हुए उसके मकान के बनावट के बारे में पूछा। इस पर बच्ची के पिता ने जवाब दिया और बताया कि पूरा घटनाक्रम कहां और कैसे हुआ।
गैंगस्टर एक्ट लगेगा
पुलिस जल्द ही आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करेगी। इसके लिए फाइल तैयार कर ली गई है। विधिक राय ली जा चुकी है। आरोपी डासना जेल में बंद हैं। इनमें दो सगे भाई और एक दुकानदार है। बच्ची की सहेली पर आरोपियों का साथ देने का आरोप है। वह बाल सुधार गृह में बंद है।