हाईकोर्ट का आदेश : फतेहपुर की गायब युवती की जांच की निगरानी करेंगे डीजीपी

0
36

[ad_1]

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र से गायब युवती के मामले में जांच पर असंतोष जताते हुए मामले की निगरानी प्रयागराज के आईजी की बजाय डीजीपी यूपी को सौंपी है। यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने कलावती और अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने पुलिस को एक और अवसर देते हुए युवती को पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि यह पुलिस के लिए अंतिम अवसर होगा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने गायब युवती को पेश न कर पाने के कारण नाराजगी जताते हुए कहा था कि क्यों न मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाए। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने एक और अवसर देने की अनुमति मांगी थी।

कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख लगाई थी। साथ ही आईजी प्रयागराज व संबंधित पुलिस अफसरों को मौजूद रहने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने एसपी फतेहपुर के हलफनामे पर आपत्ति जताई थी। कहा था कि ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी मामले को सात लाख रुपये में समझौता कराकर रफादफा करना चाहते हैं। जबकि पुलिस का यह भी मानना है कि युवती विपक्षी के साथ है।

यह भी पढ़ें -  यूपी चुनाव: अंतिम चरण में बड़ी पार्टियों से कौन-कौन मैदान में? देखिए पूरी लिस्ट

इसके बावजूद पुलिस उसे ढूंढ़ नहीं पा रही है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अफसरों की अलग-अलग कहानियों पर भी नाराजगी जताई थी। याची ने अपनी बेटी के गायब होने का आरोप विपक्षियों पर लगाया है। कहा है कि पुलिस अधिकारी और एससी-एसटी आयोग तक शिकायत के बावजूद उसकी एफआइआर दर्ज नहीं हुई इसलिए मजबूर होकर उसने यह याचिका दाखिल की है।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र से गायब युवती के मामले में जांच पर असंतोष जताते हुए मामले की निगरानी प्रयागराज के आईजी की बजाय डीजीपी यूपी को सौंपी है। यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने कलावती और अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने पुलिस को एक और अवसर देते हुए युवती को पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि यह पुलिस के लिए अंतिम अवसर होगा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने गायब युवती को पेश न कर पाने के कारण नाराजगी जताते हुए कहा था कि क्यों न मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाए। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने एक और अवसर देने की अनुमति मांगी थी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here