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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 19 Apr 2022 01:02 AM IST
सार
अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट के समक्ष अपना तर्क रखना चाहा लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने कहा कि मामले को दूसरी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने से पहले मुख्य न्यायमूर्ति के सामने प्रस्तुत किया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी के मामले में सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया है। कोर्ट ने मामले को मुख्य न्यायमूर्ति के पास भेजते हुए सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की पीठ ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट के समक्ष अपना तर्क रखना चाहा लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने कहा कि मामले को दूसरी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने से पहले मुख्य न्यायमूर्ति के सामने प्रस्तुत किया जाए। उनके द्वारा नामित किए गए जज के सामने मामले को पेश किया जाए। विधायक ने अपने खिलाफ आजमगढ़ जिले के तरवा थाना में गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में हाईकोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी दाखिल की है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी के मामले में सुनवाई से अपने आप को अलग कर लिया है। कोर्ट ने मामले को मुख्य न्यायमूर्ति के पास भेजते हुए सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की पीठ ने मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट के समक्ष अपना तर्क रखना चाहा लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने कहा कि मामले को दूसरी कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने से पहले मुख्य न्यायमूर्ति के सामने प्रस्तुत किया जाए। उनके द्वारा नामित किए गए जज के सामने मामले को पेश किया जाए। विधायक ने अपने खिलाफ आजमगढ़ जिले के तरवा थाना में गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में हाईकोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी दाखिल की है।
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