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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 17 Feb 2022 10:16 PM IST
सार
अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी ने तर्क दिया कि याची की पत्नी डॉ. दीपशिखा सिंघल आगरा कॉलेज में 1994 से प्रवक्ता थीं। अगस्त 2018 में उनकी मौत हो गई। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवक्ता की मृत्यु के उपरांत उनके समस्त देयकों का भुगतान कर दिया, लेकिन ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया।
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विस्तार
अधिवक्ता कमल कुमार केसरवानी ने तर्क दिया कि याची की पत्नी डॉ. दीपशिखा सिंघल आगरा कॉलेज में 1994 से प्रवक्ता थीं। अगस्त 2018 में उनकी मौत हो गई। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवक्ता की मृत्यु के उपरांत उनके समस्त देयकों का भुगतान कर दिया, लेकिन ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया। ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए उसने कई बार उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष प्रत्यावेदन किया गया।
सिंघल के प्रत्यावेदन को उच्च शिक्षा निदेशक ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि सेवाकाल में उनकी पत्नी द्वारा कभी 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं लिया गया। इसके बाद सिंघल ने उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से पारित आदेश को गलत माना और याची को ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया।
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