हाईकोर्ट का आदेश : विश्वेश्वरनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मामले की 29 मार्च से लगातार होगी सुनवाई

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 24 Mar 2022 11:05 PM IST

सार

कोर्ट ने कहा कि बृहस्पतिवार को समय को समय की कमी की वजह से मामले का पूरी तरह से निस्तारण नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित कर दी।

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ज्ञानवापी-वाराणसी स्थित स्वयं-भू भगवान विश्वेश्वरनाथ मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 29 मार्च से लगातार सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने मंदिर परिसर का सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तरफ से दाखिल याचिका और अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।

कोर्ट ने कहा कि बृहस्पतिवार को समय को समय की कमी की वजह से मामले का पूरी तरह से निस्तारण नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित कर दी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मामले में पक्षों की ओर से दिए गए तर्क वाद के निस्तारण तक बने रहेंगे।इसके पूर्व कोर्ट के समक्ष विपक्षी पक्ष की ओर से अतिरिक्त लिखित बहस प्रस्तुत किया गया। जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले लिया।

विश्ववेश्वर मंदिर सतयुग से अस्तित्व में है
प्रस्तुत बहस में सीपीसी के आदेश सात नियम 11 डी के तहत वाद की पोषणीयता पर आपत्ति अर्जी दाखिल की थी। मगर उस पर बल न देकर जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बिंदु तय किए हैं। विपक्षी पक्ष की ओर से कहा गया है कि विश्वेश्वर नाथ मंदिर के पूजा स्थल का धार्मिक स्वरूप 15 अगस्त 1947 की स्थिति में बना हुआ है। इसलिए विश्वेश्वर नाथ मंदिर के मामले में पूजा स्थल अधिनियम 1991 के प्रावधान लागू नहीं किए जा सकते हैं। 

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विपक्षी पक्ष की ओर से कहा गया कि वादी के कथनों से यह स्पष्ट है कि विचाराधीन संपत्ति अर्थात भगवान विश्वेश्वर का मंदिर प्राचीन काल से अर्थात् सतयुग से अस्तित्व में है और स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर विवादित ढांचे में स्थित है। इसलिए विवादित भूमि अपने आप में भगवान विश्वेश्वर का अभिन्न अंग है।

विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गया कि मंदिर अपने आकार और आकार के बावजूद भूतल का तहखाना अभी भी वादी के कब्जे में है जो कि 15 वीं शताब्दी से पहले निर्मित पुराने मंदिर की संरचना है। कोर्ट ने इन तर्कों को सुनने के बाद मामले की सुनवाई के लिए आगे की तिथि सुनिश्चित कर दी।

विस्तार

ज्ञानवापी-वाराणसी स्थित स्वयं-भू भगवान विश्वेश्वरनाथ मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 29 मार्च से लगातार सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने मंदिर परिसर का सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तरफ से दाखिल याचिका और अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।

कोर्ट ने कहा कि बृहस्पतिवार को समय को समय की कमी की वजह से मामले का पूरी तरह से निस्तारण नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित कर दी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मामले में पक्षों की ओर से दिए गए तर्क वाद के निस्तारण तक बने रहेंगे।इसके पूर्व कोर्ट के समक्ष विपक्षी पक्ष की ओर से अतिरिक्त लिखित बहस प्रस्तुत किया गया। जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले लिया।

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